वैसे तो इस वक्त देशभर में लॉकडाउन की स्थिति है और किसी को भी अपने घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। लेकिन कोविड-19 बीमारी को फैलने से रोकने के लिए वैसे सभी लोग जिनकी विदेश यात्रा की हिस्ट्री है या फिर जो लोग विदेश यात्रा करने वालों के संपर्क में आए हैं सभी को सेल्फ क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में सेल्फ-क्वारंटाइन में रहते हुए अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक सेहत का भी कैसे ख्याल रखना है, इस बारे में हम आपको बताएंगे, लेकिन पहले जानें कि आखिर सेल्फ-क्वारंटाइन है क्या?

आखिर क्या है सेल्फ-क्वारंटाइन?

सेल्फ-क्वारंटाइन का मतलब है कि कोविड-19 बीमारी के लक्षण खुद में दिखने से लेकर बीमारी से पूरी तरह से उबरने तक खुद को सभी लोगों से पूरी तरह से अलग-थलग रखना। यहां तक कि अपने घरवालों से भी ताकि, उन्हें भी बीमारी का संक्रमण न हो जाए। दरअसल, कोविड-19 इंफेक्शन इंसान से इंसान में बड़ी ही तेजी से फैल रहा है और इसलिए इसके फैलने की चेन को रोकने के लिए खुद को दूसरों से पूरी तरह से अलग रखना बेहद जरूरी है। हालांकि, जिन लोगों में कोविड-19 बीमारी के लक्षण नजर आते हैं, सिर्फ उन्हें ही क्वारंटाइन या आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है।

सेल्फ-क्वारंटाइन में रहते हुए कई मानसिक बीमारियों का खतरा

हालांकि, साइकोलॉजिस्ट्स की मानें तो आप सेल्फ-क्वारंटाइन में हों या फिर आइसोलेशन में, शारीरिक के साथ-साथ मानसिक और भावनात्मक रूप से भी अपना ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि महज 2 हफ्ते के क्वारंटाइन के दौरान ही कई तरह की गंभीर मानसिक बीमारियां होने का खतरा रहता है। जैसे -

अगर आपको पहले से किसी तरह की मानसिक समस्या है तब तो आपको और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि इनमें से कई बीमारियों का असर लंबे समय तक रह सकता है। ऐसे में अपने डॉक्टर से संपर्क करें, उनसे बात करें और अगर आपका किसी तरह का ट्रीटमेंट चल रहा हो तो उसे जारी रखें। अगर आपकी मानसिक सेहत से जुड़े लक्षण बिगड़ते हैं तो डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं। 

सेल्फ-क्वारंटाइन के दौरान कई हफ्तों तक अपनों से दूर रहना, सोशल डिस्टेंसिंग में रहना आसान नहीं है। ऐसे में आपको अपनी सेल्फ-केयर का भी ध्यान रखना होगा। क्वारंटाइन के दौरान अपनों से दूर रहते हुए आप इन आसान टिप्स की मदद से अपनी मानसिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं और किसी भी तरह की मानसिक बीमारी से बच सकते हैं -

1. फिजिकल एक्टिविटी करें

सेल्फ-क्वारंटाइन का मतलब ये नहीं कि आप दिनभर एक ही जगह बैठे या लेटे रहें। अपने शरीर को गतिशील बनाएं। अगर बॉडी मूवमेंट होगी तो शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी आपको बेहतर महसूस होगा। आपको अपने घर के अंदर ही रहने के लिए कहा गया है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप एक्सरसाइज नहीं कर सकते। कई ऐसी एक्सरसाइज हैं, जिन्हें आप घर के अंदर रहकर भी आसानी से कर सकते हैं। होम एक्सरसाइज से जुड़े कुछ वीडियोज देखें, कार्डियो एक्सरसाइज करें, आप चाहें तो योग और मेडिटेशन का भी सहारा ले सकते हैं। 

2. कुछ ऐसा करें जिससे आपको खुशी मिले

सेल्फ-क्वारंटाइन एक बेहतरीन समय है अपनी हॉबी या ऐसी चीजों को करने का जिन्हें करना आपको अच्छा लगता है, लेकिन आम दिनों में आप इसके लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। अच्छी-अच्छी और पॉजिटिव किताबें पढ़ें, अगर लिखने का शौक हो तो कविताएं या कहानियां लिखें, पेंटिंग का शौक हो तो रंगों से कुछ बेहतरीन बनाएं, सिलाई-बुनाई का शौक हो तो उसे पूरा करें, लकड़ी या मिट्टी से कुछ कलाकारी करने का शौक हो तो उसे पूरा करें। पूरी कोशिश करें इस समय आपका दिमाग शांत रहे और आप क्रिएटिव चीजों में अपना ज्यादा समय लगाएं।

