यह 1930 के दशक से ज्ञात है कि तम्बाकू एक खतरनाक पदार्थ है जो कई गंभीर प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों से जुड़ा हुआ है, न केवल उन लोगों के लिए जो इसे उपभोग करते हैं बल्कि उनके आसपास रहने वाले के लोगों के लिए भी।
तम्बाकू में निकोटीन नामक एक रसायन होता है जो निगलने पर उपभोक्ता को "सुखद अहसास" देता है और परिणामस्वरूप दुनिया भर में कई लोग सदियों से इस पौधे के आदी रहे हैं।
तंबाकू उत्पाद पूरी तरह से या आंशिक रूप से तंबाकू के पत्ते को कच्चे माल के रूप में उपयोग करके बने होते हैं, जिनका उद्देश्य धूम्रपान, चूसना, चबाना या सांस के साथ खींचना होता है। सभी में अत्यधिक लत लगाने वाला मादक घटक, निकोटीन पाया जाता है।
तंबाकू का उपयोग कैंसर, फेफड़ों की बीमारियों और हृदय रोग सहित कई पुरानी बीमारियों के लिए मुख्य जोखिम कारकों में से एक है। इसके बावजूद, तंबाकू का सेवन दुनिया भर में आम है।
कई देशों में तंबाकू के विज्ञापन को प्रतिबंधित करने वाले कानून बने हुए है। इन कानूनों द्वारा तंबाकू उत्पादों को खरीदने और उपयोग करने वाले लोगों को तथा लोग कहां धूम्रपान कर सकते हैं और कहां नहीं, इसे नियंत्रित किया जाता है।
(और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय)
- तंबाकू क्या है - Tobacco kya hai in hindi
- तम्बाकू का इतिहास - History of Tobacco in hindi
- तम्बाकू के प्रकार - Types of Tobacco in hindi
- तम्बाकू का सेवन - Different ways of Tobacco consumption in hindi
- तम्बाकू के हानिकारक प्रभाव - Tobacco ke nuksan in hindi
- तम्बाकू से होने वाले रोग - Tobacco se hone wali bimari in hindi
- तंबाकू छोड़ने के फायदे - Benefits of quitting Tobacco in hindi
तंबाकू क्या है - Tobacco kya hai in hindi
तंबाकू एक निकोटीन युक्त पत्तियों वाला पौधा है। पत्तियां सूखने के बाद धूम्रपान के लिए उपयोग होती हैं, आमतौर पर सिगरेट बनाने के लिए इनका उपयोग किया जाता है। यह पौधा लगभग पूरी दुनिया में उगाया जाता है और करीब एक बिलियन डॉलर का उद्योग इस पर आधारित है।
इस पौधे में प्रमुख मादक घटक निकोटीन होता है, जो कि एक उत्तेजक है लेकिन इसके अलावा भी 4,000 से अधिक अन्य रसायन इस (जिनमें से 2,000 तत्व जहरीली प्रकृति के लिए जाने जाते हैं) सिगरेट में मौजूद होते हैं।
तम्बाकू के धुएं में शामिल कुछ मुख्या हानिकारक तत्व निम्नलिखित हैं -
- निकोटीन
- कार्बन मोनोऑक्साइड
- टार
- जहरीले रसायन जैसे बेंजीन, आर्सेनिक और फॉर्मल्डेहाइड
- रेडियोधर्मी यौगिक इत्यादि।
तम्बाकू एक तंत्रिका तंत्र उत्तेजक है जो जटिल जैव रासायनिक और न्यूरोट्रांसमीटर विघटन को ट्रिगर करता है। यह हृदय गति और ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है, रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध करता है, फेफड़ों के ऊतकों में परेशानी पैदा करता है और स्वाद और गंध की आपकी क्षमता को कम करता है।
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तम्बाकू का इतिहास - History of Tobacco in hindi
