पिछले दो साल से दुनियाभर में कोरोना वायरस से लोग परेशान हैं. ये सिर्फ बड़े-बुजुर्गों को ही नहीं, बल्कि बच्चों के लिए भी खतरा है. बेशक, बच्चों के संक्रमण से गंभीर रूप से अस्वस्थ होने का जोखिम कम होता है और छोटे बच्चों में बड़े बच्चों की तुलना में वायरस के फैलने की आशंका कम होती है. इसके बावजूद बच्चों के लिए फेस मास्क लगाना जरूरी है.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का भी कहना है कि 6 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए मास्क अनिवार्य है. हालांकि, माता-पिता इस बारे में चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि क्या ये बच्चों के लिए शारीरिक रूप से हानिकारक हो सकते हैं?

ऐसे में ये सवाल भी उठता है कि बच्चोंं को मास्क पहनना चाहिए या नहीं, कितने साल तक के बच्चों को मास्क पहनना चाहिए. बच्चोंं को किस तरह का मास्क पहनाना चाहिए. बच्चों को मास्क से जुड़ी क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

आज इस लेख में हम बच्चों के मास्क से जुड़े सभी पहलुओं पर बात करेंगे -

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  1. क्या बच्चों को मास्क पहनना चाहिए?
  2. बच्चों को किस प्रकार का मास्क पहनना चाहिए?
  3. बच्चों को मास्क कैसे पहनना चाहिए?
  4. क्या बच्चे को घर पर मास्क पहनना चाहिए?
  5. क्या बच्चों को खेलते समय मास्क पहनना चाहिए?
  6. क्या फेस शील्ड, मास्क का विकल्प हैं?
  7. क्या मास्क पहनने से स्कूल में मेरे बच्चे की सुरक्षा होगी?
  8. बच्चे की इस तरह मास्क से करवाएं दोस्ती
  9. सारांश
क्या बच्चों को कोविड-19 से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए? के डॉक्टर

डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ बच्चों की उम्र व अवस्था के अनुसार उनके मास्क पहने के संबंध में कुछ जरूरी निर्देश दिए हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है -

5 वर्ष व उससे कम

5 वर्ष और उससे कम आयु के बच्चों को मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए. यदि ऐसे बच्चे आवश्यकता पड़ने मास्क पहनते हैं, तो पेरेंट्स या किसी व्यस्क की निगरानी में इन्हें मास्क पहनना चाहिए. इस उम्र के बच्चों का आमतौर पर मास्क पहनना उनकी सुरक्षा, रुचि और उचित रूप से मास्क का उपयोग करने की क्षमता पर आधारित है.

कुछ देशों में 5 साल और उससे कम आयु के बच्चों द्वारा मास्क के उपयोग पर अलग-अलग सिफारिशें हैं. यदि आपके क्षेत्र में 5 साल से कम आयु के बच्चों को मास्क पहनने की आवश्यकता है, तो किसी व्यस्क की निगरानी में मास्क का सुरक्षित उपयोग करवाया जा सकता है.

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6 से 11 वर्ष के बच्चे

इस उम्र के बच्चों के लिए मास्क का उपयोग करने का निर्णय कुछ कारकों पर आधारित होना चाहिए. जैसे - 

  • जहां बच्चा रहता है, क्या उस क्षेत्र में COVID-19 वायरस बहुत फैला हुआ है.
  • क्या बच्चा दूसरों से 1 मीटर की दूरी को बरकरार रखने में अक्षम है.
  • क्या बच्चा उन लोगों के संपर्क में आ सकता, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिख रहे हैं या जो कोविड पॉजि‍टिव हैं.
  • क्या बच्चा मास्क का सुरक्षित और उचित उपयोग करने में सक्षम है. 
  • बच्चे को समय पर मास्क धोना, बदलना, पहनना या दिक्कत होने पर उतारने के लिए किसी व्यस्क का सहयोग उपलब्ध है या नहीं.
  • इसके अलावा, बच्चे के सीखने और मनोसामाजिक विकास पर पड़ने वाले असर के लिए एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकते हैं.

