एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटमिया क्या है?

एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटमिया एक असामान्य विकार है, जिसमें शरीर अधिक मात्रा में ब्लड प्लेटलेट्स बनाने लगता है। इस स्थिति में थकान और चक्कर आने जैसा महसूस हो सकता है। इसके अलावा उसे आंखों के प्रभावित होने व सिरदर्द जैसी समस्या भी हो सकती है। यह खून के थक्के जमने के जोखिम को भी बढ़ाता है। ज्यादातर यह बीमारी 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाती है, हालांकि कई मामलों में यह बीमारी 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को भी प्रभावित कर सकती है। कुछ हद तक यह समस्या महिलाओं में भी देखी जाती है।

एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटेमिया (खून की प्लेटलेट्स बढ़ना) के लक्षण - Essential Thrombocythemia Symptoms in Hindi

हो सकता है कि एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटमिया के लक्षण आपको दिखाई न दें। इस विकार का पहला संकेत खून के थक्के (थ्रोम्बस) बनना है। ये थक्के शरीर में कहीं भी बन सकते हैं, लेकिन ज्यादातर यह मस्तिष्क, हाथों और पैरों में बनते हैं। इसके संकेत और लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर के किस हिस्से में थक्के जम रहे हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

  • सिरदर्द
  • चक्कर आना
  • छाती में दर्द
  • बेहोशी
  • कुछ समय के लिए आंखों का प्रभावित होना
  • हाथ और पैरों का सुन्न होना या झुनझुनाहट
  • हाथों और पैरों में लालिमा व जलन महसूस होना

एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटेमिया (खून की प्लेटलेट्स बढ़ना) के कारण - Essential Thrombocythemia Causes in Hindi

एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटमिया एक प्रकार का क्रोनिक मायलोप्रोलिफेरेटिव विकार है जो कि धीमी गति से बढ़ने वाले ब्लड कैंसर का एक समूह, जिसमें अस्थि मज्जा असामान्य मात्रा में लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं या प्लेटलेट्स बनाने लगता है। इसका मतलब है कि अस्थि मज्जा और हड्डियों के अंदर मौजूद स्पंजी ऊतक अत्यधिक मात्रा में एक निश्चित प्रकार की कोशिका बनाने लगते हैं।

एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटमिया में, अस्थि मज्जा प्लेटलेट्स बनाने वाली कोशिकाओं का उत्पादन अधिक मात्रा में करने लगता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इस बीमारी के पीछे क्या कारण है, लेकिन इस विकार से ग्रस्त लगभग 90 फीसदी लोगों में उनके जीन में गड़बड़ी के कारण ऐसा हो सकता है।

प्लेटलेट्स के अधिक मात्रा में बनने पर ये एक साथ चिपकने लगते हैं, जिससे खून के थक्के बनने शुरू हो जाते हैं। आमतौर पर, रक्त वाहिका को चोट लगने पर ये खून के थक्के ब्लीडिंग को बंद करते हैं।

यदि सामान्य प्लेटलेट काउंट की बात की जाए तो प्रति माइक्रोलीटर खून में 1,50,000 से 4,50,000 प्लेटलेट्स होते हैं। एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटमिया से ग्रस्त मामलों में किसी व्यक्ति में प्रति माइक्रोलीटर खून में 4,50,000 से अधिक प्लेटलेट्स बन जाते हैं। जब अतिरिक्त प्लेटलेट्स बन जाते हैं तो यह सामान्य रूप से कार्य नहीं कर पाते हैं।

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एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटेमिया (खून की प्लेटलेट्स बढ़ना) का उपचार - Essential Thrombocythemia Treatment in Hindi

एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटमिया लंबे समय तक प्रभावित करने वाली बीमारी है, जिसका अब तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है। यदि किसी व्यक्ति में इस बीमारी के कम गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो ऐसी स्थिति में उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ती है। स्थिति गंभीर होने पर, प्लेटलेट काउंट कम करने, खून पतला करने या ये दोनों काम करने वाली दवाओं का सेवन किया जा सकता है।

  • दवाइयां
    • हाइड्रोक्सीयुरिया:
      यह दवा अस्थि मज्जा के रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को रोकती है। इसके साइड इफेक्ट आमतौर पर हल्के होते हैं और इसमें मतलीबालों का झड़ना, नाखूनों का रंग बदलना और मुंह या पैरों में अल्सर शामिल है।
       
    • एनाग्रेलाइड:
      हाइड्रोक्सीयूरिया के विपरीत, एनाग्रेलाइड का संबंध ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) के बढ़ते जोखिम से नहीं है, लेकिन इस दवा को ज्यादा प्रभावी नहीं माना जाता है।
       
    • इंटरफेरॉन एल्फा (इंट्रोन ए) या पेगिंटेफेरॉन एल्फा -2 ए (पेगासिस):
      यह दवा इंजेक्शन द्वारा दी जाती है और हाइड्रोक्सीयूरिया व एनाग्रेलाइड की तुलना में इसके दुष्प्रभाव ज्यादा गंभीर हो सकते हैं।
       
  • आपातकालीन प्रक्रिया

प्लेटलेट फेरिसिस नामक एक मेडिकल प्रक्रिया है, जिसका उपयोग केवल आपात स्थितियों में किया जाता है जैसे कि स्ट्रोक या खून के थक्के जमने की अन्य खतरनाक स्थितियां। यह अस्थायी रूप से प्लेटलेट काउंट को कम कर देता है।

जिन लोगों को एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटमिया की समस्या है, उन्हें लक्षणों को गंभीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि यदि इस बीमारी का समय पर इलाज न किया गया तो एक्यूट माइलोजेनस ल्यूकेमिया (एएमएल) जैसी जानलेवा बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है। एएमएल एक प्रकार का सफेद रक्त कोशिका और अस्थि मज्जा का कैंसर है, जो तेजी से बढ़ता है।

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