महिलाओं को मासिक धर्म के अलावा अन्य कारणों से भी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ सकता है. नॉर्मल पीरियड्स के अलावा वजाइनल ब्लीडिंग होने के पीछे इंफेक्शन, प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशन, हार्मोन असंतुलन जैसे कारण हो सकते हैं. इनमें से कुछ कारणों का इलाज आसान है, जबकि कुछ कारण गंभीर अवस्था की ओर इशारा करते हैं. पीरियड्स के अलावा वजाइनल ब्लीडिंग को ठीक करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और वेट मैनेजमेंट जैसे उपाय जरूरी हैं.

आज इस लेख में हम पीरियड्स के अलावा अन्य कारणों से होने वाली वजाइनल ब्लीडिंग के कारण व उपाय के बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग का उपचार)

  1. पीरियड्स के अलावा वजाइनल ब्लीडिंग के अन्य कारण
  2. पीरियड्स के अलावा वजाइनल ब्लीडिंग को रोकने के उपाय
  3. कब लें डॉक्टर की मदद
  4. सारांश
  5. पीरियड्स के अलावा वजाइनल ब्लीडिंग के अन्य कारण के डॉक्टर

औसतन मासिक धर्म चक्र 21 से 35 दिन के बीच का माना जाता है. पीरियड्स के अलावा होने वाली वजाइनल ब्लीडिंग को असामान्य माना जाता है. इसके लिए हार्मोन असंतुलन, इंफेक्शन और प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशन जैसे कारण हो सकते हैं. आइए, पीरियड्स के अलावा वजाइनल ब्लीडिंग के कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

  1. हार्मोन असंतुलन
  2. प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशन
  3. यूटरिन फाइब्रॉयड
  4. इंफेक्शन
  5. कैंसर
  6. अन्य कारण

हार्मोन असंतुलन

एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन दो मुख्य हार्मोन होते हैं, जो महिला के मासिक धर्म चक्र को नियमित रखते हैं. अगर ये हार्मोंस असंतुलित हो जाएं, तो पीरियड्स के अलावा भी वजाइनल ब्लीडिंग हो सकती है. डिस्फंक्शनल ओवरी, थायराइड ग्लैंड समस्या या बर्थ कंट्रोल पिल लेने से हार्मोन का संतुलन प्रभावित हो सकता है. कुछ महिलाओं को हार्मोन बदलाव के रिजल्ट के तौर पर ओवुलेशन के दौरान भी वजाइनल ब्लीडिंग हो सकती है.

(और पढ़ें - मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव होना)

प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशन

अगर प्रेगनेंसी में किसी प्रकार की समस्या है, तो इससे वजाइनल ब्लीडिंग होने की आशंका बढ़ जाती है. मिसकैरेज व एक्टोपिक प्रेगनेंसी में भी ब्लीडिंग हो सकती है. एक्टोपिक प्रेगनेंसी तब होती है, जब फर्टिलाइज एग यूट्रस की जगह फैलोपियन ट्यूब में इम्प्लांट हो जाता है. इसलिए, अगर प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह की वजाइनल ब्लीडिंग हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

(और पढ़ें - पीरियड्स में काला खून क्यों आता है?)

यूटरिन फाइब्रॉयड

यूटरिन फाइब्रॉयड नॉन कैंसरस होता है, जो यूट्रस में बन जाता है. ये उन महिलाओं में असामान्य नहीं है, जो बच्चे को जन्म दे चुकी हैं.

(और पढ़ें - पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग की होम्योपैथिक दवा)

इंफेक्शन

पीरियड्स के अलावा वजाइनल ब्लीडिंग रिप्रोडक्टिव ऑर्गन का इंफेक्शन भी हो सकता है. इंफेक्शन से इंफ्लेमेशन और ब्लीडिंग का खतरा रहता है. ऐसा सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज, वजाइनल डूशिंग, इंटरकोर्स व पेल्विक इंफ्लेमेशन डिजीज के कारण हो सकता है.

