जोड़ों में दर्द एक आम समस्या है जो एक या दोनों जोड़ों को प्रभावित कर सकती है। यह दर्द तेज, कम, जलनशील या कम-ज़्यादा हो सकता है।

जोड़ों में दर्द के कई लक्षण हो सकते हैं जैसे - चोट, संक्रमण, गठिया और अन्य बीमारियां। इनमें से सबसे सामान्य कारण है गठिया, जो जोड़ों की सूजन होती है। गठिया के भी कई प्रकार होते हैं।
जोड़ों में दर्द के निदान के लिए सावधानीपूर्वक परीक्षण की आवश्यकता होती है जैसे - रक्त परीक्षण, एंटी-साय्क्लिक सिट्रुलिनटेड पेप्टाइ एंटीबॉडी परीक्षण (Anti-cyclic citrullinated peptide), रुमेटीड फैक्टर (आरएफ लेटेक्स) परीक्षण (Rheumatoid factor test), परीक्षण के लिए जोड़ों के तरल पदार्थ का परीक्षण, बैक्टीरिया कल्चर (Bacterial culture), क्रिस्टल विश्लेषण (Crystal analysis), प्रभावित जोड़ों के ऊतक की बायोप्सी।

जोड़ों में दर्द का उपचार प्रभावित जोड़ों, दर्द की गंभीरता और अंतर्निहित कारणों के आधार पर अलग-अलग होता है। उपचार इसके मूलभूत कारणों को ठीक करता और लक्षणों को कम या खत्म करता है।
जोड़ों में दर्द के निम्न स्तर का इलाज केमिस्ट से मिलने वाली दवाओं से किया जा सकता है जो दर्द और सूजन को कम कर देती हैं। इसका इलाज घर में बर्फ लगाकर, गर्म पानी से स्नान करके या कुछ व्यायाम करके भी किया जा सकता है।

अर्थ्राल्जिया (जोड़ों में दर्द) और आर्थराइटिस (गठिया) में अंतर - Difference between Arthralgia and Arthritis in Hindi

आर्थराइटिस (गठिया), जोड़ों की सूजन को कहा जाता है और अर्थ्राल्जिया (जोड़ों में दर्द) गठिया का एक लक्षण हो सकता है। इन दोनों में मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं -

  1. हालांकि दोनों जोड़ों में दर्द और गठिया में कई लक्षण एक जैसे हो सकते हैं मगर जोड़ों में कोई सूजन नहीं होने का मतलब है कि आपको केवल जोड़ों में दर्द है और सूजन के साथ दर्द होने का मतलब है कि आपको गठिया है।
  2. जोड़ों में दर्द के लक्षण नियमित या रोज़ाना हो सकते हैं या काफी समय में केवल एक बार भी हो सकते हैं। इसमें जलन, खुजली, सुन्न होना, दर्द या कोमलता, लाली, गर्माहट या सूजन, गतिविधि में कमी, कठोरता, झुनझुनी और अन्य असामान्य लक्षण होते हैं। जबकि गठिया में जोड़ों में दर्द, जोड़ों की जकड़न और सूजन होते हैं। इन लक्षणों की तीव्रता कम गंभीर से लेकर कमज़ोरी करने वाली तक भिन्न हो सकती हैं।
  3. जोडों में दर्द किसी चोट, संक्रमण, प्रतिरक्षा विकार, एलर्जी प्रतिक्रियाओं और अपजनन सम्बन्धी बीमारी के कारण हो सकता है। गठिया का कारण इसके प्रकार पर निर्भर करता है उदाहरण के लिए, जोड़ों के बीच उपस्थित कार्टिलेज के क्षरण के कारण अस्थिसंध्यार्ति या ऑस्टियोआर्थराइटिस होता है।
  4. जोखिम और जटिलताओं के मामले में गठिया और जोड़ों में दर्द काफी समान हैं।
  5. जोड़ों में दर्द का मतलब यह नहीं है की आपको गठिया है। हालांकि, यदि आपको गठिया हैं, तो आपको जोड़ों में दर्द भी हो सकता है।

जोड़ों में दर्द के लक्षण - Joint Pain (Arthralgia) Symptoms in Hindi

जोड़ों में दर्द और गठिया दोनों ही स्थितियों के लक्षण एक जैसे हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, दोनों स्थितियों में निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं -

  1. अकड़न।
  2. जोड़ों में दर्द।
  3. लाली।
  4. जोड़ों की गतिशीलता करने की क्षमता में कमी।

ये आमतौर पर केवल जोड़ों में दर्द के लक्षण हैं। गठिया में मुख्य रूप से जोड़ों की सूजन होती है और यह कई अंतर्निहित स्थितियों जैसे ल्यूपस (Lupus), सोरायसिस, गाउट या कुछ संक्रमण के कारण हो सकता है। 

