आज के दौर में यदि कोई चीज बिना मिलावट के मिल जाए तो समझ लीजिए आप काफी भाग्यशाली हैं। वैसे तो मिलावटखोर किसी भी खाद्य सामग्री को नहीं छोड़ते, लेकिन दूध जैसी चीज जिसे हम और आप अपने बच्चों को तंदुरुस्ती के लिए पिलाते हैं, उसमें भी मिलावट होती है। दूध ही क्यों दूध से बनने वाले अन्य प्रोडक्ट पनीर और घी से लेकर मक्खन तक में मिलावट होती है। इस मिलावट के चलते लोग गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। इतना ही मिलावट जहां कुछ लोगों के लिए चंद रुपयो का मुनाफा कमाने का माध्यम है, वहीं बाकी लोगों के लिए ये जानलेवा साबित होता है। शायद यही वजह है कि आज ऐसे लोगों के खिलाफ आवाज उठाकर मिलावट की पहचान करना जरूरी हो गया है, तो चलिए आज हम सबसे पहले दूध के उत्पादों यानी पनीर, खोया में होने वाली मिलावट को जानेंगे।
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दूध क्यों है जरूरी ?
दूध, हमारे लिए सबसे जरूरी है, जो कि कैल्शियम का सबसे बड़ा स्रोत है। दूध में विटामिन ए, डी, ई और के पाया जाता है। इसके अलावा दूध में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है, जो हमारे शारीरिक विकास में अहम योगदान निभाता है।
कैसे होती है दूध उत्पादों में मिलावट?
वैसे तो दूध और दूध से बने उत्पादों में होने वाली मिलावट को आसानी से पहचानना नहीं जा सकता, लेकिन थोड़ी तरकीब लगाई जाए तो बड़े सरल तरीके से मिलावटी दूध की पहचान हो सकती है। आमतौर पर दूध, पनीर और खोये में कई तरीकों से मिलावट की जाती है। जो कि इस प्रकार है-
- दूध में पानी मिलाकर
- डिटर्जेंट पाउडर मिलाकर
- लिक्विड सोप मिलाकर
- स्टार्च मिलाकर भी होती है मिलावट
- घी में शकरकंद, उबला और मसला हुआ आलू
दूध में पानी से मिलावट
आमतौर पर दूध में पानी से मिलावट की जाती है। ये हानिकारक तो नहीं है, लेकिन बड़ी आसानी से इसकी पहचान की जा सकती है। जैसे-
ऐसे करें पहचान
- थोड़ी चिकनी और तिरछी सतह पर दूध की एक बूंद डालें।
- शुद्ध दूध या तो रुकता है या धीरे-धीरे सफेद निशान छोड़ता हुआ बहता है।
- पानी से मिलावटी दूध बिना किसी निशान के तुरंत बह जाएगा।
- इस तरह से बड़े आसान तरीके से दूध में पानी की मिलावट को पहचाना जा सकता है।
दूध में डिटर्जेंट पाउडर मिलाकर मिलावट
दूध में डिटर्जेंट की मिलावट, पानी के मुकाबले काफी खतरनाक हो सकती है। इस तरह के मिलावटी दूध को पीने से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। जो जानलेवा भी हो सकती हैं।
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ऐसे करें पहचान
पानी के अलावा आमतौर पर दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए लैक्टोमीटर का प्रयोग किया जाता है या फिर रसायनों की सहायता से इसे परखा जा सकता है। अगर दूध में किसी तरह का लिक्विड सोप या डिटर्जेंट मिलाया गया है तो उसे इस तरह से पहचाना जा सकता है-
- 5 से 10 मिलीलीटर पानी के साथ मिलावटी दूध का नमूना लें।
- फिर दूध को अच्छी तरह से हिलाएं।
- यदि दूध में डिटर्जेंट की मिलावट की जाती है, तो उसमें झाग की मोटी परत दिखाई देगी।
- जिस दूध में मिलावट नहीं की गई है, उसमें बहुत कम झाग बनेगा।
दूध, पनीर और खोया में स्टार्च की मिलावट
दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थों में स्टार्च के जरिए भी मिलावट की जाती है। क्योंकि, यह भी सफेद रंग का होता है और बाजार में आसानी से मिल जाता है। इसलिए ज्यादातर मिलावटखोर स्टार्च की सहायता से दूध में मिलावट करते हैं।
ऐसे करें पहचान
- 2-3 मिलीलीटर नमूने को 5 मिलीलीटर पानी के साथ उबालें।
- ठंडा होने पर उसमें आयोडीन के अर्क की 2-3 बूंदे डालें
- दूध में स्टार्च की मिलावट होने पर यह नीले रंग का हो जाएगा। (दूध के मामले में, पानी डालना और उबालना जरूरी नहीं है)
मक्खन और घी में मिलावट
दूध और पनीर की तरह ही घी में भी कई तरह से मिलावट की जा सकती है। घी में शकरकंद और उबले मसले हुए आलू को मिलावट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी पहचान भी आसानी से की जा सकती है।
कैसे करें पहचान
- आधा चम्मच घी या मक्खन को कांच की कटोरी में डालें।
- इसमें 2 से 3 बूंदे आयोडीन के अर्क की मिलाएं
- अगर ये फॉर्मेशन नीले रंग का हो जाता है तो ऐसी स्थिति में घी या मक्खन में पीसा हुआ आलू, शकरकंर या अन्य किसी स्टार्च की मिलावट हो सकती है।
दूध उत्पादों में मिलावटी से होने वाली बीमारियां
myUpchar से जुड़ी डॉक्टर अर्चना निरूला के मुताबिक मिलावटी दूध पीने और मिलावटी पनीर या घी के सेवन से कई बीमारियां हो सकती हैं, जो काफी गंभीर है। जैसे -
- डायरिया, एलर्जी और शरीर पर दाने होना
- मिलावटी दूध से पेट खराब हो सकता है
- डिटर्जेंट पाउटर मिलाने से पेट में गैस, कब्ज, दस्त हो सकते हैं
- बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है।