बैरेट एसोफेगस - Barrett Esophagus in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

October 24, 2020

October 24, 2020

बैरेट एसोफेगस
बैरेट एसोफेगस

बैरेट एसोफेगस क्या है?

बैरेट एसोफेगस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मुंह को पेट से जोड़ने वाली भोजन नली की परत एसिड रिफ्लक्स (पेट के एसिड या पित्त का भोजन नली में वापस आना) की वजह से खराब हो जाती है, इस स्थिति में भोजन नली की परत में मोटापन और लालिमा आ जाती है। भोजन नली और पेट के बीच में एक वाल्व होता है, जिसे 'लोअर एसोफेगस स्पिंचर' (एलईएस) कहते हैं। कुछ समय के बाद एलईएस खराब होने लगता है, जिससे भोजन नली के एसिड को नुकसान होता है। इस स्थिति को जीईआरडी यानी गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग कहते हैं। जीईआरडी में सीने में जलन की समस्या होती है। कुछ लोगों में, जीईआरडी की वजह से निचली भोजन नली की कोशिकाओं में बदलाव होता है जो कि बैरेट एसोफेगस का कारण बनता है।

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बैरेट एसोफेगस के संकेत और लक्षण क्या हैं?

बैरेट एसोफेगस के कोई लक्षण नहीं हैं। हालांकि, इस स्थिति वाले अधिकांश लोगों को जीईआरडी की समस्या होती है, जिसमें सीने में जलन महसूस हो सकती है।

यदि किसी व्यक्ति को निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर को इस बारे में बताएं :

बैरेट एसोफेगस का कारण क्या है?

बैरेट एसोफेगस का सटीक कारण ज्ञात नहीं है। इस बीमारी से ग्रस्त कई लोगों में लंबे समय से जीईआरडी की समस्या होती है, जबकि कई में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, जिसे अक्सर 'साइलेंट रिफ्लक्स' कहा जाता है।

जीईआरडी तब होता है जब भोजन नली के निचले​ हिस्से की मांसपेशियां ठीक से काम नहीं करती हैं। कमजोर मांसपेशियों की वजह से पेट में उत्पन्न एसिड भोजन नली में वापस आ सकता है, जिसके कारण सीने में अक्सर जलन महसूस होती है।

बैरेट एसोफेगस उन लोगों में भी हो सकता है जिन्हें जीईआरडी की समस्या नहीं है, लेकिन जीईआरडी से ग्रस्त मरीजों में 3 से 5 गुना तक बैरेट एसोफेगस होने का खतरा अधिक रहता है।

आमतौर पर बैरेट एसोफेगस का निदान 55 साल की उम्र के बाद किया जाता है।

समय के साथ एसोफेजियल की परत की कोशिकाएं प्रीकैंसरियस कोशिकाओं में विकसित हो सकती हैं, जो कि बाद में कैंसर कोशिकाओं में बदल सकती हैं। हालांकि, बैरेट एसोफेगस होने का मतलब यह नहीं है कि आपको कैंसर हो जाएगा। ऐसा अनुमान है कि बैरेट एसोफेगस वाले केवल 0.5 प्रतिशत लोगों में कैंसर का विकास होता है।

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बैरेट एसोफेगस का निदान कैसे किया जाता है?

बैरेट एसोफेगस के लक्षण मौजूद होने पर एंडोस्कोपी के जरिये स्थिति का निदान किया जा सकता है। इसमें एक पतली ट्यूब को गले से अंदर डाला जाता है। इस ट्यूब के अगले सिरे पर कैमरा और लाइट लगी होती है, जिसके माध्यम से डॉक्टर भोज​न नली की अच्छे से जांच कर पाते हैं।

सामान्य भोजन नली के ऊतक पीला और चमकदार दिखाई देता है। बैरेट एसोफेगस में यह ऊतक लाल और मखमली दिखाई दे सकता है।

ऐसे में डॉक्टर भोजन नली से ऊतक का नमूना (बायोप्सी) लेकर लैब में उसकी जांच कर सकते हैं और ऊतकों में हो रहे बदलाव के आधार पर स्थिति का निदान कर सकते हैं।

बैरेट एसोफेगस का इलाज कैसे किया जाता है?