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12 वर्ष से ऊपर के बच्चे

डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ सलाह देते हैं कि 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को वयस्कों की तरह जरूरत होने पर मास्क पहनना चाहिए, विशेष रूप से जब वे दूसरों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बरकरार नहीं रख पाते या उस जगह रहते हैं, जहां कोरोना वायरस अत्यधिक फैला हुआ है.

शारीरिक विकार वाले बच्चे

विकास संबंधी विकारों, अक्षमताओं या अन्य विशिष्ट स्वास्थ्य स्थितियों वाले किसी भी उम्र के बच्चों के लिए मास्क का उपयोग अनिवार्य नहीं होना चाहिए. यदि अस्वस्थ या अक्षम बच्चे को मास्क पहनाया जा रहा है, तो इसका पेरेंट्स, टीचर या डॉक्टर द्वारा बच्चे की स्थिति के आधार पर मूल्यांकन किया जाना चाहिए और किसी व्यस्क की निगरानी में ही उन्हें मास्क का उपयोग करने देना चाहिए. दरअसल, किसी भी मामले में कॉग्निटिव या रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम वाले बच्चों को मास्क को सहन करने में कठिनाई हो सकती है, ऐसे में बच्चे को मास्क पहनाने से पहले सोच-विचार जरूरी है.

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स्वास्थ्य में कमजोर बच्चे

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, सिस्टिक फाइब्रोसिस या कैंसर जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों वाले बच्चों को उनके डॉक्टर की सलाह पर मेडिकल मास्क पहनना चाहिए. मेडिकल मास्क न सिर्फ कोविड से सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि यह कोरोना वायरस को दूसरों तक फैलने से रोकने में भी मदद करता है.

कुल मिलाकर, बच्चे को मास्क पहनना चाहिए या नहीं यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें उनकी उम्र, सुरक्षित रूप से उपयोग करने की क्षमता और गंभीर स्वास्थ्य स्थिति और उनका बीमार व्यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क इत्यादि शामिल हैं.

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जो बच्चे सामान्य रूप से स्वस्थ हैं, उन्हें नॉन-मेडिकल या फैब्रिक मास्क पहनने की सलाह दी जाती है. बच्चों को मास्क पहनाने से पहले ये सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि मास्क का आकार सही है, ये बच्चे की नाक, मुंह और चिन को पूरी तरह से कवर करता है.

सिस्टिक फाइब्रोसिस, कैंसर या इम्यूनोसप्रेशन जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों वाले बच्चों को डॉक्टर की सलाह पर मेडिकल मास्क पहनाना चाहिए. यदि बच्चे को कोविड है, तो उस स्थिति में भी मेडिकल मास्क पहनाना चाहिए. आइए विस्तार से जानें, कैसे होते हैं फैब्रिक और मेडिकल मास्‍क और इनका इस्तेमाल कब करें -

फैब्रिक मास्क

इसे नॉन-मेडिकल मास्क के रूप में भी जाना जाता है. ये आमतौर पर कॉटन से बने होते हैं. ये कई अलग-अलग शैलियों और रंगों में आते हैं और इन्हें आसानी से धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है.

  • फैब्रिक मास्क को प्रभावी बनाने के लिए कपड़े की कम से कम तीन परतें होना जरूरी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ज्यादातर लोगों खासकर बच्चों को थ्री लेयर फैब्रिक मास्क पहनाना चाहिए.
  • बच्चों के लिए मास्क खरीदते समय ये भी ध्यान रखें कि वो खासतौर पर बच्चों के लिए डिजाइन किए गए हों, क्योंकि व्यस्क मास्क बच्चों पर ठीक से फिट नहीं होंगे.
  • ऐसा मास्क चुनें, जो आपके बच्चे के लिए उपयुक्त आकार का हो. चाहे आप अपने बच्चों के लिए मास्क खरीद रहे हों या बना रहे हों, जांच लें कि ये बच्चे के मुंह, नाक और चिन को ढक रहा है और किनारों पर कोई गैप नहीं है या बच्चे को उसे पहन कर दिखाई देने में कोई समस्या न आ रही हो.
  • ये भी सुनिश्चित करें कि बच्चे तेज चलते और बात करते हुए उस मास्क में आराम से सांस ले सकें.
  • फैब्रिक मास्क को रोजाना (हर इस्तेमाल के बाद) गर्म पानी में साबुन या डिटर्जेंट से धोना चाहिए.
  • मास्क को फिर से पहनने से पहले सुनिश्चित करें की मास्क पूरी तरह से सूख गया है.

