ऑफिस, कार्यालय, कार्यस्थल, वर्कप्लेस- आप इसे चाहे जो कहें लेकिन यह जगह आपसी सहयोग और टीमवर्क के लिए बनी है और इसी के लिए जानी जाती है। लेकिन दुर्भाग्यवश कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी इन्हीं दो खूबियों की वजह से ऑफिस का वातावरण जोखिम भरा साबित हो सकता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोविड-19 एक बिलकुल नई बीमारी है जो नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 की वजह से होती है और यह बीमारी भीड़भाड़ वाली जगहों पर जल्दी और तेजी से फैलती है।

ऑफिस एक ऐसी जगह है जहां सिर्फ शहर के अलग-अलग हिस्से से ही नहीं बल्कि कई बार तो शहर के बाहर से भी लोग आते हैं और ऑफिस के अंदर एक साथ मिलजुलकर काम करते हैं। लिहाजा बेहद जरूरी है कि ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी दोनों ही सतर्क रहें और समझदारी से पेश आएं और अगर कोई व्यक्ति जरा भी बीमार हो तो उसे घर से काम करने की इजाजत दें। इसके अतिरिक्त, जब तक यह महामारी खत्म नहीं हो जाती अगर उनके ऑफिस का कोई स्टाफ या बाहर से आने वाला विजिटर कोविड-19 पॉजिटिव पाया जाता है तो ऑफिस को इस बारे में त्वरित कार्रवाई करने की जरूरत पड़ेगी।

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कोविड-19 महामारी की वजह से पहले ही भारत में 3 बार लॉकडाउन को बढ़ाया जा चुका है लेकिन देश में हमेशा के लिए लॉकडाउन तो नहीं रह सकता। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार धीरे-धीरे लॉकडाउन को हटाने की तरफ कदम बढ़ा रही है। उद्योग-धंधे, दुकानें, निर्माण कार्य, पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ ऑफिसों को भी खोलने की अनुमति मिल गई है। ऐसे में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ऑफिस और वर्कप्लेस पर कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए कुछ जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं।

  1. ऑफिस के लिए जरूरी सावधानियां
  2. ऑफिस स्पेस के लिए खास ऐहतियाती कदम
  3. ऑफिस में अगर किसी को कोविड-19 हो जाए तो क्या करें?
  4. ऑफिस को संक्रमणरहित बनाने की गाइडलाइन्स
कोविड-19 महामारी के बीच ऑफिस में काम करने को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन्स के डॉक्टर

इंसान से इंसान में कोविड-19 का प्रसार इन 3 तरीकों से हो सकता है :

छोटी-छोटी बूंदों से बीमारी का संचार (ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन)
कोविड-19 वायरल इंफेक्शन से पीड़ित कोई व्यक्ति जब बात करता है, खांसता या छींकता है तो छोटी-छोटी बूंदें जिसमें वायरस मौजूद है वह हवा के जरिए आसपास मौजूद स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में नाक, मुंह और आंख के जरिए प्रवेश कर जाता है।

फोमाइट्स
वैसी चीजें जैसे बहुत सारे लोग छूते हैं उनके वायरस द्वारा दूषित होने की आशंका अधिक होती है। ऑफिस के माहौल की बात करें तो लिफ्ट का बटन, सीढ़ियों की हैंडरेलिंग, दरवाजे का हैंडल या नॉब, पैंटी-कैफेटिया या वॉशरूम की नल, कॉफी मशीन का बटन आदि ऐसी जगहें हैं जिसे दिनभर में कई बार अलग-अलग लोग छूते हैं। अध्ययनों में यह बात सामने आयी है कि इन सतहों पर वायरस कई घटों तक जीवित रह सकता है।

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शरीर के तरल पदार्थों को शेयर करना
खून या लार जैसी चीजें अगर संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाएं तो वायरस का संक्रमण आसानी से हो सकता है।

कोविड-19 कैसे फैलता है इसे देखते हुए भारत के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों ने भी कई जरूरी ऐहतियाती कदम के बारे में बताया है जिसका पालन सभी लोगों को करना चाहिए। अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑफिस के हालात को ध्यान में रखते हुए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं:

  • ऑफिस में काम करने वाले हर व्यक्ति को हर समय एक दूसरे से कम से कम 1 मीटर या 3 फीट की दूरी बनाकर रखनी है।
  • ऑफिस के सभी लोगों को हर वक्त फेस कवर या फेस मास्क लगाकर रखना होगा।
  • सभी लोग दिनभर में कई बार अपने हाथों को अच्छे से साबुन पानी से कम से कम 40 से 60 सेकंड तक साफ करें या फिर अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर से कम से कम 20 सेकंड तक क्लीन करें।
  • सांस संबंधी सफाई का ध्यान रखना होगा। उदाहरण के लिए अगर खांसी या छींक आती है तो मुंह को टीशू से ढंक कर खांसे या छींकें और फिर इस्तेमाल किए गए टीशू को तुरंत डस्टबिन में फेंक दें। आप चाहें तो खांसते या छींकते वक्त अपने चेहरे को अपनी कोहनी से भी ढंक सकते हैं। 
  • सभी लोगों को अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखना होगा और अगर किसी को कोई बीमारी होती है तो उसके बारे में ऑफिस वालों को तुरंत सूचित करें।

