नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से होने वाली बीमारी कोविड-19 ने दुनियाभर के 80 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर दिया है और भारत में भी इस बीमारी की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। 17 जून 2020 के आंकड़ों की मानें तो भारत में अब तक साढ़े 3 लाख लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO और भारतीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि लोगों को कोविड-19 के ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन से बचने के लिए फेस मास्क या फेस कवर का इस्तेमाल करना चाहिए। 

कई स्टडीज में भी यह बात सामने आ चुकी है कि अगर फेस मास्क और फेस कवर को विस्तृत रूप से और सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो कोविड-19 महामारी को फैलने से रोका जा सकता है। हाल ही में चीन में हुई एक स्टडी में तो यहां तक कहा गया कि सिर्फ घर के बाहर सार्वजनिक जगहों पर ही नहीं बल्कि घर के अंदर भी अगर मास्क पहना जाए तो कोविड-19 के ट्रांसमिशन को काफी हद तक कम किया जा सकता है। अक्सर आपने भी ये देखा होगा कि लोग मास्क या फेस कवर पहन तो लेते हैं लेकिन उसे पहनने का, उतारने का, धोने और फेंकने का सही तरीका क्या है, ये उन्हें मालूम ही नहीं होता। इस वजह से जाने-अनजाने उन्हें कोविड-19 से सुरक्षित रखने वाला मास्क ही कोरोना का कैरियर बन जाता है। आपके साथ ऐसा न हो इसके लिए आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना रखना चाहिए :

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WHO की मास्क संबंधी नई गाइडलाइंस
कुछ महीनों पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि सभी लोगों को फेस मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। जो लोग खुद बीमार हैं, संक्रमित हैं, जिन्हें सर्दी-जुकाम या बुखार है या फिर वैसे लोग जो बीमार की देखभाल कर रहे हैं। इस वजह से जिन्हें संक्रमण का खतरा अधिक है जैसे- बीमार मरीजों की देखभाल करने वाले या फिर स्वास्थ्यकर्मी सिर्फ उन्हें ही फेस मास्क पहनने की जरूरत है। लेकिन अब WHO ने मास्क के इस्तेमाल को लेकर अपनी गाइडलाइंस में बदलाव किया है, जिसके मुताबिक :

  • जहां संक्रमण ज्यादा है वहां लोगों को हर हाल में मास्क पहनना चाहिए। भीड़भाड़ वाली सार्वजनिक जगहों पर भी हमेशा मास्क पहनना बेहद जरूरी है।
  • सभी स्वस्थ लोगों को तीन परतों वाला फैब्रिक मास्क या फेस कवर पहनना चाहिए। जो लोग बीमार हैं उन्हें मेडिकल ग्रेड का फेस मास्क यूज करना चाहिए।
  • अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ही मरीजों और वहां मौजूद सभी लोगों को मेडिकल-ग्रेड का फेस मास्क पहनना चाहिए।
  • हमेशा याद रखें कि सिर्फ मास्क आपको कोविड-19 से सुरक्षित नहीं रख सकता। मास्क पहनने के साथ-साथ दूसरों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाकर रखें और अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन-पानी या सैनिटाइजर से साफ करना भी जरूरी है।

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सिंगल-यूज मेडिकल फेस मास्क से जुड़े नियम
वैसे तो अगर आप खुद बीमार नहीं हैं और कोविड-19 संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में भी नहीं है तो रोजाना के इस्तेमाल के लिए आप कपड़े से बने फेस कवर का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन अगर आप सिंगल-यूज मेडिकल फेस मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो WHO के निर्देशों के मुताबिक आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए :

मास्क पहनते वक्त

  • मास्क को छूने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन-पानी या फिर सैनिटाइजर से साफ कर लें।
  • फिर देखें कि मास्क कहीं से फटा तो नहीं है या उसमें कोई छेद तो नहीं है। ध्यान रखें कि मास्क का रंगीन हिस्सा (कलर्ड साइड) बाहर की तरफ हो।
  • इसके बाद मास्क के टॉप साइड यानी मेटल वाले हिस्से की पहचान करें और उसे अपने नाक के ऊपर रखें और मास्क के इलास्टिक को कान के पीछे ले जाएं।
  • अपनी नाक, मुंह और ठुड्डी को मास्क से अच्छी तरह से ढक लें। मास्क को अच्छी तरह से अडजस्ट कर लें, ताकि दोनों साइड से कोई गैप न हो।
  • आपने जब मास्क को पहन रखा हो तो पूरी कोशिश करें कि आप मास्क की बाहर सतह को बार-बार न छूएं। अगर मास्क को अडजस्ट करने के लिए आपको उसे छूना भी पड़े तो तुरंत अपने हाथों को साबुन-पानी या अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से साफ कर लें।
  • सिंगल-यूज मेडिकल मास्क को गलती से भी दोबारा इस्तेमाल न करें।

