सम्पूर्ण ब्रह्मांड की प्रत्येक चीज उर्जा द्वारा निर्मित एवं संचालित होती है, जिसमें मानव शरीर भी शामिल है। आधुनिक विज्ञान एवं तकनीक के आने के पहले से हमारी संस्कृति में यह मान्यता रही है कि हर जीव एक शक्ति से संचालित होता है, जो उसके अंदर विद्यमान होती है। मानव शरीर में इस शक्ति को सात चक्र के रूप में व्यक्त किया गया है।
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"चक्र" एक संस्कृत शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है "पहिया"। मानव शरीर में शक्ति, जिसे "प्राण" कहते हैं, भी शरीर के अंदर पहिये की तरह ही घूमती है। इस शक्ति के 7 केंद्र या 7 चक्र हैं। पहला चक्र रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले भाग में होता है, फिर ऊपर की तरफ चलते हुए सातवां और आखिरी चक्र मस्तिष्क में होता है।
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ये सात चक्र एक स्वस्थ और संतुलित व्यक्ति के शरीर, मस्तिष्क और आत्मा को ऊर्जा देते हैं। हालांकि, अगर आपका कोई भी एक चक्र ठीक से कार्य नहीं करता है, तो इससे आपके स्वास्थ पर असर पड़ सकता है। तो ज़रूरी है कि आपके ये चक्र संतुलित रहें, जिससे आपका स्वास्थ बिगड़े नहीं और आप अपना जीवन आनंदमय जीयें।
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तो आइये आज हम आपको बताते हैं, मानव शरीर में मौजूद 7 चक्रों के बारे में -