गठिया के अतिरिक्त लक्षण हैं -

  1. जोड़ों की विरूपता।
  2. हड्डी और कार्टिलेज की हानि, जिससे जोड़ गतिहीनता हो जाते हैं।
  3. हड्डियों के आपस में खुरचने से तीव्र दर्द होना।

जोड़ों में दर्द के कारण - Joint Pain (Arthralgia) Causes in Hindi

जोड़ों में दर्द कई प्रकार की चोटों या स्थितियों के कारण हो सकता है। इसे गठिया, बर्साइटिस, और मांसपेशियों में दर्द से जोड़ा जा सकता है। जोड़ों में दर्द बहुत परेशान कर सकता है और इसके होने के कुछ कारण निम्नलिखित हैं -

  1. रूमेटीइड गठिया (Rheumatoid arthritis) और ल्यूपस (Lupus) जैसी ऑटोइम्यून बीमारियां।
  2. बर्साइटिस (Bursitis: जोड़ों में स्थित तरलयुक्त थैली की सूजन)।
  3. कोनड्रोमालाशिया पेटेलै (Chondromalacia patellae: एक ऐसी स्थिति जिसमें घुटनों के भीतर स्थित कार्टिलेज का क्षरण होता है)।
  4. गाउट (Gout)।
  5. वायरस के कारण संक्रमण।
  6. चोट, जैसे फ्रैक्चर।
  7. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)।
  8. ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis: हड्डियों का संक्रमण)।
  9. सेप्टिक गठिया (जोड़ों का संक्रमण)।
  10. टेंडनाइटीस (Tendinitis: मांसपेशियों और हड्डी को जोड़ने वाले ऊतक की सूजन)।
  11. ऐंठन या मोच।

जोड़ों में दर्द से बचाव - Prevention of Joint Pain (Arthralgia) in Hindi

आप घर पर कुछ सरल तकनीकों से अल्पकालिक जोड़ों के दर्द को दूर कर सकते हैं। जैसे-

  1. जोड़ों को ढक लें या लपेट लें।
  2. जोड़ को आराम दें तथा ऐसी किसी भी गतिविधि से बचें जिससे आपको दर्द हो।
  3. लगभग 15 मिनट के लिए प्रत्येक दिन में कई बार जोड़ों पर बर्फ लगाएं।
  4. कुछ लपेट कर जोड़ को दबाएं।
  5. जोड़ को दिल के स्तर से ऊपर उठाएं।

जोड़ों में बर्फ लगाने से दर्द और सूजन दूर हो सकते हैं। जोड़ों के आसपास मांसपेशियों की ऐंठन के लिए, एक हीटिंग पैड का उपयोग करें या उसे ढक कर रखें।

आपके चिकित्सक गतिविधि को कम करने या दर्द को कम करने के लिए जोड़ पर पट्टी बांधने के लिए कह सकते हैं लेकिन लंबे समय तक पट्टी बांध कर रखने से जोड़ कठोर हो सकता है और काम करना बंद कर सकता है।

जोड़ों में दर्द का परीक्षण - Diagnosis of Joint Pain (Arthralgia) in Hindi

सभी जोड़ों के दर्द में आपातकालीन देखभाल की आवश्यकता है। यदि आपको हल्के से मध्यम जोड़ों में दर्द होता है, तो आपको अपने डॉक्टर के साथ नियमित जाँच करानी चाहिए। यदि आपके जोड़ों में दर्द के साथ लाली, सूजन या कोमलता होती है, तो इन लक्षणों को अपने चिकित्सक को बताएं।

हालांकि, अगर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर है या यदि आपको मधुमेह है, तो आपको तुरंत परीक्षण कराना चाहिए। डॉक्टर आपके जोड़ों के दर्द से जुड़े लक्षणों का मूल्यांकन करेंगे और जिस गतिविधि के कारण आपके जोड़ों में दर्द शुरू हुआ है उसका भी परीक्षण करेंगे।
परीक्षा के बाद, अन्य टेस्ट आवश्यक हो सकते हैं। जैसे -

  1. रक्त परीक्षण, जो एरिथ्रोसाइट सेडीमेन्टेशन दर (एसएसआर/एसएडी रेट) या सी-रिएक्टिव प्रोटीन स्तरों को जाँच सकते हैं।
  2. एंटी-साय्क्लिक सिट्रुलिनटेड पेप्टाइड (एंटी-सीसीपी) एंटीबॉडी परीक्षण।
  3. रुमेटीड कारक (आरएफ लेटेक्स) परीक्षण।
  4. जोड़ों के बीच के तरल का बैक्टीरियल संस्कृति और क्रिस्टल विश्लेषण के लिए परीक्षण।
  5. प्रभावित जोड़ों के ऊतक की बायोप्सी।

