महिलाओं के लिए मां बनना किसी सपने से कम नहीं होता. ऐसे में उनके लिए इनफर्टिलिटी की समस्या बेहद गंभीर हो सकती है. महिलाएं आसानी से इस समस्या को स्वीकार नहीं कर पाती हैं. महिलाओं को पता होना चाहिए कि किस विटामिन की कमी से बांझपन की समस्या हो सकती है. विटामिन डी बेहद महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है. वहीं, जब महिलाओं के शरीर में विटामिन डी का स्तर कम होने लगता है तब गर्भवती होने की संभावना कम हो सकती है.

आज हम इस लेख में जरूरी विटामिन और प्रजनन क्षमता दोनों के संबंध के बारे में विस्तार से बताएंगे.

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  1. महिलाओं में इनफर्टिलिटी के प्रकार
  2. विटामिन डी और फर्टिलिटी का संबंध
  3. विटामिन डी की कमी को कैसे पूरा करें?
  4. शरीर में विटामिन डी की अधिकता
  5. स्वस्थ व्यक्ति के लिए विटामिन डी की मात्रा
  6. सारांश
इनफर्टिलिटी किस विटामिन की कमी से होती है के डॉक्टर

महिलाओं में बांझपन की समस्या दो प्रकार प्राथमिक और माध्यमिक के रूप में देखी जा सकती है. अगर प्राथमिक इनफर्टिलिटी की बात की जाए तो महिलाएं इस दौरान कम से कम 1 साल के बाद भी गर्भधारण करने में असमर्थ महसूस करती हैं. वही माध्यमिक बांझपन में महिलाएं एक बार गर्भवती बन सकती है लेकिन उसके बाद वे गर्भधारण करने में सक्षम नहीं हो पाती हैं.

(और पढ़ें - बांझपन के घरेलू उपाय)

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विटामिन डी कई तरीकों से स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. जो महिलाएं मां बनने की कोशिश कर रही हैं उनमें विटामिन डी प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने के साथ-साथ गर्भावस्था के दौर को भी अच्छा बनाने में मददगार है. वहीं जब प्रजनन क्षमता को जांचा जाता है तो सबसे पहले विटामिन डी की कमी के बारे में ही पता लगाया जाता है. कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि शरीर में विटामिन डी की पूर्ति होने से आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) में सुधार होने के साथ-साथ फ्रोजन डोनर एग एम्ब्रोस (frozen donor egg embryos) का स्थानांतरण भी होता है. वहीं कुछ अध्ययन में ये भी पाया गया कि जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन डी का स्तर सामान्य है, उनमें निम्न स्तर वाली महिलाओं की तुलना में गर्भधारण करने की ज्यादा संभावना है. 

ध्यान दें कि महिलाओं के प्रजनन अंग में विटामिन डी रिसेप्टर्स और मेटाबोलाइजिंग एंजाइम मौजूद होते हैं, जिससे यह पता चलता है कि स्वस्थ प्रजनन क्षमता के लिए विटामिन डी कितना महत्वपूर्ण है. हालांकि इस बात के कोई प्रबल प्रमाण नहीं है कि सिर्फ विटामिन डी की पूर्ति से ही प्रजनन क्षमता में सुधार होगा.

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शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर निम्न उपाय करने से फायदा हाे सकता है -

  • आमतौर पर विटामिन डी का मुख्य स्रोत धूप को माना जाता है. महिलाएं धूप के द्वारा विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकती हैं.  
  • वसायुक्त मछली जैसे टूना, मैकेरल और सैल्मन में भरपूर मात्रा में विटामिन डी होता है. 
  • विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ, डेयरी उत्पादसंतरासोया दूध और अनाज को डाइट में जोड़ें.
  • शरीर में विटामिन की ज्यादा कमी होने पर महिलाएं विटामिन डी के सप्लीमेंट्स भी ले सकती हैं. लेकिन ये सप्लीमेंट्स महिलाओं को डॉक्टर की सलाह पर ही लेने चाहिए.

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विटामिन डी की अति सेहत के लिए बुरी हो सकती हैं. विटामिन डी रक्त कैल्शियम स्तर को असामान्य रूप से बढ़ा सकता है, जिसके कारण व्यक्ति को मतलीकब्ज, दिल की धड़कन का असामान्य होना, गुर्दे की पथरी आदि समस्या पैदा हो सकती है. हालांकि धूप के माध्यम से शरीर में विटामिन डी की अधिकता नहीं हो सकती है.

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एक स्वस्थ वयस्क नियमित रूप से 10,000 IU से अधिक विटामिन डी का सेवन कर सकता है. वहीं जब व्यक्ति धूप के संपर्क में 30 मिनट तक रहता है तो वे 10,000 आईयू विटामिन डी बनाता है.

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अन्य विटामिन की तरह विटामिन डी भी जरूरी है. शरीर में इसकी कमी होने बांझपन का शिकार होना पड़ सकता है. वहीं, जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में होता है, उनके लिए गर्भधारण करना आसान होता है. शरीर में इसकी कमी होने पर इसे सूरज की किरणों, वसायुक्त मछली व विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों जैसे - संतरा, सोया दूध व अनाज आदि से लिया जा सकता है.

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