3. कुछ नया सीखने की कोशिश करें

अगर आप लंबे समय से कोई नई भाषा सीखने की कोशिश कर रहे हों, या फिर गिटार बजाना या फिर अपने काम से जुड़ी कोई नई तकनीक - तो इन सबके लिए भी यह अच्छा समय हो सकता है। इन दिनों हर चीज के ऑनलाइन ट्यूटोरियल और फ्री एप्स होते हैं, जिनकी मदद से आप जो चाहें वह सीख सकते हैं। सेल्फ-क्वारंटाइन के दौरान आपके पास पूरा समय भी है तो उसका उपयोग करें और कुछ नया सीखें।

4. खूब पानी पिएं और पोषक तत्वों से भरपूर चीजें खाएं

आमतौर पर जब हमारी नॉर्मल रूटीन बदलता है तो हम खानपान का भी ध्यान नहीं रख पाते। लेकिन सेल्फ-क्वारंटाइन के दौरान भी हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट का सेवन करना बेहद जरूरी है। इसलिए पोषक तत्वों से भरपूर हेल्दी चीजें खाएं और खूब सारा पानी पिएं। हर दिन कम से कम 6 से 8 गिलास पानी जरूर पिएं। इससे न सिर्फ आपका शरीर हाइड्रेटेड रहेगा, बल्कि आपको अंदर से अच्छा महसूस होगा।

5. कोविड-19 से जुड़ी खबरों से ब्रेक लें

इस वक्त कोविड-19 वैश्विक महामारी को लेकर टीवी, अखबार और सोशल मीडिया, हर जगह सिर्फ इसी संक्रमण की चर्चा हो रही है। ऐसे में सेल्फ-क्वारंटाइन में रहते हुए आपको इस तरह की खबरों से ब्रेक लेना चाहिए। जहां तक संभव हो पॉजिटिव चीजें देखें और पढ़ें। टीवी और मोबाइल को कुछ देर के लिए बंद कर दें, शरीर के साथ-साथ दिमाग और आंखों को भी आराम दें। आप चाहें तो घर पर रहते हुए अपने मनोरंजन के लिए कोई अच्छी किताब पढ़ सकते हैं, फिल्म देख सकते हैं या फिर अपना पसंदीदा शो देख सकते हैं।

घर में रहकर शारीरिक ही नहीं मानसिक बीमारी का भी खतरा, ऐसे रखें अपना ध्यान के डॉक्टर
Dr. Kirti Anurag

Dr. Kirti Anurag

मनोचिकित्सा
8 वर्षों का अनुभव

Dr. Anubhav Bhushan Dua

Dr. Anubhav Bhushan Dua

मनोचिकित्सा
13 वर्षों का अनुभव

Dr. Alloukik Agrawal

Dr. Alloukik Agrawal

मनोचिकित्सा
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Sumit Shakya

Dr. Sumit Shakya

मनोचिकित्सा
7 वर्षों का अनुभव


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें घर में रहकर शारीरिक ही नहीं मानसिक बीमारी का भी खतरा, ऐसे रखें अपना ध्यान है

संदर्भ

  1. Jackson, Erica M. STRESS RELIEF: The Role of Exercise in Stress Management. ACSM’s Health & Fitness Journal. May/June 2013; 17(3): 14-19
  2. Am J Public Health. The Connection Between Art, Healing, and Public Health: A Review of Current Literature. 2010 February; 100(2): 254–263. PMID: 20019311
  3. Issues Ment Health Nurs. Vitamin D and Depression: Where is all the Sunshine?. 2010 Jun; 31(6): 385–393. PMID: 20450340
  4. J Clin Diagn Res. Relationship Between Loneliness, Psychiatric Disorders and Physical Health ? A Review on the Psychological Aspects of Loneliness 2014 Sep; 8(9): WE01–WE04. PMID: 25386507
  5. Prim Care Companion J Clin Psychiatry. The Benefits of Exercise for the Clinically Depressed. 2004; 6(3): 104–111. PMID: 15361924
  6. P T. Current Diagnosis and Treatment of Anxiety Disorders. 2013 Jan; 38(1): 30-38, 41-44, 57. PMID: 23599668
ऐप पर पढ़ें