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ऑफिस में इन सावधानियों का पालन हो सके, इसके लिए कुछ जरूरी बदलाव करने की आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिए- कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था में बदलाव करना होगा ताकि सभी कर्मचारियों के बीच हर वक्त 3 फीट की दूरी बनी रहे। पैंट्री में वॉटरकूलर के पास की जाने वाली बातें और गपशप में बदलाव होगा क्योंकि सभी लोग एक दूसरे से दूर खड़े होंगे और मास्क के अंदर से उनकी बातें सुनी जा सकें इसके लिए भी उन्हें प्रत्यन्न करना होगा। कॉन्फ्रेंस रूम में भी सभी कर्मचारी एक साथ नहीं आ पाएंगे। और सबसे जरूरी कि सभी लोगों को अपनी सेहत को लेकर खुद ही सतर्क रहने की जरूरत होगी। पहले जहां हम में से बहुत से लोग हल्के बुखार या गला खराब होने पर भी ऑफिस आ जाया करते थे लेकिन अब इस महामारी के समय इन चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।

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आने वाले कुछ दिनों में सबसे जरूरी यही होगा कि सभी लोग सतर्क और जागरूक बने रहें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑफिसों के लिए कुछ गाइडलाइन्स जारी की हैं:

1. किसी भी कर्मचारी में अगर फ्लू जैसे लक्षण हों तो उसे काम करने के लिए ऑफिस नहीं जाना चाहिए और डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मियों से सलाह-मशविरा करना चाहिए। जिन लक्षणों का ध्यान रखने की जरूरत है वे हैं-

2. अगर किसी व्यक्ति में कोविड-19 की पुष्टि हो जाए या फिर वह संदिग्ध मरीज हो तो उसे तुरंत अपने ऑफिस में इस बात की सूचना देनी चाहिए।
3. कार्यालयों को यह निर्देश दिया गया है कि वे कर्मचारियों को घर से काम करने की इजाजत दें।
4. मंत्रालय ने यह भी कहा कि ऑफिस में मीटिंग आयोजित करने या मुलाकातों को संयोजित करने के दौरान भी कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखें।

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  • ऑफिस में बाहर से आने वाले विजिटर्स पर रोक लगाएं। अगर उनका आना बेहद जरूरी है तो ऑफिस के अंदर आने से पहले गेट या एंट्रेस पर ही थर्मल स्कैनर की मदद से उनकी स्क्रीनिंग की जाए।
  • जहां तक संभव हो मीटिंग को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअली ही किया जाए। अगर लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिलना जरूरी हो तो बड़ी संख्या में की जाने वाली मीटिंग को छोटे-छोटे ग्रुप में तोड़ दें ताकि फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना आसान हो।
  • ऑफिस की तरफ से की जाने वाली गैर-जरूरी यात्रा पर भी रोक लगाएं।
  • सभी ऑफिसों को निर्देश दिया गया है कि वे ऑफिस के अंदर मौजूद सभी सतहों को खासकर जिन्हें बार-बार छूआ जाता है उन्हें साफ और कीटाणुमुक्त बनाएं।
  • ऑफिस के एंट्रेस पर और वॉशरूम में भी हर वक्त हैंड सैनिटाइजर जरूर होना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक, अगर ऊपर बताई गई सावधानियां बरतने के बावजूद किसी में फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं तो बेहद जरूरी है कि उस व्यक्ति को ऑफिस के किसी अलग सेक्शन में तुरंत आइसोलेट किया जाए और साथ ही उस व्यक्ति के साथ सबसे नजदीक काम करने वाले व्यक्ति को भी।

  • उन्हें पहनने के लिए मास्क दिए जाएं और ऑफिस में ही डॉक्टर उन्हें कोविड-19 के संकेतों के लिए चेक करें।
  • अगर वह व्यक्ति कोविड-19 पॉजिटिव आता है तो पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स को जानकारी दें और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के साथ-साथ पूरे ऑफिस को अच्छे से कीटाणुमुक्त बनाएं।
  • अगर कोविड-19 पॉजिटिव मरीज में हल्के लक्षण हैं तो उन्हें घर में ही होम क्वारंटाइन या आइसोलेट किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए उनके घर पर जरूरी सुविधाएं होनी चाहिए।
  • अगर पीड़ित शख्स में कोविड-19 के मध्यम या गंभीर लक्षण दिख रहे हों तो उन्हें कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए।
  • स्थानीय रैपिड रिस्पॉन्स टीम को बुलाएं ताकि वह सही तरीके से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर पाएं।
  • अलक्षणी मरीजों के मामले में ऑफिसों को जरूरी तैयारियां करनी होगी और बड़े पैमाने पर टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करनी होगी।
  • मरीजों के नजदीकी लोगों पर भी 14 दिनों तक नजर रखने की जरूरत है। आईसीएमआर के प्रोटेकॉल के मुताबिक हाई रिस्क कॉन्टैक्ट वाले लोगों को सेल्फ-आइसोलेट करने और उनकी टेस्टिंग करने की जरूरत है। वैसे लोग जिनमें रिस्क कम है वे काम करना जारी रख सकते हैं लेकिन उन्हें अपनी सेहत पर 14 दिनों तक नजर रखनी होगी।
  • अगर ऑफिस के किसी कर्मचारी में कोविड-19 की पुष्टि हो जाती है तो पूरे ऑफिस को सही तरीके से कीटाणुमुक्त करने की जरूरत पड़ेगी।

