कोविड-19 बीमारी संक्रमण ने सभी की जिंदगी को किसी न किसी तरह से जरूर प्रभावित कर रखा है। कोविड-19 नाम की यह महामारी जितनी तेजी से दुनियाभर में फैल रही है, हर दिन हजारों लोग इस बीमारी से संक्रमित हो रहे हैं, रोजाना सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है- ये सारी खबरें देख और पढ़कर किसी का भी चिंतित होना लाजिमी है। लेकिन अगर किसी को पहले से कोई शारीरिक बीमारी है या फिर मानसिक समस्या जैसे- डिप्रेशन या चिंता की दिक्कत है तो उनका स्ट्रेस इस वक्त ज्यादा बढ़ गया होगा।

लॉकडाउन की वजह से भी बढ़ रहा स्ट्रेस

इतना ही नहीं, अगर आप पूरी तरह से स्वस्थ हैं, तब भी घर में कई-कई दिनों तक लॉकडाउन रहना कोई आसान बात नहीं है। बहुत से लोगों की चिंता और तनाव इस वक्त इस वजह से भी है, क्योंकि कोविड-19 के लॉकडाउन की वजह से उन्हें घर से ऑफिस का काम भी करना है, बच्चों की भी जिम्मेदारी संभालनी है, तो वहीं किसी को रातों-रात अपने डूबते बिजनस की चिंता है तो किसी को इस बात की चिंता की अगली सैलरी कैसे और कहां से आएगी? ऐसा लग रहा है मानो सबकुछ आपके कंट्रोल से बाहर हो गया है।

दिमाग में घूम रहे कई तरह के सवालों की वजह से भी तनाव

कोविड-19 बीमारी का खतरा कब कम होगा? कहीं, मुझे भी तो कोविड-19 का संक्रमण नहीं हो जाएगा? इन सारी चीजों का मेरी आर्थिक स्थिति पर कैसा असर होगा? इस तरह की भी कई बातें और सवाल हैं जो इस वक्त बहुत से लोगों की चिंता बढ़ा रहे हैं। लेकिन इस वक्त आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि अगर आप इस कोविड-19 वैश्विक महामारी को लेकर जरूरत से ज्यादा चिंतित होंगे, तनाव लेंगे तो आपको यह इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाएगा।

स्ट्रेस की वजह से इम्यून सिस्टम हो जाता है कमजोर

डॉक्टरों की मानें तो अगर किसी व्यक्ति को क्रॉनिक एंग्जाइटी यानी दीर्घकालिक चिंता की समस्या हो तो इससे उसका इम्यून सिस्टम यानी रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इस कोविड-19 वैश्विक महामारी का मनोवैज्ञानिक असर ही लोगों के बीच स्ट्रेस और तनाव को बढ़ाने का काम कर रहा है। बहुत से लोग तो हर दिन कोविड-19 के बारे में इतनी बातें सुन रहे हैं कि उन्हें रात-रात भर नींद भी नहीं आ रही है। इस बीमारी से बचने के लिए सतर्क रहना और खुद को हर तरह से तैयार रखना जरूरी है, लेकिन पैनिक होने की जरूरत नहीं।

आपको सिर्फ ये याद रखना है कि इस तरह की परिस्थिति में आप अकेले नहीं हैं। दुनिया के लाखों-करोड़ों लोग इस वक्त इस बीमारी से बचने के लिए वही कर रहे हैं जो आप कर रहे हैं- यानी घर में बंद हैं। बावजूद इसके अगर आपको तनाव महसूस होता है, तो हम आपको बता रहे हैं कुछ आसान टिप्स जिससे दूर हो जाएगा आपका सारा स्ट्रेस -

1. फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं

एक्सरसाइज करें, योग करें, मेडिटेशन करें, घर पर अगर जिम वाली स्टेशनरी साइकल है तो उसे चलाएं- मकसद ये है कि आप अपने शरीर की फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं। ऐसा करने से डिप्रेशन और एग्जाइटी यानी निराशा और चिंता दूर होती हैं और आपका मूड अच्छा रहता है।

2. आभार व्यक्त करते हुए दिन की शुरुआत करें

सुबह आंख खुलते के साथ नकारात्मक खबरें और बातें करने की बजाए बीता हुआ दिन अच्छे से निकल गया और आने वाला दिन भी अच्छा रहे इसके लिए ईश्वर का आभार व्यक्त करें। बच्चों में भी हर दिन ऐसा ही करने की आदत डालें। इससे आपकी भावनात्मक सेहत अच्छी बनी रहती है। साइकोथेरेपी रिसर्च नाम के जर्नल में प्रकाशित स्टडी की मानें तो ऐसा करने से ब्रेन की एक्टिविटी भी पॉजिटिव होती है।

3. अपने हर दिन के कार्यों की समय-सारणी बनाएं

कई बार चिंता और तनाव की वजह से ऐसा लगता है मानो जिंदगी आपके नियंत्रण से बाहर हो रही है। इस तरह की फीलिंग से बचने के लिए अपने हर दिन की समय-सारणी यानी शेड्यूल बनाएं और जहां तक संभव हो उसे पूरी तरह से फॉलो भी करें। ऐसा करने से आपको अपने काम पर फोकस करने में भी मदद मिलेगी।

4. रात को अच्छी नींद लें

नींद के बारे में हो चुकी कई रिसर्च की मानें तो आपकी नींद की क्वॉलिटी कैसी है, आप हर रात कितनी नींद लेते हैं, इन सारी बातों का आपके मेंटल हेल्थ पर काफी असर पड़ता है। अनुसंधानकर्ताओं की रिसर्च में यह बात भी सामने आयी है कि जिन लोगों को डिप्रेशन और एंग्जाइटी की समस्या होती है उन्हें नींद न आने की बीमारी यानी इन्सोमेनिया का खतरा भी अधिक होता है। इसलिए बेहद जरूरी है कि आप हर रात कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।

5. हेल्दी चीजें खाएं

तनाव से भरे इस समय में बेहद जरूरी है कि आप अपनी डाइट यानी खानपान का पूरा ध्यान रखें। आप क्या खा रहे हैं, इसका भी आपके शरीर और आपकी सोच पर असर पड़ता है। अगर आप हेल्दी और पोषण से भरपूर चीजों का सेवन करते हैं तो इससे भी चिंता और तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।

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