सूर्य नमस्कार में जहां 12 आसन या चरण होते हैं वहीं, चंद्र नमस्कार में 14 आसन या चरण होते हैं। वे चरण हैं :
1. प्रणामासन: दोनों पैरों को जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं और अपनी गर्दन भी सीधी रखें। दोनों हाथों को जोड़कर प्रणाम करने या प्रार्थना करने की मुद्रा में खड़े हो जाएं। इसके बाद शरीर को रिलैक्स कर लें।
2. हस्त उत्तानासन: सांस अंदर लें और अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर बिल्कुल सीधा उठाएं। इसके बाद अपनी पीठ और हाथों को आर्क के शेप में पीछे की तरफ झुकाएं। इस दौरान आपकी कोहनी, घुटने सब सीधे होने चाहिए और सिर दोनों हाथों के बीच में और ठुड्डी ऊपर सीलिंग की तरफ पॉइंटेड होनी चाहिए।
3. उत्तानासन : सांस बाहर छोड़ें और फिर कमर (हिप) के हिस्से से आगे की तरफ झुकें। इस दौरान अपनी हथेलियों को पैरों के दोनों तरफ जमीन पर टिकाएं और अपने घुटने को बिलकुल सीधा रखें। (और पढ़ें : उत्तानासन करने का तरीका और फायदे)
4. अश्व संचालनासन : सांस को अंदर लें और अपने बाएं घुटने पर जोर देते हुए आगे की तरफ झुकें और दाहिने पैर को पीछे की तरफ जितना हो सके पीछे धकेलें। पीछे की तरफ झुकें और चेहरे को ऊपर की तरफ उठाएं। हथेलियों को जमीन पर रखकर शरीर को संतुलन में रखने की कोशिश करें।
5. अर्ध चंद्रासन : सांस अंदर लेते हुए दोनों हाथों को स्ट्रेच करें और सिर के ऊपर ले जाएं। पीछे की तरफ आर्क आकार बनाएं और हाथों को भी पीछे की तरफ ले जाएं। चेहरे को ऊपर की तरफ उठाएं और ऊपर देखें। एक पैर को पीछे की तरफ धकेलें और दूसरे पैर को 90 डिग्री के ऐंगल में रखें। (और पढ़ें : अर्ध चंद्रासन करने का तरीका और फायदे)
6. पर्वतासन : सांस बाहर छोड़ें और हाथों को वापस जमीन पर ले आएं। अपने दोनों पैरों को पीछे की तरफ रखें और हिप के हिस्से से शरीर को ऊपर उठाएं। अपनी पीठ और दोनों पैरों को सीधा रखें और एक साथ जोड़कर रखें। दोनों हाथ की हथेलियों को जमीन पर टिका कर रखें। इस दौरान आपके शरीर से उल्टे वी जैसा आकार बनना चाहिए।
7. अष्टांग नमस्कार : अब सांस छोड़ें और वापस अपने घुटनों पर आ जाएं। अब अपने घुटनों, छाती और ठुड्डी सभी को जमीन की तरफ ले आएं। अपने पेट और हिप को जमीन से सटाकर रखने की बजाए ऊपर उठाएं। अपनी हथेली को सीने के पास दोनों तरफ रखें।
(और पढ़ें : दिल को स्वस्थ रखने वाले 5 योगासन)
8. भुजंगासन : सांस अंदर लें और अपने दोनों पैरों को पीछे की तरफ ले जाएं। जमीन पर अपनी हथेलियों को टाइट रखें और अपने शरीर को सीने के पास से ऊपर उठाएं। आपके दोनों हाथ कंधे के बिल्कुल नीचे होने चाहिए। इस दौरान कोबरा सांप अपना फन उठाते वक्त जैसा दिखता है आपका शरीर भी उसी पोजिशन में होना चाहिए।
(और पढ़ें : भुजंगासन करने का तरीका और फायदे)
9. भुजंगासन पोजिशन के बाद एक बार फिर से पर्वतासन की पोजिशन में वापस आ जाएं।
10. पर्वतासन के बाद एक बार फिर अश्व संचालनासन के पोजिशन में वापस आ जाएं।
11. अश्व संचालनासन के बाद अर्ध चंद्रासन की पोजिशन में वापस आ जाएं।
12. अर्ध चंद्रासन के बाद उत्तानासन की पोजिशन में आ जाएं।
13. उत्तानासन के बाद एक बार फिर से हस्त उत्तानासन की पोजिशन।
14. और आखिर में पहले वाला प्रणामासन।
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