लोग 6000 इसा पूर्व से ही शक्तिशाली और लत लगाने वाले रासायनिक तत्व निकोटीन के स्रोत के रूप में तंबाकू का उपयोग अलग-अलग तरह से करते रहे हैं। तंबाकू का पौधा मूल रूप से उत्तर और दक्षिण अमेरिका में पैदा हुआ था और 15 वीं और 16 वीं सदी में यूरोप में लाया गया था।
400 साल पहले पुर्तगाली व्यापारियों द्वारा तंबाकू को पहली बार भारत लाया गया था। यद्यपि भारत में स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले तंबाकू के कुछ प्रकार पहले से ही मौजूद थे लेकिन ब्राजील से आयी इस नई आयातित किस्म ने उन्हें बाहर कर दिया।
तंबाकू का व्यापार तेजी से बढ़ा और तंबाकू 17 वीं शताब्दी में गोवा से गुजरने वाली सबसे महत्वपूर्ण वस्तु के रूप में स्थापित हो गयी। पुर्तगाली कॉलोनी में लगभग हर घर में धूम्रपान या तंबाकू चबाने का नया फैशन बन गया। बाद में अंग्रेजों ने आधुनिक व्यावसायिक रूप से उत्पादित सिगरेट को भारतीय बाजार में पेश किया।
भारत में सदियों से तंबाकू को एक पान के पत्ते के अंदर लपेट कर मुंह में एक तरफ रखकर चबाया जाता रहा है। लेकिन पिछली सदी में तंबाकू कंपनियों ने छोटे साचे में तंबाकू तैयार करके पैक बेचने शुरू कर दिए।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रति वर्ष दुनिया की अनुमानित तीन मिलियन तंबाकू से संबंधित मौत का लगभग एक तिहाई हिस्सा भारत से होता है।
2001 में, भारत सरकार ने 18 वर्ष से कम आयु के लोगों को सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। तंबाकू उत्पाद विधेयक 2001 में बच्चों को तंबाकू बेचने वालों को तीन महीने तक जेल की सजा सुनाई जा सकती है। इस कानून के तहत कंपनियों को पैकेजिंग पर टार और निकोटीन की मात्रा छापने की भी आवश्यकता है।
तम्बाकू के प्रकार - Types of Tobacco in hindi
तंबाकू उद्योगों में 4 मुख्य प्रकार के तंबाकू का उपयोग तंबाकू उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है -
- वर्जीनिया तंबाकू
वर्जीनिया तम्बाकू की सबसे बहुमुखी किस्मों में से एक है। सूखा कर और अन्य प्रक्रियाओं के माध्यम से कई अलग-अलग प्रकार की विशेषताओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये किस्म मूल रूप से देशी उत्तरी अमेरिकियों द्वारा उगाई जाती थीं और यह तंबाकू हल्की और मीठी या स्ट्रांग और मिट्टी जैसे स्वाद वाली हो सकती है।
- बर्ली तम्बाकू
बर्ली नामक किस्म में लगभग शून्य शर्करा होता है। आमतौर पर निकोटीन का स्तर मध्यम होता है। बर्ली किस्म सुनहरे भूरे रंग की होती है और उत्तरी अमेरिका में व्हाइट बर्ली के रूप में जानी जाती है।
- ओरिएंटल तम्बाकू
आमतौर पर वर्जिनिया, कैवेन्डिश और बर्ली के साथ मिश्रित किया जाता है। इस तंबाकू का सेवन अनुभवी धूम्रपान करने वालों के बीच लोकप्रिय हैं क्योंकि इसका स्वाद अक्सर बहुत समृद्ध और तेज लगता हैं। लताकिया सबसे बड़े पैमाने पर और व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली ओरिएंटल किस्म है।
- ब्लेंडेड तम्बाकू
यह ओरिएंटल, वर्जीनिया और बर्ली किस्म की तम्बाकू का मिश्रण होता है।
तम्बाकू का सेवन - Different ways of Tobacco consumption in hindi
