अनिमित जीवन शैली, खाना पान की खराब आदतें, दूषित वातावरण और तनाव की वजह से व्यक्ति के शरीर में कई तरह के रोग होने लगते हैं। आज के दौर में अधितर लोगों को इन्हीं खराब आदतों की वजह से डायबिटीज के साथ ही बीपी की समस्या होना भी आम बात बन चुकी है।

यहां दिए लिंक पर क्लिक करके आप जान सकते हैं कि हाई बीपी का इलाज कैसे किया जाता है।

ब्लड प्रेशर अधिक व कम दोनों ही स्थितियों में समस्या का कारण बनता है। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर समस्या बन जाता है और इसके कारण अन्य रोगों का खतरा बना रहता है। ब्लड प्रेशर (बीपी) के सामान्य स्तर को समझने के बाद ही आप इससे बचाव कर सकते हैं।

इस लेख में आपको ब्लड प्रेशर (बीपी) क्या है, कितना होना चाहिए, नॉर्मल रेंज और चार्ट के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही बीपी को मापने का तरीका और जोखिम स्तर के बारे में भी बताया गया है।  

(और पढ़ें - लो बीपी के उपाय)

  1. ब्लड प्रेशर क्या है? - Blood pressure kya hai
  2. नॉर्मल ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए, नॉर्मल रेंज और चार्ट - Blood pressure normal range and chart in Hindi
  3. उम्र और लिंग के अनुसार ब्लड प्रेशर चार्ट और रेंज - Blood pressure range and chart by age and gender in India in Hindi
  4. सारांश
ब्लड प्रेशर चार्ट : नार्मल ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए के डॉक्टर

आपका हृदय वह मांसपेशी है जिसके द्वारा ऊतकों और अंगों तक रक्त को पंप करने का काम किया जाता है। आपके हृदय की बाई तरफ से रक्त धमनियों में पंप किया जाता है। धमनियां वह रक्त वाहिकाएं होती हैं जो शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचाती हैं।

ब्लड प्रेशर वह बल या शक्ति है जिसके माध्यम से रक्त शरीर के संचार तंत्र में घूमता है। ब्लड प्रेशर का मात्रक एमएमएचजी (mm Hg: मिलीमीटर ऑफ मर्क्युरी) है। बीपी भी शरीर के लिए आवश्यक होता है, क्योंकि यह सफेद रक्त कोशिकाओं, प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडिज और इंसुलिन जैसे हार्मोन्स प्रदान करता है। 

ब्लड प्रेशर में निम्नलिखित आंकड़े देखें जाते हैं।

  • सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (ब्लड प्रेशर का ऊपरी स्तर): 
    ब्लड प्रेशर इस स्तर पर तब होता है, जब हृदय धकड़कर सारे शरीर में खून पंप करता है। (और पढ़ें - लो बीपी में क्या खाएं)
  • डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर (ब्लड प्रेशर का निचला स्तर):
    ब्लड प्रेशर इस स्तर पर तब होता है, जब हृदय धड़कने के बाद और फिर से धड़कने से पहले शिथिल या आराम की स्थिति में होता है।

(और पढ़ें - हाई बीपी का आयुर्वेदिक इलाज)

 
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नार्मल ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए, या इसकी नॉर्मल रेंज कितनी होने चाहिए, इस चार्ट में बताया गया है -

वर्गीकरण सिस्टोलिक प्रेशर   डायस्टोलिक प्रेशर
  एमएमएचजी   एमएमएचजी
लो बीपी (हाइपोटेंशन) 90 या कम और 60 या कम
सामान्य स्तर 90 से 120 और 60 से 80
प्री-हाई बीपी 120 से 129 और 60 से 80
स्टेज 1 हाई बीपी 130 से 139 या 80 से 89
स्टेज 2 हाई बीपी 140 या अधिक या 90 या अधिक

बच्चों और किशोरों में बीपी का स्तर अलग हो सकता है, यदि बच्चों या किशोरों में बीपी की समस्या दिखाई दे, तो ऐसे में डॉक्टर से सलाह लें। ऊपर बताई गई स्थिति हृदय रोग, डायबिटीज, किडनी रोग व अन्य समस्याओं और उनके इलाज के कारण भी हो सकती है। 

(और पढ़ें - हाई ब्लड प्रेशर में क्या खाएं)

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उम्र और लिंग के अनुसार नार्मल ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए, या इसकी नॉर्मल रेंज कितनी होने चाहिए, इस चार्ट में बताया गया है -

  उम्र सिस्टोलिक प्रेशर डायस्टोलिक प्रेशर
    एमएमएचजी एमएमएचजी
पुरुष      
  21-25 120.5 78.5
  26-30 119.5 76.5
  31-35 114.5 75.5
  36-40 120.5 75.5
  41-45 115.5 78.5
  46-50 119.5 80.5
  51-55 125.5 80.5
  56-60 129.5 79.5
  61-65 143.5 76.5
महिला      
  21-25 115.5 70.5
  26-30 113.5 71.5
  31-35 110.5 72.5
  36-40 112.5 74.5
  41-45 116.5 73.5
  46-50 124 78.5
  51-55 122.55 74.5
  56-60 132.5 78.5
  61-65 130.5 77.5
 
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बीपी हाई होने के कई कारण हो सकते हैं और हाई बीपी के चलते कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करन पड़ सकता है। इनमें से एक हृदय रोग भी है। इसलिए, जितना संभव हो सके हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करें, पोषक तत्वों से युक्त डाइट लें और नियमित रूप से एक्सरसाइज, योग व मेडिटेशन करें।

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