जोड़ों और घुटनों में होने वाला दर्द आपकी दिनचर्या को प्रभावित करता है. ऐसे में कई लोग जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए तरह-तरह की दवाइयों का सेवन करते हैं. इसके अलावा मार्केट में मौजूद क्रीम के इस्तेमाल से भी कई लोग जोड़ों के दर्द से राहत पाने की कोशिश करते हैं. लेकिन आपको बता दें कि आयुर्वेद में मौजूद तेलों के इस्तेमाल से भी आप जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते हैं.

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आज हम इस लेख में जोड़ों के दर्द के लिए आयुर्वेदिक तेल के बारे में बताएंगे.

  1. जोड़ों के दर्द के लिए कौन सा तेल लगाएं
  2. जोड़ों में दर्द होने पर कैसे करें मसाज
  3. सारांश
जोड़ों के दर्द के लिए कौन सा तेल लगाएं के डॉक्टर

काले जीरे का तेल

आयुर्वेद में काले जीरे का इस्तेमाल कई तरह की दवाओं को तैयार करने के लिए किया जाता है. इस जीरे से तैयार तेल का इस्तेमाल करने से आप जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते हैं. अगर आपको लगातार जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती है, तो दिन में कम से कम 3 बार जीरे के तेल से अपने जोड़ों की मालिश करें.

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अदरक का तेल

जोड़ों में दर्द होने पर आप अदरक के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. लगातार जोड़ों के दर्द में शिकायत होने पर आप नियमित रूप से अदरक के तेल से मालिश करें. इससे आपको काफी बेहतर रिजल्ट मिल सकता है. इसके अलावा ज्वाइंट पेन (Joint Pain) से राहत पाने के लिए शारीरिक एक्टिविटी पर भी ध्यान दें.

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लैवेंडर ऑयल

पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) की वजह से जोड़ों में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए आप लैवेंडर ऑयल से भी अपने घुटनों या फिर जोड़ों की मसाज कर सकते हैं. इससे आपको काफी आराम मिलेगा.

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लेमनग्रास ऑयल

रुमेटॉइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) से ग्रसित लोगों के लिए लेमनग्रास ऑयल फायदेमंद हो सकता है. यह जोड़ों के दर्द से आराम दिलाने में आपकी मदद करता है. अगर आपको रुमेटॉइड अर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में दर्द हो रहा है, तो नियमित रूप से लेमनग्रास ऑयल से अपने जोड़ों की मसाज करें. एक्सपर्ट का कहना है कि इस तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी का गुण पाया जाता है, जो अर्थराइटिस में होने वाले सूजन को कम करने में भी सहायक हो सकता है.

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हल्दी का तेल

मसालों के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली हल्दी का आयुर्वेद में भी विशेष महत्व है. इसमें करक्यूमिन (curcumin) नामक यौगिक होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है. हल्दी को तेल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. जोड़ों में दर्द और सूजन को ठीक करने के लिए आप हल्दी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. रुमेटॉइड गठिया से ग्रसित रोगियों के लिए हल्दी का तेल उपयोगी हो सकता है. आप नियमित रूप से इस तेल को अपने जोड़ों पर लगा सकते हैं. इससे आपको जोड़ों के दर्द से आराम मिल सकता है.

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लोबान का तेल

लोबान में एंटी-सेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द को दूर करने में मददगार हो सकते हैं. स्टडी के मुताबिक, लोबान का तेल अर्थराइटिस के लक्षणों जैसे- जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है. अगर आपको लगातार जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है, तो आप नियमित रूप से इस तेल से अपने घुटनों और प्रभावित हिस्से की मालिश कर सकते हैं.

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ऑरेंज ऑयल

संतरा स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसमें विटामिन सी भरपूर रूप से मौजूद होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि संतरे से तेल भी तैयार किया जाता है? जी हां, आयुर्वेद में संतरे के तेल का इस्तेमाल जोड़ों के दर्द से छुटकारा दिलाने में किया जाता है. इसमें एंटी-सेप्टिक (Antiseptic), एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-डिप्रेसेंट (antidepressant) गुण मौजूद होते हैं, जो जोड़ों में होने वाले दर्द, सूजन से आराम दिलाने में असरदार साबित हो सकते हैं. अगर आपको जोड़ों में दर्द की शिकायत है, तो आप इस तेल से नियमित रूप से मालिश कर सकते हैं.