तंबाकू का सेवन या इस्तेमाल कई रूपों में किया जा सकता है, उदाहरण के लिए, पाइप्स, सिगरेट, सिगार, स्नफ (नाक से सूंघ कर), चबाने वाली तंबाकू, बीड़ी, हुक्का आदि। तंबाकू को सिगरेट, सिगार या पाइप के माध्यम से धूम्रपान किया जा सकता है। इसे मुँह से चबाया भी जा सकता है या अगर पाउडर है तो नाक से सूंघ कर लिया सकता है।
"बीड़ी" एक वैकल्पिक सिगरेट हैं, ये अलग-अलग स्वाद के विकल्पों के साथ रंगीन पैकेज में आती है। कुछ लोग सोचते हैं कि नियमित सिगरेट की तुलना में बिडी कम हानिकारक है, लेकिन वास्तव में उनमें अधिक निकोटीन होता है, जो लोगों को अधिक धूम्रपान की लत लगा सकती है, जिससे बीड़ी के सिगरेट की तुलना में अधिक हानिकारक होने की संभावना बनती है।
तंबाकू का हुक्का भी कई तरह के स्वाद में आता है और आमतौर पर समूह में बैठ कर सभी लोग बारी-बारी से हुक्का के पाइप से कश खींचते हुए इसका उपयोग करते हैं।
तम्बाकू के हानिकारक प्रभाव - Tobacco ke nuksan in hindi
तंबाकू के सेवन से शरीर में लगभग हर अंग को नुकसान पहुंचाता है, हालांकि, यह निम्नलिखित आधार पर हर किसी को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है -
- व्यक्ति के शरीर का आकार, वजन और स्वास्थ्य
- व्यक्ति इसे लेने का आदि है या नहीं है
- साथ में अन्य ड्रग्स ली जाती है या नहीं
- सेवन की मात्रा
- तंबाकू कितनी स्ट्रांग है और उत्पाद में इसका कितना अंश है इत्यादि।
सिगरेट के प्रत्येक कश (पफ) के साथ, धूम्रपान करने वाला फेफड़ों में निकोटीन और अन्य हानिकारक पदार्थ खींचता है, जहां यह रक्त में अवशोषित हो जाता है। मस्तिष्क तक पहुंचने में निकोटिन को केवल 8 सेकंड लगते हैं। निकोटिन मस्तिष्क के प्राकृतिक रसायन एसिटाइल कोलिन के जैसा होता है।
एसिटाइल कोलिन न्यूरोट्रांसमीटर नामक कई रसायनों में से एक है जो मस्तिष्क कोशिकाओं के बीच संदेश ले जाता है। निकोटिन एसिटाइल कोलिन रिसेप्टर्स के अंदर बंद जाता है और तेजी से मस्तिष्क तथा शरीर में परिवर्तन का कारण बनता है। उदाहरण के लिए, निकोटिन रक्तचाप, हृदय गति और सांस की गति को बढ़ाता है।
अंततः तम्बाकू का नियमित उपयोग सांस फूलना, खांसी, नियमित सर्दी या फ्लू, पीठ दर्द, घाव ठीक होने में अधिक समय लगाना, मूड स्विंग्स, बच्चे पैदा करने (पुरुषों और महिलाओं) में कठिनाई, अनियमित पीरियड और जल्दी रजोनिवृत्ति, लिंग की उत्तेजना में कठिनाई (पुरुष), तंबाकू पर निर्भरता, सामाजिक, वित्तीय और काम से जुड़ी समस्याएं इत्यादि।
जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनमें से कुछ सूंघने और स्वाद महसूस करने की क्षमता भी खो देते हैं, उनके पास व्यायाम और खेल के लिए एक ही स्टेमिना नहीं रहता है और उनसे बदबू भी आ सकती हैं। लंबे समय तक धूम्रपान करने के बाद, लोगों को लगता है कि उनकी त्वचा तेजी से बूढ़ी हो रही है और तंबाकू चबाने से उनके दांत विकृत हो जाते हैं या भूरे रंग के हो जाते हैं।
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धूम्रपान सिर्फ उस व्यक्ति को प्रभावित नहीं करता जो धूम्रपान करता है। जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं वे भी "सेकेंड हैंड धुएं" के संपर्क में आते हैं, जो मुँह से छोड़े गए और जलती हुई सिगरेट, सिगार या पाइप से निकलने वाले धुएं से होता है।