(और पढ़ें - पीरियड्स में खून के थक्के आना)

कैंसर

सर्विक्स, वजाइना, यूट्रस व ओवरीज जैसे अंगों में कैंसर होने पर वजाइनल ब्लीडिंग हो सकती है.

(और पढ़ें - स्पॉटिंग के लक्षण और कारण)

अन्य कारण

यौनि में किसी चीज को डालने, ज्यादा स्ट्रेस लेनेडायबिटीज होने, अचानक वजन बढ़ने या कम होने से भी रक्तस्राव हो सकता है.

(और पढ़ें - इंप्लांटेशन ब्लीडिंग)

कुछ मामलों में ये रक्तस्राव अपने आप ठीक हो जाता है. वहीं, कुछ मामलों में ब्लीडिंग के पीछे होने वाले कारण को इलाज की जरूरत पड़ती है. आइए, इस बारे में जानते हैं -

  • आमतौर पर पीरियड्स के अलावा वजाइनल ब्लीडिंग को ठीक करने के लिए वेट मैनेजमेंट की जरूरत होती है, क्योंकि ओवरवेट होने से वजाइनल ब्लीडिंग होने की आशंका रहती है.
  • यदि बर्थ कंट्रोल पिल्स की शुरुआत करने या रोकने से वजाइनल ब्लीडिंग होती है, तो इसे डॉक्टर की मदद से ही लेना चाहिए, ताकि हार्मोन असंतुलन से बचा जा सके.
  • एक्सरसाइज भी करने की सलाह दी जाती है, ताकि सेहत ठीक रह सके और स्ट्रेस न हो, साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल भी बनी रहे.
  • दर्द से बचने के लिए पेन किलर मेडिसिन लेनी चाहिए, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद ही, क्योंकि कुछ दवाइयों से ब्लीडिंग का जोखिम बढ़ जाता है.
  • भारी रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर ट्रानेक्सामिक एसिड या फिर नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी मेडिसिन (एनएसएआईडी) जैसे कि इबुप्रोफेन को लिया जा सकता है.
  • कुछ गंभीर मामलों में जरूरत पड़ने पर डॉक्टर डी एंड सी, मायोमेक्टॉमी व हिस्टेरेक्टॉमी आदि सर्जरी भी कर सकते हैं.

(और पढ़ें - गर्भपात के बाद ब्लीडिंग)

पीरियड्स के अलावा वजाइनल ब्लीडिंग को असामान्य रक्त्रसाव माना जाता है. इस तरह की ब्लीडिंग का कारण गंभीर हो सकता है और इसे तुरंत ठीक करने के उपाय ढूंढने की जरूरत रहती है. यदि प्रेगनेंसी में वजाइनल ब्लीडिंग हो, तो तुरंत डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए. ब्लीडिंग के साथ दर्द, थकानआलस और बुखार जैसी समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाने की जरूरत होती है.

(और पढ़ें - पीरियड्स न आने की होम्योपैथिक दवा)

हार्मोन असंतुलन, इंफेक्शन और प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशन पीरियड्स के अलावा वजाइनल ब्लीडिंग के कारण हैं. इसे ठीक करने में हेल्दी लाइफस्टाइल और वेट मैनेजमेंट जैसे उपाय किए जाने की सलाह दी जाती है. हालांकि, पीरियड्स के अलावा वजाइनल ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए.

(और पढ़ें - डिलीवरी के बाद रक्तस्राव)

Dr Sujata Sinha

प्रसूति एवं स्त्री रोग
30 वर्षों का अनुभव

Dr. Pratik Shikare

प्रसूति एवं स्त्री रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Payal Bajaj

प्रसूति एवं स्त्री रोग
20 वर्षों का अनुभव

Dr Amita

प्रसूति एवं स्त्री रोग
3 वर्षों का अनुभव

और पढ़ें ...
ऐप पर पढ़ें