बैरेट एसोफेगस का उपचार भोजन नली में आसामान्य कोशिकाओं की वृद्धि और आपके स्वास्थ पर निर्भर करता है :

(1) डिसप्लेसिया के बिना बैरेट एसोफेगस
आमतौर पर, इस स्तर पर उपचार की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन डॉक्टर स्थिति को मॉनिटर कर सकते हैं, जिसके लिए आपको हर दो से तीन साल में 'अपर एंडोस्कोपी' (ऊपरी पाचन तंत्र की जांच करना) करवाने की आवश्यकता होगी।

यदि आपको जीईआरडी है, तो डॉक्टर जीईआरडी के इलाज के लिए दवाएं लिख सकते हैं। ये दवाएं पेट के एसिड को कम करती हैं, जिससे भोजन नली को नुकसान पहुंचने से बचाया जा सकता है। इसके अलावा जीवनशैली में बदलाव भी इस स्थिति में मदद कर सकता है।

(2) डिसप्लेसिया के साथ बैरेट एसोफेगस
डिसप्लेसिया का मतलब प्रीकैंसरियस कोशिकाओं की उपस्थिति है। डॉक्टर कैंसर को विकसित होने से रोकने के लिए लगातार स्थिति को मॉनिटर कर सकते हैं :

लो-ग्रेड डिसप्लेसिया
लो-ग्रेड डिसप्लेसिया का मतलब असामान्य कोशिकाओं से है, लेकिन ज्यादातर लोग इन कोशिकाओं से प्रभावित नहीं होते हैं। इस मामले में, आपको लगातार जांच करवाने की आवश्यकता हो सकती है ताकि ऊतकों में बदलावों का पता चल सके। हो सकता है कि आपको एक साल हर छह महीने में एक 'अपर एंडोस्कोपी' (ऊपरी पाचन तंत्र की जांच करना) करवाने की आवश्यकता हो सकती है। चुनिंदा मरीजों में एब्लेशन थेरेपी (शरीर से आसामान्य ऊतकों और ट्यूमर को खत्म करना) की भी सलाह दी जाती है।

हाई-ग्रेड डिसप्लेसिया
हाई-ग्रेड डिसप्लेसिया भोजन नली के परत में हुए बड़े बदलावों के बारे में पता चलता है। यदि इसका निदान होता है, तो ऐसे में कैंसर का जोखिम अधिक होता है। कैंसर को मॉनिटर करने के लिए आपको बार-बार अपर एंडोस्कोपी की मदद लेनी पड़ सकती है। ऐसे में खराब ऊतकों को हटाने पर उपचार फोकस करता है :

  • रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन : इसमें रेडियो तरंगों का उपयोग करके असामान्य ऊतक को जलाया जाता है।
  • क्रायोथेरेपी : डॉक्टर भोजन नली में प्रभावित हिस्से को फ्रीज (जमाने) करने के लिए लिक्विड नाइट्रोजन का उपयोग करते हैं।
  • एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन : इसमें एंडोस्कोप का उपयोग करके डॉक्टर भोजन नली से प्रीकैंसरियस ऊतकों को हटाते हैं।
  • सर्जरी : यदि गंभीर डिसप्लेसिया या एसोफैगल कैंसर है, तो डॉक्टर एसोफेगेटोमी करवाने की सलाह दे सकते हैं। यह एक सर्जरी है जो भोजन नली के कुछ भाग या पूरे भोजन नली को हटा सकती है।



संदर्भ

  1. Stuart Jon Spechler, M.D., and Raj K. Goyal, M.D. Barrett's Esophagus N Engl J Med 1986; 315:362-371
  2. hivaram Bhat, Helen G. Coleman, Fouad Yousef, Brian T. Johnston, Damian T. McManus, Anna T. Gavin, Liam J. Murray, Risk of Malignant Progression in Barrett’s Esophagus Patients: Results from a Large Population-Based Study, JNCI: Journal of the National Cancer Institute, Volume 103, Issue 13, 6 July 2011, Pages 1049–1057
  3. Douglas K Rex, Oscar W Cummings, Michael Shaw, Mark D Cumings, Roy K.H Wong, Raj S Vasudeva, Donal Dunne, Emad Y Rahmani, Debra J Helper, Screening for Barrett’s esophagus in colonoscopy patients with and without heartburn, Gastroenterology, Volume 125, Issue 6, 2003, Pages 1670-1677

बैरेट एसोफेगस के डॉक्टर

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