तम्बाकू से होने वाले रोग - Tobacco se hone wali bimari in hindi
तंबाकू का उपयोग किसी भी रूप में किया जाए यह हानिकारक ही होता है, यहां तक कि कभी-कभी धूम्रपान या तंबाकू चबाना गंभीर बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है, जीवनभर धूम्रपान करने वालों को संभावित घातक बीमारियों की एक श्रृंखला विकसित होने का सबसे अधिक जोखिम होता है। तंबाकू के सेवन से होने वाले रोग निम्नलिखित हैं -
- फेफड़ों, मुंह, नाक, कंठ, जीभ, नेसल साइनस, एसोफैगस (भोजन नली), गला, पैनक्रिया, अस्थि मज्जा (माइलॉयड ल्यूकेमिया), किडनी, गर्भाशय, अंडाशय, पेशाब की नली, लिवर, मूत्राशय, आंत्र और पेट का कैंसर।
- फेफड़ों की बीमारियां जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग, जिसमें ऑब्सट्रक्टिव ब्रोंकोलाइटिस और एम्फिसीमा शामिल हैं।
- कोरोनरी धमनी रोग, हृदय रोग, दिल का दौरा और स्ट्रोक।
- पाचन तंत्र के अल्सर।
- ऑस्टियोपोरोसिस और हिप फ्रैक्चर।
- पैर और हाथों में रक्त परिसंचरण सही नहीं रहता, जिससे दर्द हो सकता है और गंभीर मामलों में, गैंग्रीन और अंग-विच्छेद (अंग को कट कर अलग होना) हो सकता है। (और पढ़ें - रक्त संचरण बढ़ाने के उपाय)
सिगरेट और सिगार से सेकेंड हैंड धुआं वयस्कों में दिल की बीमारी और फेफड़ों का कैंसर और शिशुओं और बच्चों में कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है, जिनमें प्रमुख रोग निम्नलिखित हैं -
- अस्थमा (और पढ़ें - दमा के घरेलू उपाय)
- श्वसन तंत्र का संक्रमण
- कान में संक्रमण
- सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम (एसआईडीएस)
धुएं रहित तंबाकू कई गंभीर मुँह से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि, मुंह और मसूड़ों के कैंसर सहित, पेरियोडोंटल बीमारी और दांतों को नुकसान का कारण बनती है।
तंबाकू छोड़ने के फायदे - Benefits of quitting Tobacco in hindi
तंबाकू छोड़ने से तत्काल स्वास्थ्य लाभ होते हैं और कुछ व्यक्तियों की आयु के अनुसार खोई हुई पूरी या थोड़ी जीवन प्रत्याशा को दुबारा हासिल किया जा सकता है।
धूम्रपान छोड़ने के फायदे बहुत सारे हैं जिनमें से कुछ फायदे निम्नलिखित हैं -
- आपकी सांस, कपड़े और बाल की गंध सही हो जाएगी।
- सूंघने की आपकी क्षमता वापस आ जाएगी। भोजन का स्वाद बेहतर लगेगा।
- आपकी उंगलियां और नाखून का पीला रंग धीरे-धीरे कम दिखाई देगा।
- आपके गंदे दागदार दांत धीरे-धीरे फिर से सफेद हो सकते हैं।
- आपके बच्चे स्वस्थ रहेंगे और उनके धूम्रपान शुरू करने की संभावना कम होगी।
- अपने लिए अपार्टमेंट या होटल का कमरे ढूंढना आसान और सस्ता होगा।
- आपको नौकरी पाने में आसानी हो सकती है।
- मित्र आपकी कार या घर में रहने के इच्छुक हो सकते हैं।
- किसी के साथ डेट पर जाना आसान हो सकता है क्योंकि बहुत से लोग धूम्रपान नहीं करते हैं और धूम्रपान करने वाले लोगों के आस-पास रहना पसंद नहीं करते हैं।
- आप पैसे बचा सकते हैं। यदि आप एक दिन में दस सिगरेट वाला एक पैकेट पीते हैं, तो आप सिगरेट पर सालाना लगभग पचास हजार रुपये खर्च करते हैं।