पॉलीसिथिमिया वेरा क्या है?

पॉलीसिथिमिया वेरा को "पीवी" भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का ब्लड कैंसर (खून का कैंसर) होता है, मुख्य रूप से अस्थि मज्जा (Bone marrow) में होता है। अस्थि मज्जा हड्डी का नरम हिस्सा होता है, जो हड्डी के बीच में होता है और इसका मुख्य काम रक्त कोशिकाएं बनाना होता है। 

पॉलीसिथिमिया वेरा से ग्रस्त होने पर अस्थि मज्जा अत्यधिक मात्रा में लाल रक्त कोशिकाएं बनाने लग जाती है और इसके कारण खून अधिक गाढ़ा बन जाता है। इस स्थिति के कारण स्ट्रोक, हार्ट अटैक या खून का थक्का जमना आदि जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

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पॉलीसिथिमिया वेरा के लक्षण क्या हैं?

पीवी से ग्रस्त ज्यादातर लोगों में किसी प्रकार के संकेत व लक्षण दिखाई नहीं देते, बाकी अन्य लोगों में कुछ इस प्रकार के लक्षण देखे जा सकते हैं:

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पॉलीसिथिमिया वेरा क्यों होता है?

पीवी रोग महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक देखा जाता है। 60 साल की उम्र के बाद मुख्य रूप से पॉलीसिथिमिया वेरा होने की संभावना बढ़ जाती है, हालांकि यह किसी भी उम्र में हो सकता है। 

जेएक टू (JAK2) जीन में किसी प्रकार का बदलाव होना पीवी रोग का मुख्य कारण होता है। यह जीन उस प्रोटीन के निर्माण को कंट्रोल करता है, जिससे रक्त कोशिकाएं बनती हैं।

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पॉलीसिथिमिया वेरा का इलाज कैसे किया जाता है?

पीवी एक ऐसा दीर्घकालिक रोग है, जिसका इलाज संभव नहीं है। इलाज का मुख्य लक्ष्य रक्त कोशिकाओं की मात्रा को कम करना होता है। कई मामलों में इलाज की मदद से पॉलीसिथिमिया वेरा के लक्षणों व इससे होने वाली जटिलताओं को कम कर दिया जाता है। पीवी के इलाज में निम्न शामिल हैं:

  • नसों से खून निकालना
  • एस्पिरिन की हल्की खुराक देना
  • रक्त कोशिकाओं को कम करने वाली दवाएं देना
  • कैंसरयुक्त कोशिकाओं को नष्ट करने वाली दवाएं देना

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