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जॉइंट पेन के लिए कुछ अन्य आयल

निर्गुण्डी तेल
आयुर्वेद में निर्गुण्डी तेल का अपना ही महत्व है। यह मांसपेशियों को रिलैक्स करने और एंटीहिस्टामाइन के गुणों के लिए जाना जाता है। एक शोध अध्ययन के अनुसार निर्गुण्डी तेल, दशमूल घृत को गर्म पानी में मिलाकर दो महीने तक लगाने से जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है। इसके और भी फायदे हैं।

पंचमुलदी तेल
वात दोष के लोगों में अक्सर जोड़ों में दर्द या अर्थराइटिस की समस्या देखने को मिलती है। ऐसे में पंचमुलदी तेल सहायक हो सकता है। यह आमवात की वजह को खत्म करता है। अतः यह कार्डिनल लक्षणों में भी इसे उपयोगी माना गया है। अगर आपको जोड़ों में अक्सर दर्द रहता है तो इस तेल का इस्तेमाल करें। इससे आपको जल्द असर दिखने लगेगा।

रसना तेल
रसना तेल का स्वाद कड़वा जरूर है लेकिन यह आपको कई तरह से फायदा पहुंचा सकता है। यह नपुंसकता में कारगर है। यह कफ और वात दोनों तरह के दोष में उपयोगी है। अतः माना जाता है कि यह दर्द और जकड़न को कम कर पीठ और साइटिका के दर्द में आराम देता है। आयुर्वेद के अनुसार रसना अमहरा जड़ी बूटियों में से एक है। यह मेटाबॉलिज्म को बेहतर कर शरीर को साफ रखता है। इसके साथ ही सूजन और जलन को कम करने में भी यह सहायक है।

गंध तेल
आयुर्वेद के अनुसार गंध तेल आपकी हड्डियों के लिए काफी अच्छा होता है। अतः जो लोग हड्डियों के दर्द या जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, उनके लिए यह काफी उपयोगी है। विशेषज्ञों की सलाह पर आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। वैसे यह वात और पित्त से होने वाली सभी बीमारियों में लाभकारी है। इस तेल को आप लगा भी सकते हैं और नास्य (नाक से औषधी डालने की विधि) के रूप में ले भी सकते हैं।

बला तेल
बला तेल में सूजन को कम करने की क्षमता होती है। यदि आपको शरीर के किसी हिस्से में सूजन हो तो इसके इस्तेमाल से सूजन को कम कर सकते हैं। एक शोध ने भी इस बात को साबित किया है। आयुर्वेद के अनुसार जिन तेल में बला का इस्तेमाल किया जाता है, वह वात के लिए उपयोगी होते है। इसके साथ ही कई अन्य बीमारियों में भी यह तेल फायदेमंद है। खासकर जोड़ों के दर्द में यह काफी प्रभावशाली है। इसकी जड़ी-बूटी को मसाज करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। यह हर तरह के अर्थराइटिस के दर्द में कारगर है। इसके साथ ही महिलाओं और पुरूषों की नपुंसकता को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां तक कि हड्डी का टूटनाखांसीट्यूमरहर्निया जैसी बीमारियों में यह भी कारगर है।

जोड़ों में दर्द की शिकायत होने पर कभी भी ज्यादा दबाव डालकर मसाज ना करें. इससे आपको परेशानी हो सकती है. तेल लेकर हमेशा हल्के हाथों से मसाज करना चाहिए. आइए जानते हैं जोड़ों में दर्द होने पर कैसे करें मसाज?

  • ज्वाइंट्स में दर्द होने पर सबसे पहले एक कटोरी में 2 चम्मच वाहक तेल (carrier Oils) जैसे नारियल तेल, बादाम तेल, एवोकाडो ऑयल, जोजोबा ऑयल लें. दरअसल, इन तेल से आपके स्किन की सुरक्षा होती है. साथ ही रगड़ने में भी आसान हो सकता है. 
  • इसके बाद इस कटोरी में आयुर्वेदिक तेल की 10 से 15 बूंदें  डालकर तेल को अच्छे से मिक्स करें.
  • दोनों तेलों से तैयार मिश्रण को जोड़ों के दर्द से प्रभावित हिस्से पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें. 
  • इस तेल से आप अपने पैरों, बाजूओं, कमर, गर्दन, कान के पीछे भी मसाज कर सकते हैं. इससे आपको काफी आराम महसूस होगा.

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जोड़ों या घुटनों में दर्द की शिकायत होने पर आप इन आयुर्वेदिक तेलों का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि अगर आपको जोड़ों में लगातार दर्द की शिकायत बनी रहती है, तो एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. ताकि डॉक्टर आपको उचित सलाह दे सके. साथ ही अपना रुटीन चेकअप जरूर कराएं. साथ ही डाइट और एक्सरसाइज पर ध्यान दें.

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