ग्रेव्स डिजीज - Graves' Disease in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

November 05, 2018

February 01, 2024

ग्रेव्स डिजीज
ग्रेव्स डिजीज

ग्रेव्स रोग क्या है?

ग्रेव्स रोग एक प्रकार का स्व-प्रतिरक्षित रोग (ऑटोइम्यून बीमारी) है। इसके कारण थायराइड ग्रंथि बहुत अधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन बनाने लग जाती है, इस स्थिति को हाइपरथायराइडिज्म कहा जाता है। ग्रेव्स रोग को हाइपरथाराइडिज्म का सबसे आम प्रकार माना जाता है। (और पढ़ें - थायराइड डाइट चार्ट)

ग्रेव्स रोग में आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली एक विशेष प्रकार का एंटीबॉडी बनाने लग जाती है, जिसे "थायराइड स्टीमुलेटिंग इम्युनोग्लोबुलिन" कहा जाता है। उसके बाद ये एंटीबॉडीज थायराइड कोशिकाओं से मिल जाते हैं। इस स्थिति के कारण थायराइड ग्रंथि बहुत अधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन बनाने लग जाती है।

(और पढ़ें - प्रतिरक्षा प्रणाली बढाने के उपाय)

ग्रेव्स रोग के क्या लक्षण हैं?

ग्रेव्स रोग और हाइपथायराइडिज्म के काफी सारे लक्षण एक समान होते हैं। इनके लक्षणों में निम्न शामिल हो सकेत हैं:

(और पढ़ें - दस्त रोकने के घरेलू उपाय)

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ग्रेव्स रोग से ग्रस्त कुछ बहुत ही कम लोगों को पिंडली के आस-पास त्वचा लाल व मोटी होने जैसा भी महसूस होता है। इस स्थिति को ग्रेव्स डर्मोपैथी कहा जाता है। 

ग्रेव्स रोग क्यों होता है?

ग्रेव्स रोग के सटीक कारण का अभी तक पता नहीं चला है। कुछ मामलों में यह शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली में किसी प्रकार की खराबी होने के कारण भी हो जाता है। 

शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली सामान्य स्थिति में किसी विशेष वायरस, बैक्टीरिया या बाहरी पदार्थ के प्रति अपनी प्रतिक्रिया के रूप में एंटीबॉडीज बनाती है। ग्रेव्स रोग में शरीर थायराइड ग्रंथि की कोशिकाओं के एक भाग में एंटीबॉडीज बनाने लग जाता है, हालांकि इसके पीछे की वजह के बारे में अभी तक पता नहीं लग पाया है।

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ग्रेव्स रोग का इलाज कैसे किया जाता है?

आमतौर पर थायराइड बढ़ने की स्थिति का इलाज करना संभव होता है। इस स्थिति का ठीक से इलाज करने के लिए आपको एंडोक्राइनलोजिस्ट (हार्मोन संबंधी समस्याओं के विशेषज्ञ) के पास भेजा जा सकता है। 

इसके इलाज में मुख्य रूप से निम्न प्रक्रियाएं शामिल हैं:

  • दवाएं
    कुछ प्रकार की दवाएं हैं जो अधिक मात्रा में बन रहे थायराइड हार्मोन को कम कर देती हैं। (और पढ़ें - दवा की जानकारी)
     
  • रेडिएशन थेरेपी
    इस प्रक्रिया की मदद से थायराइड ग्रंथि की थायराइड हार्मोन बनाने की क्षमता को कम कर दिया जाता है। यह इलाज काफी प्रभावी होता है, जिसकी मदद से ओवरएक्टिव थायराइड ग्रंथि का इलाज भी किया जा सकता है। (और पढ़ें - रेडिएशन थैरेपी क्या है)
     
  • ऑपरेशन
    कभी-कभी पूरी थायराइड ग्रंथि या उसके कुछ हिस्से को निकालने की आवश्यकता पड़ जाती है, जिसके लिए सर्जरी करवाने की आवश्यकता पड़ती है।

(और पढ़ें - ऑपरेशन क्या है)



संदर्भ

  1. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases. [Internet]: U.S. Department of Health and Human Services; Graves' Disease
  2. American Thyroid Association. [Internet]. Leesburg, United States; 1923. Graves’ Disease.
  3. Office on Women's Health [Internet] U.S. Department of Health and Human Services; Graves' disease.
  4. National Organization for Rare Disorders. [Internet]. Danbury; Graves’ Disease
  5. Usha V. Menon. Thyroid disorders in India: An epidemiological perspective. Indian J Endocrinol Metab. 2011 Jul; 15(Suppl2): S78–S81. PMID: 21966658.