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मेडिकल मास्क

इन्हें सर्जिकल मास्क के रूप में भी जाना जाता है. ये आमतौर पर तीन-परत से बने होते हैं और मेडिकल कर्मचारियों और एक्सपर्ट के लिए डिजाइन किए जाते हैं.

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सिफारिश की है कि केवल कुछ लोगों को ही मेडिकल मास्क पहनना चाहिए. इनमें मेडिकल कर्मचारी, 60 साल से अधिक उम्र के लोग, गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोग, COVID-19 वाले किसी व्यक्ति की देखभाल करने वाले और COVID-19 के लक्षण या कोविड पॉजिटिव वाले लोग शामिल हैं. 
  • बच्चों को सर्जिकल मास्क केवल तभी पहनने चाहिए, जब उन्हें गंभीर स्वास्थ्य स्थिति हों, COVID-19 के लक्षण या कोविड पॉजिटिव हो या वे किसी बीमार व्यक्ति के आसपास हों. 
  • मेडिकल मास्क धोने योग्य या दोबारा इस्तेमाल के योग्य नहीं हैं और 8 घंटे के निरंतर उपयोग के बाद सुरक्षित रूप से फेंक दिया जाना चाहिए.

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बच्चों को मास्क पहनने के लिए उन्हीं तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए, जो वयस्कों के लिए सुनिश्चित किए गए हैं, जैसे–

  • मास्क लगाने से पहले अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइजर का उपयोग कम से कम 20 सेकंड के लिए करें या साबुन और पानी से कम से कम 40 सेकंड तक अच्छी तरह से हाथ साफ करें.
  • ये सुनिश्चित करें कि बच्चा जो मास्क पहन रहा है, वो उसके नाक, मुंह और चिन को ढकने के लिए पूरी तरह फिट हो.
  • बच्चों को ये सिखाएं कि मास्क को पहनते समय मास्क की बाहरी और अंदरूनी सतह को नहीं छूना है, बल्कि उसके फीते/स्ट्रैप्‍स/इलास्टिक/लूप/टाई को पकड़ कर ही मास्क पहनना और उतारना है.
  • मास्क को चिन के नीचे या नाक के नीचे न खींचना है और न ही नाक और मुंह से हटाना है.
  • मास्क को उतारकर कहीं भी नहीं रखना है, बल्कि एक अलग बैग या कंटेनर (पहले से बनाए गए) में रखना है. 
  • मास्क उतारने से पहले और बाद में हाथ सैनिसाइज करने हैं. 
  • मास्क को दूसरों के साथ शेयर नहीं करना है.
  • ढीला, गंदा, खराब, डैमेज या गीला मास्क नहीं पहनना है.

कोई भी बच्चा जिसे COVID-19 के लक्षण हों, उन्हें तब तक मेडिकल मास्क पहनना चाहिए, जब तक वो पहन सकता है. बच्चे को क्वारंटाइन करना चाहिए. जैसे ही बच्चा अस्वस्थ महसूस करना शुरू करें, तुरंत खुद से कोई दवा दिए बिना डॉक्टर से संपर्क करें, भले ही लक्षण हल्के हों.

घर में बीमार बच्चे के 1 मीटर के दायरे में आने वाले परिवार के सदस्यों को भी मास्क पहनना चाहिए. इसके अलावा, घर में किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस के लक्षण हैं या वो कोविड पॉजिटिव है, तो उस स्थिति में बच्चे सहित परिवार के सभी सदस्यों को मेडिकल मास्क पहनना चाहिए.

