क्यू फीवर क्या है?

क्यू फीवर (क्यू बुखार) एक असामान्य बैक्टीरियल संक्रमण होता है, जो जानवरों से व्यक्ति में फैलता है। यह तीव्र और दीर्घकालिक दोनों तरह का हो सकता है। दीर्घकालिक मामले रोगी के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं। भेड़ और बकरियों में इस रोग के बैक्टीरिया से संक्रमित होने की संभावना काफी अधिक होती है, लेकिन मछली, कुत्ते व ऊंट भी इस बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकते हैं।

(और पढ़ें - कुत्ते के काटने पर क्या करे)

क्यू फीवर के लक्षण क्या है?

क्यू फीवर का संक्रमण होने पर दस में से पांच लोग बीमार हो जाते हैं। बैक्टीरिया से संक्रमित होने पर दो से तीन सप्ताह में बीमारी के लक्षण व्यक्ति को महसूस होने लगते हैं। इसके लक्षणों में रोगी को बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियो में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, सीने में दर्द, पेट में दर्द, वजन कम होना आदि समस्याएं होने लगती हैं।  

डाइट कर के और एक्सरसाइज कर के थक चुके है और वजन काम नहीं हो पा रहा है तो myUpchar आयुर्वेद मेदारोध फैट बर्नर जूस का उपयोग करे  इसका कोई भी  दुष्प्रभाव नहीं है आज ही आर्डर करे और लाभ उठाये।

(और पढ़ें - बुखार दूर करने के उपाय)

इस रोग की गंभीर स्थिति में रोगी को निमोनिया या हेपेटाइटिस होने की संभावनाएं होती है। 

(और पढ़ें - निमोनिया के घरेलू उपाय)

क्यू फीवर क्यों होता है?

कोक्सिएला बर्नेटी (coxiella burnetti) की वजह से क्यू फीवर होता है। यह बैक्टीरिया भेड़ और बकरियों में सामान्य रूप से पाया जाता है। इसके साथ ही बैक्टीरिया घर के पालतू जानरों जैसे बिल्ली, कुत्ते और खरगोश को भी संक्रमित कर सकता है।  संक्रमित जानवर के मल, मूूत्र, दूध या एम्नियोटिक द्रव (Amniotic fluid) या प्लेसेंटा (placenta) के माध्यम से बैक्टीरिया व्यक्तियों में फैलता है।  

(और पढ़ें - दूध की एलर्जी का इलाज)

क्यू फीवर का इलाज क्या है?

क्यू फीवर की पहचान के लिए डॉक्टर कई तरह के ब्लड टेस्ट करते हैं। इस रोग की जांच के लिए सिरोलोजिक टेस्ट (serologic test), प्लेटलेट्स की संख्या (Platelet count), इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) टेस्ट किए जाते हैं। 

(और पढ़ें - प्लेटलेट्स गिनती क्या है)

क्यू फीवर के हल्के लक्षण कुछ सप्ताह में आपने आप ही ठीक हो जाते हैं, जबकि गंभीर लक्षणों में डॉक्टर मरीज को एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं। इसका इलाज दो से तीन सप्ताह तक चलता है। यदि क्यू फीवर का दीर्घ कालिक इंफेक्शन हो जाए तो रोगी को 18 महीनों तक एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जाती हैं। 

 

और पढ़ें...
ऐप पर पढ़ें