इस्तेमाल किए मास्क को कैसे उतारे और फेंके

  • मास्क को उतारते वक्त उसे आगे से छूने की बजाए पीछे से उसके इलास्टिक या स्ट्रैप को पकड़कर मास्क को उतारें।
  • मास्क को आराम से धीरे से उतारें, बहुत ज्यादा हिलाएं नहीं, ताकि उसके बाहरी सतह पर मौजूद दूषित तत्व इधर-उधर हवा में न फैल जाएं।
  • साथ ही यूज्ड मास्क को उतारते वक्त खुद से और आसपास मौजूद सतहों से भी दूर रखें ताकि सतहों को भी दूषित होने से बचाया जा सके।
  • इसके बाद मास्क को काटकर किसी प्लास्टिक बैग या जिप लॉक बैग में डाल दें ताकि इसे दोबारा इस्तेमाल न किया जा सके।
  • यूज्ड मास्क वाले प्लास्टिक बैग को किसी ढक्कन वाले डस्टबिन में ही फेंकें।
  • इसके बाद अपने हाथों को साबुन-पानी से 20 सेकंड तक अच्छी तरह से धोएं या फिर अल्कोहल सैनिटाइजर से हाथों को साफ कर लें।
  • इस्तेमाल किए गए मास्क को किसी भी ऐसी जगह पर न रखें कि वह दूसरे लोगों के संपर्क में आ सके।
  • सिंगल-यूज इस्तेमाल किए गए मास्क या मेडिकल मास्क को सड़क पर इधर-उधर कहीं भी न फेंकें, क्योंकि इससे भी इंफेक्शन फैलने और मास्क के दोबारा इस्तेमाल का खतरा हो सकता है।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (MoHFW) के निर्देशों के मुताबिक घर पर रहने वाले कोविड-19 के मरीजों, उनका ध्यान रखने वाले केयरगिवर या संक्रमित मरीज के संपर्क में आए लोगों द्वारा इस्तेमाल किए गए मास्क को साधारण ब्लीच सॉलूशन या 1प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉलूशन के जरिए कीटाणुमुक्त बनाने के बाद ही सही तरह से ढक्कन वाले डस्टबिन में फेंकें।

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न करें मास्क से जुड़ी ये गलतियां
भारतीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और कोविड-19 मरीजों के सीधे संपर्क में रहने वाले लोगों को कपड़े से बने फेस कवर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उनके लिए मेडिकल यूज वाला फेस मास्क ही उपयुक्त है। लेकिन आम लोग डेली यूज के लिए कपड़े से बने रीयूजेबल फेस कवर का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप चाहें तो इन फेस कवर को घर पर ही बड़ी आसानी से बना सकते हैं या फिर बाजार से भी कम कीमत पर खरीद सकते हैं। अच्छी बात ये है कि आप इन फेस कवर्स को धोकर दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं, जब तक ये फट न जाएं।

बहुत से लोग फेस कवर इस्तेमाल करते वक्त कई आम, लेकिन खतरनाक गलतियां करते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा हो सकता है :

  • फेस कवर को इस्तेमाल करना ही काफी नहीं है, बल्कि इसे सही तरीके से धोना और स्टोर करके रखना भी जरूरी है।
  • MoHFW का भी यही सुझाव है कि हमें अपने फेस कवर को पीछे से पलट कर रीयूज नहीं करना चाहिए।
  • अगर आप इस्तेमाल किए गए फेस कवर को बिना धोए या डिसइंफेक्ट किए फिर से यूज कर लें तो मास्क की सतह पर मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को शरीर में प्रवेश करने का रास्ता मिल सकता है।

किस कपड़े का मास्क है बेस्ट?
एक स्टडी की मानें तो सार्स-सीओवी-2 वायरस पीपीई मटीरियल की सतह पर, रेस्पिरेटर्स और यहां तक की प्लास्टिक फेस शील्ड की सतह पर भी करीब 21 दिनों तक जीवित रह सकता है। लेकिन 100 प्रतिशत कॉटन फैब्रिक यानी सूती कपड़े पर कोविड-19 बीमारी के लिए जिम्मेदार यह वायरस सिर्फ 24 घंटे तक ही सक्रिय रहता है, लिहाजा वायरस से बचने के लिए हमें सूती कपड़े से बना 3 लेयर वाला फेस कवर ही इस्तेमाल करना चाहिए। 

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फेस मास्क धोने का तरीका
कपड़े से बने फेस कवर को एक बार इस्तेमाल करने के बाद बिना धोए या कीटाणुमुक्त किए बिना दोबारा बिल्कुल इस्तेमाल न करें। लिहाजा बेहद जरूरी है कि हर व्यक्ति के पास हर दिन इस्तेमाल के लिए कम से कम 2 फेस कवर होने चाहिए, ताकि एक को धोकर दूसरे फेस कवर का इस्तेमाल किया जा सके। फेस कवर को धोने और कीटाणुमुक्त बनाने के लिए इन बातों का ध्यान रखें :

  • एक बार इस्तेमाल के बाद तुरंत फेस कवर को गर्म पानी और साबुन से साफ करें। अमेरिका की सीडीसी के मुताबिक 1 लीटर पानी में 4 चम्मच घरेलू ब्लीच को मिलाकर फेस कवर को धोएं। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय MoHFW की मानें तो फेस कवर को कीटाणुमुक्त बनाने के लिए उसे पानी में नमक डालकर उबाल देना चाहिए।
  • सूरज की रोशनी प्राकृतिक कीटाणुनाशक मानी जाती है लिहाजा अपने फेस कवर को धोने के बाद कम से कम 5 घंटे धूप में सूखने के लिए छोड़ दें। अगर सूरज की रोशनी मौजूद न हो तो फेस कवर को सुखाने के लिए उस पर कम से कम 5 मिनट तक गर्म आयरन चलाना चाहिए। 
  • आप जिस पैकेट में अपने फेस कवर को स्टोर करके रखें उसे भी हर बार साफ करना जरूरी है। इसके लिए प्लास्टिक बैग को साबुन और पानी से अच्छी तरह से साफ करें और धूप में सूखने के लिए रख दें। 
  • साफ और कीटाणुमुक्त करके रखे गए अतिरिक्त फेस कवर को बाकी कपड़ों और सबसे ज्यादा छुई जाने वाली सतहों से दूर रखें।

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