हार्ट बाईपास सर्जरी क्या है?
हार्ट बाईपास सर्जरी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जो कि हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली एक या एक से अधिक रक्त वाहिकाओं के संकुचित हो जाने के कारण की जाती है। इस सर्जरी में आमतौर पर हृदय में किसी अन्य रक्त वाहिका के भाग का प्रयोग कर के रक्त प्रवाह को वापस ठीक कर दिया जाता है। इसके द्वारा एक नया चैनल बन जाता है, जिसके अंदर से रक्त प्रवाह होता है। ग्राफ्ट को इस तरह से लगाया जाता है कि यह प्रभावित रक्त वाहिका के अंदर से गुजरता है, इसीलिए इसे हार्ट बाईपास सर्जरी कहा जाता है।
सर्जरी से पहले आपके स्वास्थ्य की जांच करने के लिए कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप सर्जरी में जाने के लिए पूरी तरह स्वस्थ हैं। हार्ट बाईपास के लिए आपको कुछ दिन तक अस्पताल में रहने को कहा जा सकता है, उसके बाद आप घर जा सकते हैं। सर्जरी के बाद या सर्जरी के दौरान कुछ समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा ब्लॉकेज की गंभीरता और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों जिनसे मरीज पीड़ित होता है उस पर निर्भर करता है। इनमें बुखार, सर्जरी के स्थान पर संक्रमण, हृदय की दर से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं। साथ ही गंभीर मामलों में स्ट्रोक या मृत्यु जैसी स्थितियां भी पैदा हो सकती है।
हार्ट बाईपास सर्जरी एक ऐसी सर्जरी है जो कि हृदय की अवरुद्ध धमनी में एक नया रास्ता बनाने के लिए की जाती है, ताकि हृदय में ऑक्सीजन व रक्त के प्रवाह को सुधारा जा सके। यह कोरोनरी धमनियों (वे धमनियां जो आपके हृदय तक ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुंचाती हैं) के संकरे या अवरुद्ध हो चुके भाग पर की जाती है, जिनके कारण हृदय तक पर्याप्त मात्रा में रक्त प्रवाह नहीं हो पा रहा होता है। इसे कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट सर्जरी (सीएबीजी), कोरोनरी रीवैस्क्यूलेराइजेशन या बाईपास सर्जरी के नाम से जाना जाता है। हार्ट बाईपास सर्जरी कोरोनरी आर्टरी डिजीज या कोरोनरी हार्ट डिजीज के मरीजों का इलाज करने के लिए की जाती है। इस स्थिति में प्लाक नामक पदार्थ कोरोनरी धमनियों के अंदर जमना शुरू हो जाता है। प्लाक एक मोम जैसा पदार्थ होता है जो कि मुख्य तौर पर वसा, कैल्शियम और कोलेस्ट्रॉल से बना होता है व रक्त में पाया जाता है। समय के साथ यह प्लाक या तो टूट जाता है या फिर सख्त होने लगता है।
सख्त हुआ प्लाक कोरोनरी धमनियों को संकरा और अवरुद्ध कर सकता है, जिसके कारण हृदय तक ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह में कमी आ सकती है। इसके कारण छाती में दर्द और बेचैनी हो सकती है जिसे एनजाइना कहा जाता है। गंभीर मामलों में इससे दिल का दौरा भी आ सकता है। जिन मामलों में प्लाक टूट जाता है, तो इसकी सतह पर रक्त के थक्के जमने लग सकते हैं। यदि ब्लड क्लॉट का आकार बड़ा है, तो यह कोरोनरी धमनियों में रक्त के प्रवाह को कम कर सकता है। इससे भी हार्ट अटैक आ सकता है।