लिवर मनुष्य के शरीर का सबसे अहम हिस्सा है. यह ब्लड टॉक्सिन को फिल्टर करने, एनर्जी जमा करना, हार्मोनप्रोटीन का निर्माण करना और कोलेस्ट्रॉल के साथ ब्लड शुगर को नियमित करने का काम करता है. अगर कोई व्यक्ति लगातार शराब का सेवन करता है, तो लिवर के हेल्दी टिश्यू नष्ट होने लगते हैं और उनकी जगह स्कार टिश्यू आ जाते हैं. इस स्थिति को मेडिकल भाषा में  अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस कहा जाता है.

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आज इस लेख में आप अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में जानेंगे -

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  1. अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस के लक्षण
  2. अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस के कारण
  3. अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस का इलाज
  4. सारांश
  5. अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस के लक्षण शुरुआती स्टेज में ज्यादा नजर नहीं आते, लेकिन बीमारी के बढ़ने के साथ ही दिखने लगते हैं. ये लक्षण निम्न प्रकार के हो सकते हैं -

  • जॉन्डिस यानी त्वचा और आंखों का रंग पीला या सफेद पड़ जाना.
  • लिवर में जाने वाले नसों में ब्लड प्रेशर का बढ़ जाना, इसे पोर्टल हाइपरटेंशन कहा जाता है.
  • स्किन में खुजली होना, जिसे प्रुरिटस कहा जाता है.

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अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस तब होता है, जब व्यक्ति लंबे समय तक शराब का ज्यादा सेवन करता रहता है. इसके अन्य कारण में मोटापा व हेपेटाइटिस-सी भी शामिल है. आइए, अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस के कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

  1. शराब का ज्यादा सेवन
  2. मोटापा
  3. महिला होना
  4. हेपेटाइटिस सी
  5. आनुवंशिक

शराब का ज्यादा सेवन

अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस बहुत ज्यादा शराब के सेवन के परिणाम के रूप में होता है. नियमित तौर पर ज्यादा शराब का सेवन करने से अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस होने का जोखिम बढ़ता जाता है.

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मोटापा

बहुत ज्यादा वजन का होना यानी मोटापा भी अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस का एक कारण है. 

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महिला होना

यह पढ़ने में थोड़ा अजीब लगे, लेकिन शोध के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर अल्कोहल के सेवन का विपरीत प्रभाव ज्यादा पड़ता है.

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हेपेटाइटिस सी

अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही हेपेटाइटिस सी जैसी लिवर से जुड़ी कोई भी बीमारी हो और वह शराब का ज्यादा सेवन करता हो, तो उसे अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस का जोखिम बना रहता है.

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आनुवंशिक

अगर परिवार में किसी को पहले से शराब के सेवन की वजह से यह बीमारी हो, तो आने वाली पीढ़ी में से किसी को भी यह समस्या अपना शिकार बना सकती है.

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यूं तो लिवर की बीमारी का इलाज है, लेकिन अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस को बिल्कुल ठीक नहीं किया जा सकता है. अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस का पता लगते ही शराब का सेवन तुरंत बंद करना, अतिरिक्त प्रोटीन का सेवन और लिवर ट्रांसप्लांट इस समस्या को आगे बढ़ने से रोक सकते हैं और लक्षण को कम कर सकते हैं. आइए, अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस के इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं -

  1. शराब का सेवन तुरंत बंद
  2. कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी
  3. दवाइयां
  4. लाइफस्टाइल में बदलाव
  5. अतिरिक्त प्रोटीन का सेवन
  6. लिवर ट्रांसप्लांट

शराब का सेवन तुरंत बंद

अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस के इलाज के तौर पर सबसे पहले शराब का सेवन तुरंत बंद करना जरूरी है. इस तरह से स्थिति में सुधार होता है, लेकिन अगर शराब का सेवन फिर से शुरू कर दिया जाए, तो कंडीशन पहले की तरह हो सकती है.

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कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी से शराब पर निर्भर रहने वाले व्यक्ति को शराब छोड़ने में मदद मिल सकती है. इसके लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर में रहने की सुविधा का लाभ लिया जा सकता है, ताकि मरीज को नजदीक से मॉनिटर किया जा सके.

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दवाइयां

डॉक्टर द्वारा बताई गई कुछ दवाइयों के सेवन से अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस का इलाज किया जा सकता है. ये दवाइयां लिवर में सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं.

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लाइफस्टाइल में बदलाव

डॉक्टर वजन कम करने और स्मोकिंग के लिए मना कर सकते हैं, क्योंकि ज्यादा वजन और स्मोकिंग दोनों अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस के लक्षणों को और खराब कर सकते हैं.

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अतिरिक्त प्रोटीन का सेवन

इस स्थिति में मरीज को अतिरिक्त प्रोटीन दिया जा सकता है, ताकि एन्सेफ्लोपैथी यानी ब्रेन डिजीज के विकसित होने के जोखिम को कम किया जा सके.

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लिवर ट्रांसप्लांट

लिवर ट्रांसप्लांट तभी किया जा सकता है, जब कोई डोनर उपलब्ध हो. लिवर ट्रांसप्लांट उन्हीं लोगों का किया जा सकता है, जो इस प्रक्रिया से कम से कम 6 महीने पहले अल्कोहल छोड़ चुके होते हैं.

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अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस की समस्या लंबे समय तक ज्यादा शराब के सेवन से होती है. इसके लक्षण के तौर पर जॉन्डिस नजर आ सकता है. ऐसे में तुरंत शराब का सेवन बंद कर, कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी और लाइफस्टाइल में बदलाव कर इस समस्या को ठीक किया जा सकता है. वहीं, गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट तक किया जा सकता है.

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