यह सभी जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान शराब का सेवन महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. वहीं, अगर कोई महिला पहले से शराब पीती है, तो उसके लिए कंसीव करना भी मुश्किल हो जाता है. शोध के अनुसार, शराब पीने से महिला की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है. इससे उसके मेन्सट्रूअल साइकल में बाधा आती है और हार्मोन स्तर में भी बदलाव आता है. ये सब मिलकर महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं.

आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि किस प्रकार शराब पीने से महिला की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है -

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  1. शराब पीने से महिला की प्रजनन क्षमता पर होने वाला असर
  2. सारांश
क्या शराब से महिला की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है? के डॉक्टर

इस बारे में कई शोध हो चुके हैं, जिससे पता चलता है कि शराब से महिला की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है. शोध कहते हैं कि यदि सीमित मात्रा में भी शराब का सेवन किया जाता है, तो इससे महिला की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है. यह शोध एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फाॅर बायोटेनोलॉजी इंफॉर्मेशन) की साइट पर उपलब्ध है.

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शराब के सेवन से महिला के मेन्सट्रूअल साइकल में बाधा आती है और हार्मोन स्तर में भी बदलाव आता है. आइए, जानते हैं कि किस प्रकार शराब पीने से महिला की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है -

मासिक धर्म में बाधा

नियमित तौर पर शराब के सेवन से मासिक धर्म में बाधा आती है. इसके परिणामस्वरूप ओवुलेशन भी अवरुद्ध होता है, जिससे ओवेरियन फंक्शन में बदलाव आता है. इसे एमेनोरिया या अनओवुलेशन के रूप में जाना जाता है. 

(और पढ़ें - प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले आहार)

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हार्मोन स्तर में बदलाव

ज्यादा शराब का सेवन करने से टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्राडियोल (estradiol) और ल्यूटिनाइजिंग (luteinizing) हार्मोन के स्तर में बदलाव लाता है. ये सब मिलकर महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं. 

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खून में हाई प्रोलैक्टीन का निर्माण

प्रोलैक्टिन एक हार्मोन है, जिसका निर्माण पिट्यूृटेरी ग्लैंड द्वारा किया जाता है. यह ब्रेस्ट मिल्क के निर्माण को स्टिमूलेट करने और मेंटेन करने में मदद करता है. जब खून में ज्यादा प्रोलैक्टीन का निर्माण होने लगता है, तो इसे हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया (Hyperprolactinemia) कहा जाता है. यह महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है और इसकी वजह से पीरियड्स भी अनियमित हो सकते हैं, जो महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं.

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जल्दी आ सकता है मेनोपॉज

शोध के अनुसार, जो महिलाएं लगातार और हेवी ड्रिंकिंग करती हैं, उन्हें उन महिलाओं की तुलना में जल्दी मेनोपॉज आने की आशंका रहती है, जो शराब का सेवन नहीं करती हैं. ऐसे में यदि कोई महिला बाद के सालों में कन्सीव करने के बारे में सोचती है, तो मेनोपॉज की वजह से यह संभव नहीं हो पाता है.

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कन्सीव करने के कम चांसेज

शोध के अनुसार, ओवुलेशन के बाद वाले फेज में शराब का सेवन करना महिला के उस हार्मोन सीक्वेंस में बाधा डाल सकता है, जो कन्सीव करने के लिए जरूरी माने जाते हैं.

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आईवीएफ/आईयूआई में दिक्कत

पर्याप्त शोध बताते हैं कि सीमित मात्रा में भी महिला शराब का सेवन करती है, तो यह उसके असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी के परिणाम को प्रभावित करता है. इसमें आईवीएफ और आईयूआई जैसे इंफर्टिलिटी इलाज भी शामिल हैं.

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शराब पीने से महिला की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है. शराब का सेवन उसके मेन्सट्रूअल साइकल में बाधा लाता है और हार्मोन स्तर में भी बदलाव होता है. इससे उसके कंसीव करने के चांसेज कम हो जाते हैं. इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि यदि कोई महिला प्रेग्नेंट होने की कोशिश में लगी है, तो उसे शराब के सेवन से परहेज करना ही चाहिए.

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