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ऑफिस को कब बंद करने की जरूरत होगी?
अगर ऑफिस में सिर्फ एक या दो कोविड-19 के कंफर्म मामले हों तो डिसइंफेक्शन की प्रक्रिया के बाद ऑफिस को दोबारा खोला जा सकता है। इस मामले में ऑफिस के जिस हिस्से में मरीज सबसे ज्यादा रहता था सिर्फ उसे कीटाणुमुक्त करने की जरूरत है। लेकिन अगर बड़ी संख्या में ऑफिस के कर्मचारी कोविड-19 से संक्रमित हो जाएं तो सरकारी निर्देशों के मुताबिक ऑफिस को 48 घंटे तक बंद रखना होता है ताकि कीटाणुनाशन का काम हो सके।

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे पहले भी कई दिशा निर्देश जारी किए हैं जिसके तहत सभी ऑफिसों को रोजाना 2 बार सफा करना होगा। एक बार फिर वर्कप्लेस पर कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए जारी किए गए निर्देशों में भी इसे शामिल किया गया है:

  • अगर सतह गंदी नजर आ रही हो तो उसे डिसइंफेक्ट करने से पहले साबुन-पानी से साफ कर लें। सबसे गंदी जगहों को सबसे पहले साफ करें।
  • सभी सतहों को कीटाणुमुक्त बनाने के लिए 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट या फिनायल वाले कीटाणुनाशक का इस्तेमाल करें। ऑफिस एंट्रेंस, लॉबी, कॉरिडोर, सीढ़ियां, लिफ्ट, एस्कलेटर, सुरक्षाकर्मियों का कमरा, ऑफिस रूम, मीटिंग रूम, कैफेटेरिया इन सभी जगहों को अच्छे से साफ करें।
  • दरवाजों के हैंडल या नॉब, सीढ़ियों की हैंडरेलिंग, इंटरकॉम सिस्टम, प्रिंटर, स्कैनर, फोटो कॉपी मशीन और ऑफिस की बाकी मशीनों को भी रोजाना 2 बार 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट में भिगोए कपड़े से साफ करें।
  • टेबल की ऊपरी सतह, कुर्सी का हैंडल, कलम, डायरी, फाइल, डेस्कटॉप, कीबोर्ड, माउस, माउसपैड, टी-कॉफी मशीन, आदि को कीटाणुनाशक लिक्विड से रोजाना 2 बार साफ करें।
  • वैसी मेटैलिक सतहें जिन्हें ब्लीच से साफ नहीं किया जा सकता उनके लिए 70 प्रतिशत अल्कोहल का इस्तेमाल हो सकता है।
  • ऑफिस के एंट्रेंस पर और वैसी जगहें जहां लोग सबसे ज्यादा आना जाना करते हैं वहां पर हैंड सैनिटाइजर जरूर होना चाहिए।
  • अगर कोई व्यक्ति बिना मुंह को ढंके खांसता या छींकता है तो उस जगह को तुरंत 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट से साफ किया जाना चाहिए। उस व्यक्ति के आसपास बैठने वालों को भी वहां से उठ जाना चाहिए जब तक की जगह को कीटाणुमुक्त न कर दिया जाए।
  • जिन चीजों और उपकरणों से सफाई और डिसइंफेक्शन का काम किया जा रहा है उन चीजों को भी सही तरीके से साफ करना चाहिए।
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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 महामारी के बीच ऑफिस में काम करने को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन्स है

संदर्भ

  1. Directorate General of Health Services (EMR Division), Ministry of Health & Family Welfare, Government of India [Internet]. Guidelines on preventive measures to contain spread of COVID-19 in workplace settings, 18 May 2020.
  2. Department of Personnel and Training, Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions, North Block, New Delhi [Internet]. Office Memorandum: Preventive measures to be taken to contain the spread of Novel Coronavirus (COVID-19)—regarding, 16 March 2020
  3. Ministry of Health and Family Welfare, Government of India [Internet]. COVID-19: Guidelines on disinfection of common public places including offices.
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