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बच्चों को खेलते समय या शारीरिक गतिविधियों जैसे दौड़ना, कूदना या मैदान में खेलते समय मास्क नहीं पहनना चाहिए, ताकि -

  • इससे उन्हें सांस लेने में कोई दिक्कत न हो.
  • साथ ही खेलने के दौरान पसीना आता है और पसीना मास्क को गीला कर सकता है, जो वायरस को बढ़ाने में मदद कर सकता है. 
  • ध्यान रखना चाहिए कि जब बच्चे बिना मास्क के खेल रहे हैं, तो दूसरों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखें.
  • एक साथ खेलने वाले बच्चों की संख्या सीमित हो.
  • साथ ही बच्चों को बार-बार हाथ साफ रखने, हाथ धोने, मुंह और नाक को न छूने जैसी बातों का ध्यान रखने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए.

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कुछ बच्चे विकलांग या विशिष्ट स्थितियों जैसे स्पीच क्लासेज के कारण मास्क नहीं पहन सकते हैं. खासतौर पर जहां टीचर्स को उनका मुंह देखने की आवश्यकता होती है. इन मामलों में, फेस शील्ड को मास्क के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है, लेकिन ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि फेस शील्ड, मास्क की तरह वायरस को दूसरों तक फैलने से रोकने के लिए समान सुरक्षा प्रदान नहीं करती. यदि किन्हीं कारणों से मास्क के बिना फेस शील्ड का उपयोग कर रहे हैं, तो पूरे चेहरे को ढंकने वाली फेसशील्ड का ही उपयोग करें.

स्कूलों में बच्चों और किशोरों द्वारा मास्क के उपयोग को केवल COVID-19 के प्रसार को सीमित करने की रणनीति का एक हिस्सा माना गया है. WHO स्कूलों में COVID-19 के प्रसार को रोकने और बच्चों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपायों की सिफारिश करता है. जैसे, क्लास के अंदर और बाहर शारीरिक दूरी बनाए रखना, स्वच्छता अभ्यास और स्कूल प्रशासन और पेरेंट्स के बीच लगातार कम्युनिकेशन बनाए रखना शामिल है.

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बच्चे को मास्क पहनने की आदत डलवाने के लिए आप निम्न तरीके आजमा सकते हैं -

  • बच्चे को समझाएं कि मास्क किसी के लिए भी मजेदार नहीं हैं, लेकिन मास्क पहनकर हम अपने आसपास के लोगों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं, जिनमें बुजुर्ग लोग भी शामिल हैं. मास्क पहनने से पता चलता है कि हम एक-दूसरे की परवाह करते हैं.
  • उन्हें याद दिलाएं कि COVID-19 को रोकने के लिए बहुत सारे विशेषज्ञ और एक्पर्ट कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उन्हें हमारी मदद की जरूरत है और इसका मतलब है कि हर तरह की सावधानी बरतना.
  • बच्चों को लगातार रिमाइंडर दें और मास्क पहनने की आदत को व्यवहार में लाने की कोशिश करवाएं. 
  • मास्क  मजेदार बनाएं. बच्चे के फेवरेट कार्टून कैरेक्टर वाले मास्क लें, जो बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं.
  • बच्चें के साथ जाकर उसका पसंदीदा मास्क खरीदें. याद रखें, बच्चों को उनके मास्क का लुक जितना अधिक पसंद आएगा, आपके आसपास न होने पर भी उनके पहनने की संभावना उतनी ही अधिक होगी.

COVID-19 सांस के जरिए फैलता है, जो लोग बात करते, गाते, खांसते या छींकते समय पैदा करते हैं. लोगों को कभी भी लक्षण नजर आए बिना कोरोना वायरस हो सकता है यानी आप और आपके बच्चे इससे कभी भी कहीं भी संक्रामक हो सकते हैं. मास्क COVID-19 बूंदों को रोककर और उन्हें अन्य लोगों तक जाने से रोकने का काम करते हैं. मास्क पहनने वाले इन बूंदों को अंदर लेने और संक्रमित होने से भी बचा सकते हैं. बच्‍चों को मास्क पहनाएं या नहीं इसके लिए आप अपने बच्चों के डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं.

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