चोट एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें शरीर का कोई भी भाग क्षतिग्रस्त हो सकता है। यह किसी भी प्रकार और कारण से लग सकती है। अक्सर चोट का कारण कुछ भी हो सकता है- जैसे मार-पीट, लड़ाई-झगड़ा, एक्सीडेंट और उत्पात, यह सभी कहीं पर भी किसी भी समय किसी के भी साथ हो सकते हैं।

चोट के कई प्रकर जैसे खरोंच, फ्रैक्चर, जोड़ो को क्षति पहुंचना, मोच, खिंचाव, जलना और सूजन आदि होते हैं। इसकी गंभीरता चोट लगने की स्थिति पर निर्भर करती है। इसी के अनुसार व्यक्ति को इलाज की आवश्यकता होती है। यदि चोट मामूली हो तो इसके लिए डॉक्टर को दिखाने की जरूरत नहीं होती, उन्हें घर पर ही ठीक किया जा सकता है। गंभीर या किसी संवेदनशील भाग पर चोट लगी हो तो इसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

मामूली या कम गंभीर चोटों के लिए आज हम आपको कुछ बेहद प्रभावशाली घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप घर पर ही अपनी किसी भी प्रकार की चोट का इलाज कर सकते हैं।

ध्यान रहे कि मामूली या पुरानी चोट को फर्स्ट ऐड (प्राथमिक चिकित्सा) या घरेलू उपचार से ठीक किया जा सकता है, लेकिन गंभीर चोट के लिए आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता होती है।

  1. हल्दी और अनानास है चोट लगने पर घरेलू उपचार - Haldi aur ananas hai chot lagne par gharelu upay
  2. अरंडी का तेल है चोट लगने पर घरेलू उपाय - Castor oil hai chot lagne par gharelu upay
  3. अदरक है चोट लगने का घरेलू इलाज - Adarak hai chot lagne la gharelu ilaj
  4. शहद है चोट का घरेलू नुस्खा - Honey hai chot ka gharelu nuskha
  5. लहसुन है चोट का रामबाण इलाज - lahsun hai chot ka ramban ilaj
  6. चोट लगने पर आजमाएं गेंदे का फूल - Chot lagne par aajmayen gende ka phool
  7. चोट लगने का देसी उपाय है बबूने का फूल - Chot lagne ka desi upay hai chamomile
  8. एलोवेरा है चोट का देसी नुस्खा - Aloe vera hai chot ka desi ilaj
  9. नारियल तेल है चोट लगने का देसी इलाज - Coconut oil hai chot lagne ka desi ilaj

हल्दी और अनानास के मिश्रण को एक साथ मिलाने से इलाज की प्रक्रिया में तेजी आती है। यह मिश्रण प्राकृतिक रूप से खून को पतला और दर्द कम करने के लिए जाना जाता है। इस उपाय को कई महिलाएं मासिक धर्म में भी इस्तेमाल करती हैं। इसके अलावा इसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ो के दर्द से आराम पहुंचाने में मदद करते हैं।

पहला उपचार - अनानास का जूस

आवश्यक सामग्री

  • 1 अनानास
  • ½ चम्मच हल्दी पाउडर
  • अदरक का एक टुकड़ा

इस्तेमाल का तरीका

  1. अनानास का जूस निकाल लें
  2. अब अदरक को अच्छे से पीस लें या घिस लें
  3. इसके बाद अनानास के रस में अदरक और हल्दी पाउडर मिलाएं और पी जाएं

कब इस्तेमाल करें

चोट ठीक होने तक इस मिश्रण को दिन में 2 बार पिएं।

दूसरा उपचार - हल्दी का पेस्ट

आवश्यक सामग्री

  • 2 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 बड़ा चम्मच नारियल तेल

इस्तेमाल का तरीका

  • हल्दी पाउडर में नारियल तेल को अच्छे से मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें
  • अब इस पेस्ट को अपने चोटग्रस्त भाग पर लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें
  • पेस्ट के पूरी तरह से सूख जाने पर गर्म पानी से धो लें

कब इस्तेमाल करें

दर्द, सूजन या मोच आदि ठीक होने तक रोजाना 2 या 3 बार यह प्रक्रिया दोहराएं।

तीसरा उपचार - हल्दी वाला दूध

आवश्यक सामग्री

  • 1 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 ½ कप दूध
  • ½ चम्मच शहद

