ऊर्ध्व मुख श्वानासन का नाम तीन शब्दों के मेल से रखा गया है: ऊर्ध्व, मुख और श्वान। ऊर्ध्व यानी ऊपर की ओर गया हुआ, मुख का मतलब मूह, और श्वान का मतलब है कुत्ता। ऊर्ध्व मुख श्वानासन सूर्य नमस्कार A और सूर्य नमस्कार B का एक महत्वपूर्ण भाग है। इस आसन को हर किसी को करना चाहिए क्योंकि यह रीढ़ की हड्डी की सेहत के लिए बहुत लाभदायक है।
इस लेख में ऊर्ध्व मुख श्वानासन करने के तरीके व उससे होने वाले लाभों के बारे में बताया गया है। साथ ही लेख में यह भी बतायाा गया है कि ऊर्ध्व मुख श्वानासन के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
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