इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम क्या है और कैसे काम करता है? 

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) एक मशीन है जिसका इस्‍तेमाल डॉक्टर दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को मापने के लिए करते हैं। जब भी आपका दिल धड़कता है तो इलेक्ट्रिकल इंपल्‍स यानी आवेग पैदा होता है। यह आवेग दिल के माध्यम से पूरे शरीर में जाता है और हृदय को ब्लड पंप करने में मदद करता है। डॉक्टर ईसीजी का उपयोग यह जानने के लिए करते हैं कि आपके हृदय की यह इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी ठीक तरह से हो रही है या नहीं।

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम की मदद से आपके हृदय की धड़कनों को तरंगों के रूप में देखा जाता है। ईसीजी प्रिंटआउट में स्वस्थ हृदय की तरंगें एक ही पैटर्न में आती हैं। लेकिन अगर ये तरंगें असंगत, अनियमित या बिना मानक वाली आएं तो ये हृदय रोग का संकेत हो सकती हैं। इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम डॉक्‍टर को हृदय के स्वस्थ होने या उसमें किसी प्रकार की असामान्यता का पता चलता है।

इकोकार्डियोग्राम क्या है और यह कैसे काम करता है?

इकोकार्डियोग्राम एक लाइव-इमेजिंग परीक्षण है जिसका इस्‍तेमाल डॉक्टर आपकी हृदय की गतिविधि पर नजर रखने के लिए करते हैं। यह परीक्षण ध्वनि तरंगों का उपयोग करके दिल का एक लाइव दृश्य प्रस्तुत करता है, ये ध्वनि तरंगे हृदय में टकरा कर वापस आती हैं और दिल एवं वाल्व की तस्‍वीर देती हैं। इस वजह से इसे इको टेस्ट भी कहा जाता है।

इकोकार्डियोग्राम दिल की लाइव इमेज बनाने के लिए अल्ट्रासाउंड मशीन की तर्ज पर काम करता है। इकोकार्डियोग्राम आपके दिल के कार्य संबंधी स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करने के लिए धड़कते हुए दिल को लाइव देखने में चिकित्सकों की मदद कर सकता है।

ये टेस्‍ट कैसे किया जाता है?

आमतौर पर ईसीजी टेस्ट में 5 से 10 मिनट लगते हैं। चिकित्सक सीने के आस-पास अलग-अलग जगहों पर लगभग 10 चिपचिपे पैड लगाते हैं जो मशीन से जुड़े होते हैं। इसके बाद मशीन दिल की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को ट्रैक करना शुरू कर देती है और दिल की धड़कन का इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम उत्पन्न करना शुरू कर करती है।

वहीं इकोकार्डियोग्राम में लगभग 20 मिनट (तैयारी के लिए 5 मिनट और प्रक्रिया के लिए 15 मिनट) का समय लगता है। डॉक्टर मरीज के शरीर पर एक अल्ट्रासाउंड कंडक्टिव जैल लगाते हैं और फिर इमेज पाने के लिए सीने पर अल्ट्रासाउंड प्रोब लगाते हैं।

इन प्रक्रियाओं की जरूरत कब पड़ती है?

निम्नलिखित स्थितियों में इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम करवाने की सलाह दी जाती है:

दूसरी ओर, डॉक्टरों द्वारा हृदय रोग के संकेतों और लक्षणों की पुष्टि करने के लिए इकोकार्डियोग्राम की सलाह दी जाती है। निम्नलिखित कारणों से इकोकार्डियोग्राम करवाना पड़ सकता है:

  • दिल के चेंबर और वाल्व में विकार हो
  • छाती में दर्द या सांस की तकलीफ जैसी परेशानियों के कारण का पता लगाना हो
  • भ्रूण में किसी विकार की जांच के लिए

सम्बंधित लेख

ओबेसिटी पैनल

Dr. Ayush Pandey
MBBS,PG Diploma
7 वर्षों का अनुभव

प्रीऑपरेटिव पैनल

Dr. Ayush Pandey
MBBS,PG Diploma
7 वर्षों का अनुभव

फटिग पैनल

Dr. Ayush Pandey
MBBS,PG Diploma
7 वर्षों का अनुभव

आर्थराइटिस टेस्ट

Dr. Ayush Pandey
MBBS,PG Diploma
7 वर्षों का अनुभव

हाइपरटेंशन पैनल टेस्ट

Dr. Ayush Pandey
MBBS,PG Diploma
7 वर्षों का अनुभव
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