इस्तेमाल का तरीका

  1. किसी बर्तन में दूध लें और उसे हल्की आंच पर गर्म होने के लिए रख दें
  2. अब इसमें हल्दी पाउडर डालें और तबतक मिलाएं जबतक दूध का रंग सुनहरा न हो जाए
  3. इसके बाद दूध में शहद मिलाकर उसे पी जाएं

कब इस्तेमाल करें

हल्दी वाले दूध का सुबह एक बार और रात में सोने से पहले एक बार सेवन करें।

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अरंडी के तेल में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो दर्द को कम करने और चोट को ठीक करने में मदद करते हैं। इसके अलावा कई मामलों में यह पुरानी चोट के निशान को हटाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल प्रभाव संक्रमण को फैलने से रोकते हैं और घाव को भरने में मदद करते हैं।

आवश्यक सामग्री

  • 2 चम्मच अरंडी का तेल
  • 1 कपड़ा या पट्टी

इस्तेमाल का तरीका

  1. अरंडी के तेल को एक कटोरी में लें और धीमी आंच पर गर्म कर लें
  2. अब इससे अपने प्रभावित हिस्से की मसाज करें
  3. इसके बाद इस पर कोई कपड़ा या पट्टी से बांध लें

कब इस्तेमाल करें

अरंडी के तेल से दिन में दो से तीन बार मसाज करें।

हल्दी की ही तरह अदरक में भी कई शक्तिशाली एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। अदरक को कई प्रकार की चोट के इलाज में उपयोग किया जाता है फिर चाहे वह हड्डियों में दर्द हो या मांसपेशियों में पहुंची कोई क्षति।

आवश्यक सामग्री

इस्तेमाल का तरीका

  1. इन सभी सामग्री की मदद से एक एंटी इंफ्लेमेटरी चाय बनाई जा सकती है, इसके लिए पानी में अदरक डालें और उसे हल्का गर्म कर लें
  2. इसके बाद इसमें चाय की पत्ती, नींबू और शहद मिलाएं
  3. अब इसे पी जाएं

इसके अलावा आप चाहें तो अदरक को सेंधा नमक के साथ अपने नहाने के पानी में मिलाकर स्नान भी कर सकते हैं। हालांकि, इस बात का खास ध्यान रखें कि अदरक गर्म और सूखी होती है तो यह आपकी त्वचा पर जलन उत्पन्न कर सकती है।

कब इस्तेमाल करें

इस उपाय को चोट ठीक होने तक दिन में 2 बार इस्तेमाल करें।

शहद इलाज की प्रक्रिया में तेजी लाता है और घाव को जल्दी भरने में मदद करता है। कुछ शोधों की मानें तो शहद कई एंटीबायोटिक से अधिक प्रभावशाली होता है। एक लैब टेस्ट में पाया गया कि शहद अधिकतर बैक्टीरियल सेल्स को नष्ट करने और उन्हें संक्रमण फैलाने से रोकने में सक्षम है।

आवश्यक सामग्री

  • 2 चम्मच शहद
  • इस्तेमाल का तरीका

शहद के इस उपचार को इस्तेमाल करना बेहद आसान है, बस आपको इसे अपने घाव पर लगाना है और ऐसे ही छोड़ देना है। इसके बाद इसे किसी साफ कपड़े या गुनगुने पानी से धो कर हटा लें। ध्यान रहे कि केवल रॉ हनी में ही एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।

कब इस्तेमाल करें

शहद के कोई हानिकारक प्रभाव नहीं होते हैं, इसलिए इसे आप चोट लगते ही इस्तेमाल कर सकते हैं।

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लहसुन में मौजूद एलीसिन रसायन बेहद प्रभावशाली उपचार होता है। यह एक बेहतरीन एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल दवा है जो लगभग हर प्रकार के घाव को भरने की क्षमता रखती है। इसके अलावा यह व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को भी स्ट्रांग करता है, जिससे इलाज की प्रक्रिया में तेजी आती है।

आवश्यक सामग्री

  • लहसुन की तीन कली
  • 1 कप वाइन

इस्तेमाल का तरीका

  1. लहसुन को अच्छे से पीसकर उसे वाइन में मिला लें और दो से तीन घंटों के लिए छोड़ दें
  2. अब इस मिश्रण को घाव पर किसी साफ कपड़े की मदद से लगाएं
  3. कुछ देर बाद इसे धों लें

