नाक में जलन - Burning Nose in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

March 30, 2022

September 21, 2023

नाक में जलन
नाक में जलन

एलर्जिक राइनाइटिस, मौसम में बदलाव, दवा या नेजल पैसेज में इर्रिटेशन होना नाक में जलन का कारण बन सकती है. इससे नाक की आंतरिक लाइनिंग सेंसिटिव होकर इर्रिटेट होने लगती है. ऐसे में हाइड्रेटिंग नेजल स्प्रे और नेजल सेलाइन स्प्रे को नाक में जलन के इलाज के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है.

आइए, आज इस लेख में नाक में होने वाली जलन के कारण और इलाज के बारे में जानते हैं -

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नाक में जलन के कारण - Burning Nose Causes in Hindi

इंफेक्शनएलर्जी, डस्ट से नाक की लाइनिंग में आई सूजन के कारण नाक के अंदर जलन हो सकती है. इस समस्या से निपटने के लिए एंटी-हिस्टामाइन स्प्रे या फिर एंटी-बायोटिक्स का प्रयोग किया जा सकता है. आइए, नाक में जलन के कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं -

मौसम बदलना

मौसम बदलने के साथ नाक में जलन बढ़ सकती है. आमतौर पर मौसम के बदलाव के साथ ही हवा ड्राई हो जाती है. इस ड्राइनेस से शरीर के अंदर की नमी वाष्पित हो जाती है. इससे नाक की म्यूकस मेंब्रेन से भी मॉइश्चर खत्म हो जाता है. इस ड्राइनेस के कारण कई बार नाक से खून आ सकता है.

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एलर्जिक राइनाइटिस

एलर्जिक राइनाइटिस के दौरान वातावरण में मौजूद प्रदूषण और अन्य एलर्जन के कारण नाक में खुजली व जलन होती है. इससे छींके आने लगती हैं. मौसम बदलने के समय यह लक्षण बहुत ज्यादा देखने को मिलते हैं. खांसी और गले में दर्द भी इस स्थिति का संकेत हैं.

नेजल इंफेक्शन

साइनोसाइटिस जैसे नेजल इंफेक्शन से भी नाक में जलन महसूस होती है. इस तरह के इंफेक्शन में म्यूकस नाक के खुले छिद्रों में फंस जाता है. इस फंसे हुए म्यूकस में बैक्टीरिया पनप सकते हैं और इनसे इंफेक्शन हो सकता है, जिससे दर्द और साइनस का प्रेशर भी महसूस हो सकता है.

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दवाइयों का सेवन

एंटी-हिस्टामाइन और डिकंजेस्टेंट जैसी दवाएं नाक में जलन और खुजली को ठीक कर सकती हैं. वहीं, इन दवाओं के अधिक प्रयोग से नाक में सूखापन बढ़ सकता है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है.

धुआं व प्रदूषण

सांस लेते समय धुआं और हवा में मौजूद टॉक्सिंस शरीर के अंदर पहुंच सकते हैं. केमिकल और प्रदूषण के कारण राइनाइटिस और नाक में जलन होनी जैसी स्थिति हो सकती हैं. तंबाकू का धुआं, इंडस्ट्री केमिकल, क्लोरीन, हाइड्रोजन क्लोराइड व अमोनिया जैसी गैस और धूल-मिट्टी नाक में खुजली व संवदेनशीलता को बढ़ा सकती है.

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नाक में जलन का इलाज - Burning Nose Treatment in Hindi

डॉक्टर की सलाह पर कुछ दवाओं के इस्तेमाल व काम की बातों को ध्यान में रखकर इस समस्या से न सिर्फ बचा जा सकता है, बल्कि अगर किसी को ये समस्या है, तो उसे आराम मिल सकता है. यहां हम लेख में बताए गए कारणों आधार पर उनका इलाज बता रहे हैं -

बदलते मौसम में रखें ध्यान

इस स्थिति में घर में मॉइश्चर बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का प्रयोग किया जा सकता है. जलन ठीक करने के लिए हाइड्रेटिंग नेजल स्प्रे का प्रयोग करना भी फायदेमंद है.

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एलर्जिक राइनाइटिस का इलाज

एलर्जिक राइनाइटिस से बचने के लिए एलर्जन से बचाव जरूरी है. ऐसे में खिड़कियां बंद कर एसी का प्रयोग कर सकते हैं. नाक से खून आने की स्थिति में गर्म पानी से नाक को धोने से आराम मिल सकता है. साथ ही इस स्थिति में नेजल एंटी-हिस्टामाइन स्प्रे का प्रयोग करना फायदेमंद है. डिकंजेस्टेंट और नेजल सेलाइन स्प्रे भी प्रयोग किए जा सकते हैं.

नेजल इंफेक्शन से बचाव

इस प्रकार के इंफेक्शन ठीक करने के लिए एंटी-बायोटिक्स का प्रयोग किया जा सकता है. डॉक्टर मरीज की अवस्था को देखते हुए विभिन्न तरह के एंटी-बायोटिक्स दे सकते हैं. ध्यान रहे कि इनका इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर के निर्देश के अनुसार ही करना है.

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दवाइयों का कम सेवन

एंटी-हिस्टामाइन और डिकंजेस्टेंट जैसी दवाएं डॉक्टर की सलाह से और जितने समय के लिए कहा गया है, तभी तक करना चाहिए. इन्हें जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करना समस्या का कारण बन सकता है.

धुएं व प्रदूषण से दूरी

बेहतर यही होगा कि ऐसी किसी भी जगह पर जाने से बचें, जहां धूल-मिट्टी उड़ रही हो या फिर धुआं फैला हुआ हो. अगर जाना भी पड़े, तो मास्क या कपड़े से मुंह व नाक को अच्छे से ढक लेने से इंफेक्शन से बचा जा सकता है.

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सारांश – Takeaway

पोलन, धूल के कण और मौसम में बदलाव के कारण नाक के अंदरुनी हिस्से में इर्रिटेशन हो सकती है. इससे नाक में जलन होती है. एंटी-हिस्टामाइन और डिकंजेस्टेंट जैसी दवाएं व अन्य उपया अपनाने से ये समस्या कुछ कम हो सकती है. साथ ही ध्यान रहे कि किसी भी तरह की दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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नाक में जलन के डॉक्टर

Dr. Abhas Kumar Dr. Abhas Kumar प्रतिरक्षा विज्ञान
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