अंडाशय महिलाओं का प्रमुख प्रजनन अंग होता है. हर महीने अंडाशय से ही अंडा निकलता है, जो फर्टिलाइजेशन के लिए जरूरी होता है. स्पष्ट रूप से कहा जाए, तो गर्भवती होने के लिए अंडाशय का स्वस्थ होना जरूरी है. वहीं, जो महिलाएं मां बन चुकी होती हैं, वो कुछ स्थितियों में खासतौर पर मासिक धर्म चक्र के दौरान कई तरह की परेशानी, जैसे- दर्द, पेट में ऐंठन व अंडाशय में कैंसर की समस्या होने पर अंडाशय निकलवाने का फैसला लेती हैं.
अंडाशय हटाने का ऑपरेशन एक ओर जहां महिलाएं अपनी कुछ परेशानियों को कम कर लेती हैं, तो वहीं दूसरी ओर अंडाशय हटाने के कुछ साइड-इफेक्ट जैसे- हर्निया, इंफेक्शन व ब्लीडिंग होने का खतरा रहता है.
आज इस लेख में हम अंडाशय हटाने के साइड इफेक्ट के बारे में विस्तार से जानेंगे -
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अंडाशय हटाने के दुष्प्रभाव
अंडाशय में ट्यूमर, अंडाशय में सिस्ट बनना, अस्थानिक गर्भावस्था, एंडोमेट्रियोसिस या पेल्विक में दर्द होने की स्थिति में डॉक्टर अंडाशय हटाने की राय दे सकते है. बेशक, अंडाशय हटाने से महिलाओं को राहत मिलती है, लेकिन इससे जुड़ी कुछ परेशानियां भी हैं. नीचे ऐसे ही कुछ प्रमुख परेशानियों के बारे में विस्तार से बताया गया है -
रक्तस्राव होना
अंडाशय हटाने की सर्जरी के दौरान कुछ महिलाओं को काफी ज्यादा ब्लीडिंग होती है. इस स्थिति में महिलाओं को खून की जरूरत हो सकती है. शरीर से काफी ज्यादा खून निकलने की वजह से महिलाओं को ज्यादा कमजोरी व एनीमिया होने की आशंका हो सकती है.
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आसपास के अंगों को नुकसान
अंडाशय हटाने के दौरान मूत्राशय या आंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है. इस तरह की स्थिति बहुत ही कम मामलों में देखी गई है. इस तरह के महज 1% केस ही अभी तक समाने आए हैं.
संक्रमण का खतरा
अंडाशय हटाने के बाद रिकवरी होने में कई दिन या कई हफ्ते भी लग सकते हैं. इससे महिला को बुखार या लालिमा और कट के पास दर्द का भी अनुभव हो सकता है.
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हर्निया की समस्या
अंडाशय हटाने के बाद महिलाओं को हर्निया की शिकायत भी देखने को मिली है. दरअसल, कुछ मामलों में कट के पास की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. इस स्थिति में महिलाओं को हर्निया होने की आशंका बढ़ सकती है.
ट्यूमर फटने की आशंका
कुछ महिलाएं अंडाशय में कैंसर की वजह से इसे हटाने का फैसला लेती हैं. कुछ मामलों में सर्जरी के दौरान ट्यूमर फट भी जाता है. ऐसे में कैंसर की कोशिकाएं पूरे शरीर में फैल सकती हैं, लेकिन ऐसा होने की आशंका बेहद कम होती है.
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श्रोणि में दर्द
अंडाशय हटाने के बाद कुछ महिलाओं को श्रोणि के पास दर्द जैसी समस्याएं हो सकती है. इस स्थिति में उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत होती है.
प्रजनन क्षमता में कमी
अगर किसी मामले में महिलाओं के दोनों अंडाशय हटा दिए जाते हैं, तो उनका गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है. इस स्थिति में महिलाएं इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसे उपचार की मदद से ही गर्भवती हो सकती हैं.
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सारांश
अंडाशय हटाना महिलाओं या फिर डॉक्टर की मजबूरी होती है. यह फैसला तब लिया जाता है, जब महिलाएं किसी गंभीर समस्या जैसे- अंडाशय कैंसर, अंडाशय में सिस्ट से जूझ रही होती हैं. वहीं, कुछ महिलाएं अपनी परेशानी को कम करने के लिए अंडाशय हटाने का फैसला लेती हैं. ध्यान रखें कि अंडाशय हटाने के बाद आपको कुछ परेशानियां हो सकती है. ऐसे में घबराएं नहीं. इस तरह की स्थिति होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
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