मस्कुलर एट्रोफी - Muscular Atrophy in Hindi

written_by_editorial

January 27, 2022

March 23, 2022

मस्कुलर एट्रोफी
मस्कुलर एट्रोफी

लंबे समय तक शारीरिक रूप से सक्रिय न रहने या कम काम करने पर शरीर की मांसपेशियां जाम होना शुरू हो जाती हैं. ऐसे में कोई भी काम करना कठिन हो जाता है. शरीर के किसी एक अंग में काफी कमजोरी महसूस होना शुरू हो जाती है. इस स्थिति में मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं. इस स्थिति को मसल्स लॉस या मस्कुलर एट्रोफी कहा जाता है.

ऐसा उम्र बढ़ने या फिजिकल एक्टिविटी न करने के कारण होता है. ऐसे में शरीर उन्हें ब्रेक डाउन करने लगता है, ताकि एनर्जी को बचाया जा सके. इससे बचने के लिए रोजाना शारीरिक गतिविधि करना जरूरी होता है. चाहे कम समय के लिए ही क्यों न हो. यही नहीं सर्जरी या कुछ फोकस्ड अल्ट्रा साउंड थेरेपी आदि से भी इसका इलाज संभव है.

इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि मसल्स लॉस के कारण, लक्षण और इलाज क्या हैं -

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मस्कुलर एट्रोफी के लक्षण - Muscular Atrophy Symptoms in Hindi

कम शारीरिक गतिविधियों के कारण यह परेशानी हो सकती है, लेकिन कसरत और पौष्टिक आहर से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है. यदि निम्न लक्षण देखने को मिलते हैं, तो समझ जाना चाहिए कि मसल्स लॉस की समस्या हैं-

  • लंबे समय तक कोई शारीरिक गतिविधि नहीं की है.
  • शरीर के किसी एक अंग में काफी कमजोरी महसूस हो रही हो.
  • एक पैर या एक हाथ दूसरे से छोटा प्रतीत हो रहा हो.
  • शरीर का संतुलन बना पाने में कठिनाई महसूस होना.

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मस्कुलर एट्रोफी के कारण - Muscular Atrophy Causes in Hindi

मसल्स लॉस कई कारणों की वजह से हो सकता है, जैसे उम्र बढ़ना या शरीर की पौष्टिक जरूरतों का पूरा न हो पाना व आनुवंशिक आदि. आइए, मसल्स लॉस के कारण विस्तार से जानते हैं-

पर्याप्त पोषण न मिलना

शरीर की पौष्टिक जरूरतों का पूरा न हो पाना भी मसल्स लॉस का कारण बन सकता है. अगर डाइट में लीन-प्रोटीन, फल और सब्जियां शामिल न हों, तो मांसपसेशियों का मास कम होना शुरू हो जाता है. इनकी कमी के कारण शरीर बाकी का पोषण अब्सोर्ब कर पाने में भी समर्थ नहीं रहता है. इस स्थिति में भूख न लगना या अधिक खाने पर भी वजन का न बढ़ पाना जैसे लक्षण भी शामिल होते हैं.

आनुवंशिक

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक जेनेटिक डिसऑर्डर होता है और इसके कारण शरीर की बाकी मसल्स भी प्रभावित हो सकती हैं, जिससे मसल्स लॉस होता है. कई बार माता-पिता के जीन्स में भी यह स्थिति होती है या जब यह मसल प्रोटीन प्रोडक्शन में शामिल होती हैं, तब भी मस्कुलर एट्रोफी की समस्या हो सकती है. यह प्राकृतिक होता है और एंब्रियो के बनने से ही यह स्थिति शरीर में आ जाती है.

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मेडिकल स्थितियां

कुछ क्रोनिक स्थितियां भी मसल्स एट्रोफी का कारण बन सकती हैं. गठिया, एमएस जिसमें इम्यून सिस्टम सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है, पोलियो और कई ऐसी स्थितियां मसल्स लॉस का कारण होती हैं. इन स्थितियों का इलाज करने से भी मसल्स लॉस ठीक किया जा सकता है.

उम्र

जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, तो शरीर मांसपेशियों के विकास में मदद करने वाले प्रोटीन को बनाना कम कर देता है. अगर उम्र बढ़ने के कारण मसल्स लॉस होता है, तो बैलेंस बना पाने में, हिलने या मुड़ने में मुश्किल महसूस होती है. मजबूती की भी कमी महसूस हो सकती है. इसे टाल पाना कठिन होता है, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह लक्षण तो काफी आम हो जाते हैं.

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कुछ न्यूरोलॉजिकल स्थितियां

किसी चोट लगने के कारण या कोई शारीरिक स्थिति होने के कारण वह नर्वस डेमेज हो सकती हैं. जो मसल्स को नियंत्रित करती हैं. इस कारण होने वाले मसल्स लॉस को न्यूरोजेनिक मस्कुलर एट्रोफी कहा जाता है. इस दौरान मसल्स कॉन्ट्रैक्ट होना बंद हो जाती हैं, क्योंकि वह नर्वस से सिग्नल प्राप्त नहीं कर पाती हैं.

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मस्कुलर एट्रोफी का इलाज - Muscular Atrophy Treatment in Hindi

मसल्स लॉस का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि मसल्स कितनी डैमेज हुई है और उसकी क्या कंडीशन है. मसल्स लॉस के इलाज के लिए सर्जरी, फोकस्ड अल्ट्रासाउंड थेरेपी आदि की जाती है. आइए मसल्स लॉस के इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं-

फिजिकल थेरेपी

इस थेरेपी में कुछ स्ट्रेच एक्सरसाइज करनी होती हैं, ताकि शरीर की हलचल हो सके और बिल्कुल जाम होने से बचा जा सके. इस थेरेपी से मसल मजबूत होती हैं, सर्कुलेशन बढ़ता है व लोच कम होती है.

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फोकस्ड अल्ट्रासाउंड थेरेपी

इस तकनीक के माध्यम से अल्ट्रासाउंड बीम को शरीर में प्रभावित हिस्से में डाला जाता है, ताकि शरीर के कुछ विशेष भागों तक एनर्जी पहुंचाई जा सके. यह तकनीक अभी क्लीनिकल ट्रायल फेज में ही है.

सर्जरी

अगर मसल्स लॉस का कारण कोई चोट लगना या न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, तो सर्जरी के माध्यम से ही इसे ठीक किया जा सकता है.

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सारांश – Summary

मसल्स लॉस जो बहुत से कारणों पर निर्भर करता है, जैसे कि जेनेटिक, उम्र या न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम आदि. इससे बचने के लिए या फिर इसे ठीक करने के लिए रोजाना थोड़ी देर के लिए एक्सरसाइज और डाइट में पौष्टिक चीजों का सेवन जरूरी है. साथ ही फिजिकल थेरेपी, सर्जरी आदि से इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है. भविष्य में मसल्स को नुकसान पहुंचाने से अच्छा है आज ही खुद को सक्रिय किया जाए. मॉर्निंग या इवनिंग वॉक भी इस समस्या से बचने का एक अच्छा तरीका हो सकता है. साथ ही ऐसी कोई भी समस्या महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना भी जरूरी है.



मस्कुलर एट्रोफी के डॉक्टर

Dr. Prity Kumari Dr. Prity Kumari सामान्य शल्यचिकित्सा
Dr. Surendra Kumar Dr. Surendra Kumar सामान्य शल्यचिकित्सा
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मस्कुलर एट्रोफी की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Muscular Atrophy in Hindi

मस्कुलर एट्रोफी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।