बदलती जीवनशैली, खराब खानपान, काम का अतिरिक्त दबाव और तनाव आदि वजहों ने पुरूषों की प्रजनन क्षमता और यौन इच्छा को प्रभावित किया है। कुछ वैध और अवैध दवाएं भी पुरुष प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।  स्टेरॉइड्स और टेस्टोस्टेरोन के लेने की वजह से भी पुरूषों की यौन इच्छा कम होती है। आइए इस संबंध में आगे विस्तार से जानते हैं।

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टेस्टोस्टेरोन तथा पुरूष प्रजनन क्षमता और यौन इच्छा

विशेषज्ञों का कहना है कि टेस्टोस्टेरोन पुरूषों में गर्भ निरोधक की तरह काम करता है। हालांकि टेस्टोस्टेरोन लेने से मांसपेशियां बढ़ती हैं, जिससे यह भ्रम होता है कि प्रजनन क्षमता भी बेहतर होगी। जबकि ऐसा नहीं है। टेस्टोस्टेरोन की वजह से पुरूषों का बदन महिलाओं के लिए आकर्षक महसूस होता है। लेकिन यह अल्पकालीन लाभ है। इसके विपरीत टेस्टोस्टेरोन पुरूषों की प्रजनन क्षमता को क्षति पहुंचाता है। हालांकि यह तथ्य इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति अपनी मांसपेशियों के विकास के लिए इनको किस प्रकार ले रहा है। यदि कोई व्यक्ति सीमित मात्रा में इसे रोजाना लेता है तो इससे ऊर्जा और पुरूषों की यौन इच्छा में बढ़ोत्तरी होती है।

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कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि टेस्टोस्टेरोन के हाई डोज लेने की वजह से पुरूषों का स्पर्म काउंट तेजी से घटने लगता है। एक्सपर्ट खासतौर पर सलाह देते हैं कि किसी भी पुरूष को ऐसे कोई सप्लीमेंट नहीं लेने चाहिए जो उनके शारीरिक टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावित करते हैं। बहरहाल जो पुरूष नियमित टेस्टोस्टेरोन का इस्तेमाल करते हैं, उनमें कुछ नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं मसलन गंजापन आदि। यही वजह है कि एक समय के बाद ज्यादातर बाॅडी बिल्डर्स अपने सिर शेव करवा लेते हैं। इसके साथ ही टेस्टोस्टेरोन की वजह से शरीर का प्राकृतिक साइकिल बिगड़ जाता है जिससे प्राकृतिक टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन रुकता है। परिणामस्वरूप टेस्टिक्युलर एट्रोफी या अंडकोष के सिकुड़न जैसी समस्या हो जाती है। इसके साथ ही पुरुषों में सेक्स की चाह भी कम होती है।

जैसा कि आप जानते ही होंगे कि अंडकोष के सिकुड़ने की वजह से पुरूषों के प्रजनन क्षमता कम होती है। जब टेस्टोस्टेरोन का उपयोग किया जाता है, तो टेस्टिस बंद हो जाते हैं और टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है। नतीजतन पुरूषों को स्तंभन दोष और इनफर्टिलिटी की समस्या झेलनी पड़ती है। इसका मतलब यही है पुरुष सेक्स करने के नाकाबिल हो जाते हैं।

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स्टेरॉयड तथा पुरूष प्रजनन क्षमता और यौन इच्छा

टेस्टोस्टेरोन की ही तरह स्टेरॉयड भी मसल्स बनाने के काम आते हैं। ये मांसपेशियों को बढ़ाते हैं और शरीर की वसा को कम करते हैं। हाल के दिनों में एनाबाॅलिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल एथलीट और नाॅन-एथलीट के बीच काफी ज्यादा बढ़ा है। दुर्भाग्यवश, स्टेरॉयड पुरूषों की मेल फर्टिलिटी को प्रभावित करता है। दरअसल स्टेरॉयड हार्मोन के सिग्नल को प्रभावित कर स्पर्म की उत्पादकता को कम करता है। कोई व्यक्ति विशेष कितना डोज लेता है, कितने समय से ले रहा है ये सब बातें भी इसमें मायने रखती हैं। ज्यादातर पुरूषों में स्टेरॉयड बंद करने के 3 से 12 माह के बीच वीर्य की उत्पादकता समान्य हो जाती है।

बहरहाल पुरूष अगर सामान्य जीवन जीना चाहते हैं और सेक्स का भरपूर मजा लेना चाहते हैं तो उन्हें स्टेरॉयड और टेस्टोस्टेरोन जैसे सप्लीमेंट से दूर रहना चाहिए।

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