जोड़ों में दर्द का इलाज - Joint Pain (Arthralgia) Treatment in Hindi

जोड़ों में दर्द का उपचार उसके अंतर्निहित कारण की तरफ केंद्रित होता है। यदि समस्या चोट के कारण हुई है, तो प्रारंभिक उपचार में आराम और सूजन कम करने वाली दवाएं दी जाती हैं। दर्द नियंत्रण के लिए अतिरिक्त दवाएं आवश्यक हो सकती हैं। शारीरिक चिकित्सा की आवश्यकता भी हो सकती है।
जोड़ों में दर्द के मुख्य उपचार हैं -

  1. आराम
     
  2. दर्द निवारक दवाएं
    कुछ दर्दनाशक या दर्द निवारक दवाएं हैं पेरासिटामोल, इबुप्रोफेन, डायक्लोफेनैक इत्यादि। यह गैर-स्टेरायडल, सूजन निवारक दवाओं या एनएसएआईडीएस (NSAIDs) की श्रेणी में आती हैं।
    एनएसएआईडीएस में दर्द से राहत लाने के साथ-साथ सूजन में कमी लाने की क्षमता भी होती है। हालांकि, इन दवाओं का दीर्घकालिक उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि वे गैस्ट्रिक अल्सर, गुर्दे की क्षति और हृदय रोग आदि सहित गंभीर दुष्प्रभावों का जोखिम पैदा कर सकते हैं।
    दर्द निवारक दवाओं का एक और वर्ग है ओपिओइड जो सूजन पर कोई प्रभाव नहीं डालता लेकिन एक बेहतर दर्द निवारक है। इन दवाओं का भी दीर्घकालिक उपयोग बहुत से दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है।
     
  3. दर्द निवाराव क्रीम
    मलहम और स्प्रे के रूप में कुछ दर्द निवारक क्रीम जोड़ों पर लगाईं जा सकती हैं।
     
  4. व्यायाम
    मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने और जोड़ों की गतिशीलता को बनाए रखने वाले व्यायाम जोड़ों के लिए लाभकारी होते हैं। इससे दर्द की वजह से जोड़ों की कठोरता और स्थिरता कम होती है।
     
  5. एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
    एंटीबायोटिक्स को जोड़ों के संक्रमण के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द के मामले में लिया जाता है।
     
  6. कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids)
    कॉर्टिकोस्टेरॉइड कई गठिया रोग सम्बन्धित और स्व-प्रतिरक्षित स्थितियों में उपयोग किए जाते हैं क्योंकि वे सूजन को कम करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को अवरोधित या धीमा करते हैं।
     
  7. जीवनशैली परिवर्तन
    एक स्वस्थ आहार लेने, वज़न कम करने और सामान्य वजन बनाए रखने जैसी जीवन शैली आदतों में बदलाव जोड़ों के दर्द में मदद कर सकते हैं।

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  8. सप्लीमेंट्स
    कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक का उपयोग हड्डियों के नुकसान को रोकने के लिए किया जाता है और एलोप्यूरिनॉल (Allopurinol) एक एंजाइम अवरोधक होता है जो गाउट में प्रयोग किया जाता है।
     
  9. थेरेपी
    जल थेरेपी और गर्म व ठंडी फोमेंटेशन थेरेपी जोड़ों के दर्द में लाभकारी होती हैं।
     
  10. चिकित्सा उपकरण
    गतिशीलता में सुधार के लिए चिकित्सा उपकरणों जैसे कि स्प्लिंट्स, ब्रेसेस, बैसाखी, व्हीलचेयर आदि का उपयोग किया जाता है।
     
  11. सर्जिकल थेरेपी
    सर्जिकल थेरेपी में दर्द को दूर करने और बेहतर गतिशीलता के लिए कृत्रिम जोड़ों का प्रतिस्थापन किया जाता है।

जोड़ों में दर्द के जोखिम और जटिलताएं - Joint Pain (Arthralgia) Risks & Complications in Hindi

जोड़ों में दर्द के जोखिम कारक निम्नलिखित हैं -

  1. बड़ी उम्र।
  2. मोटापा।
  3. दर्द की जगह की बार-बार गतिशीलता।
  4. पहले की चोट या सर्जरी।

जोड़ों में दर्द की जटिलताएं -

गठिया या जोड़ों में दर्द की गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। यदि यह अनुपचारित छोड़ दिए जाते हैं या यदि कोई अंतर्निहित स्थिति का उपचार नहीं किया जाता है तो निम्नलिखित स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं -

  1. ल्यूपस - यह एक स्व-प्रतिरक्षित स्थिति है जो किडनी की विफलता, दिल के दौरे और श्वास लेने में दर्द का कारण बन सकती है।
  2. सोरायसिस - यह एक त्वचा की बीमारी जो हाई बीपी, शुगर (मधुमेह) और गुर्दे की बीमारी से जुड़ी हो सकती है।
  3. गाउट - यह एक प्रकार का गठिया है जो गुर्दे की पथरी, गांठ (टोफी; tophi), जोड़ों की गतिशीलता में कमी और तीव्र व बार-बार होने वाले दर्द का कारण बन सकता है।

जोड़ों में दर्द की जटिलताएं आमतौर पर गंभीर नहीं होती हैं, जब तक कि यह किसी अंतर्निहित सूजन की स्थिति से उत्पन्न नहीं होती।

जोड़ों में दर्द में परहेज़ - What to avoid during Joint Pain (Arthralgia) in Hindi?

यदि आपको जोड़ों में दर्द है या अगर आप इसके खतरे में हैं, तो इन प्रकार के खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें -

  1. तले हुए खाद्य पदार्थ।
  2. चीनी।
  3. शराब।
  4. बाहर का खाना।
  5. आटा-आधारित उत्पाद।
  6. ट्रांस-संतृप्त फैट वाले खाद्य पदार्थ।
  7. कोक और पेप्सी जैसे सॉफ्ट ड्रिंक।

जोड़ों में दर्द होने पर वज़न का ज़्यादा होना और खराब मुद्रा में बैठना या लेटना स्थिति को और गंभीर कर सकता है।

जोड़ों में दर्द में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Joint Pain (Arthralgia) in Hindi?

निम्नलिखित खाद्य पदार्थ जोड़ों को असुविधा रहित और लचीला रखने में भी मदद कर सकते हैं -

  1. सैल्मन - कुछ प्रकार की मछलियां ओमेगा -3 फैटी एसिड नामक तेल में समृद्ध होती हैं। ये स्वस्थ फैट सूजन को रोकते हैं और सुबह के समय होने वाली जोड़ों की कठोरता और कोमलता से राहत में मदद करते हैं।
  2. चेरी - चेरी जोड़ों के दर्द से बचाती है और जोड़ों में दर्द के लक्षणों को दूर करने में मदद करती है।
  3. जैतून का तेल - यह दर्द को कम करने में सहायता करता है।
  4. हल्दी - यह जोड़ों में दर्द से बचाती है।
  5. ग्रीन टी - यह जोड़ों की सूजन से बचाती है।
  6. ब्रोकोली - ब्रोकोली में एक सल्फरयुक्त एंटीऑक्सीडेंट होता है जो जोड़ों के दर्द या सूजन की गंभीरता को कम करता है।

जोड़ों में दर्द के लिए अन्य लाभकारी खाद्य पदार्थ हैं -

  1. शिमला मिर्च
  2. साइट्रस फल
  3. गोभी
  4. प्याज
  5. लीक (प्याज के प्रकार की एक वनस्पति)
  6. अदरक
  7. बटरनट स्क्वाश
  8. मशरूम
  9. अनानास
  10. कीवी
  11. पपीता

Dr. G Sowrabh Kulkarni

ओर्थोपेडिक्स
1 वर्षों का अनुभव

Dr. Shivanshu Mittal

ओर्थोपेडिक्स
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Saumya Agarwal

ओर्थोपेडिक्स
9 वर्षों का अनुभव

Dr Srinivas Bandam

ओर्थोपेडिक्स
2 वर्षों का अनुभव

जोड़ों में दर्द की दवा - OTC medicines for Joint Pain in Hindi

जोड़ों में दर्द के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

OTC Medicine NamePack SizePrice (Rs.)
Sarv Sukham Joint Support Capsule By Myupchar Ayurvedaएक बोतल में 60 कैप्सूल719.0
Sarv Sukham Joint Care Oil By Myupchar Ayurvedaएक बोतल में 100 ml ऑयल494.0
Sprowt Joint Support Supplement with Glucosamine 1600mg Per Serving For Knee and Joint Healthएक बोतल में 60 टैबलेट626.0
Sprowt Calcium Magnesium Zinc Vitamin D3, B12 & K-120 For Bone Health & Joint Support For Women and Menएक बोतल में 120 टैबलेट674.0
Flexabenz ER Capsuleएक पत्ते में 10 कैप्सूल165.3
REPL Pilelex Dropएक बोतल में 30 ml ड्रौप185.0
Ezact 90 Tabletएक पत्ते में 10 टैबलेट133.0
Etosaid 60 Tabletएक पत्ते में 10 टैबलेट67.7
Durajoint GM New Tabletएक पत्ते में 10 टैबलेट310.37
REPL Dr. Advice No.97 Tonsilitis Dropएक बोतल में 30 ml ड्रौप165.0
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