कब इस्तेमाल करें

इस उपाय को दिन में एक से दो बार इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। ध्यान रखें कि लहसुन आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए इसे 20-25 मिनट से अधिक समय के लिए लगा न रहने दें।

यह खूबसूरत फूल एक दवा के रूप में काम आने वाली जड़ी-बूटी है। इस पौधे में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं जो त्वचा में संक्रमण, खरोंच और अंदरूनी चोट के इलाज में मदद करते हैं।

आवश्यक सामग्री

इस्तेमाल का तरीका

  1. मधुमोम को एक बंद बर्तन में रखें और उसे फिर किसी अन्य बर्तन में रखें जो उबलते पानी से भरा हो
  2. मधुमोम के पिघलने पर उसमें गेंदे का तेल डालें
  3. अब इसे 30 से 60 सेकंड तक गर्म होने के लिए छोड़ दें
  4. इसके बाद इसे तबतक मिलाएं जब तक मधुमोम और गेंदे का तेल पूरी तरह से मिक्स न हो जाए
  5. यदि आप लैवेंडर तेल का भी इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे गेंदे के तेल के साथ मधुमोम में कुछ देर और मिलाएं
  6. तैयार मिश्रण को किसी कटोरी या डिब्बी में भर लें
  7. अब इसे अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें

कब इस्तेमाल करें

चोट ठीक होने तक इस मिश्रण को रोजाना दो से तीन बार इस्तेमाल करें।

यह एक अन्य ऐसा फूल है जो इलाज की प्रक्रिया को तेज करता है। बबूने के फूल को कैमोमाइल भी कहा जाता है, इसमें कई चिकित्सकीय गुण मौजूद होते हैं। कुछ शोध में कैमोमाइल को इलाज की प्रक्रिया में कोर्टिकोस्टेरोइड दवा के मामले में अधिक प्रभावशाली पाया गया है।

आवश्यक सामग्री

  • 2 से 3 कैमोमाइल टी बैग
  • 1 कप पानी

इस्तेमाल का तरीका

  1. कैमोमाइल टी बैग को पानी में सोखने के लिए डालें
  2. अब थोड़े से पानी को बहार निकाल दें और टी बैग को अपने घाव के आसपास लगा लें
  3. इसके बाद इसके ऊपर कोई कपड़ा या पट्टी बांध लें
  4. इसके अलावा आप चाहें तो कैमोमाइल के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं

कब इस्तेमाल करें

इस उपाय को दिन में दो से तीन बार इस्तेमाल करें।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
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हम सभी जानते हैं कि एलोवेरा से जलने के निशानों को हटाया जा सकता है, लेकिन एलोवेरा पौधे के रस से खरोंच, चोट और अन्य प्रकार के घाव को भी ठीक किया जा सकता है। इसके एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण हर तरह की चोट को ठीक करने की क्षमता रखते हैं।

आवश्यक सामग्री

  • एलोवेरा पौधे की टहनी
  • चाकू

इस्तेमाल का तरीका

  1. एलोवेरा पौधे की एक टहनी लें और उसे चाकू की मदद से दो हिस्सों में काट लें
  2. अब इसके अंदर मौजूद तरल पदार्थ (जैल) को बाहर निकाल लें और एक कटोरी में भर लें
  3. इसके बाद एलोवेरा जैल को अपने घाव पर सीधा लगा लें और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें

कब इस्तेमाल करें

इस उपाय को चोट लगते ही इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। घाव भरने तक एलोवेरा का रोजाना इस्तेमाल करें।

नारियल तेल घाव को भरने में बेहद प्रभावशाली होता है। इसमें भी अन्य औषधियों की तरह एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण होते हैं जो घाव के निशानों को भी खत्म करने में मदद करते हैं।

आवश्यक सामग्री

  • 2 बड़े चम्मच नारियल तेल

इस्तेमाल का तरीका

इलाज की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए नारियल के तेल को सीधा अपनी चोट पर लगाएं और कुछ समय के लिए छोड़ दें। आप चाहें तो नारियल तेल को लगाने के बाद उसके ऊपर बैंड-ऐड या कपड़ा भी बांध सकते हैं।

कब इस्तेमाल करें

नारियल तेल को चोट के ठीक होने तक दिन में दो से तीन बार लगाया करें।

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