ट्यूबरस स्क्लेरोसिस - Tuberous Sclerosis in Hindi

Dr. Pradeep JainMD,MBBS,MD - Pediatrics

October 06, 2020

January 21, 2021

ट्यूबरस स्क्लेरोसिस
ट्यूबरस स्क्लेरोसिस

ट्यूबरस स्क्लेरोसिस को ट्यूबरस स्केलेरोसिस कॉम्प्लेक्स भी कहा जाता है। यह एक असामान्य आनुवंशिक विकार है जिसमें मस्तिष्क में गैर कैंसरकारी (हल्के) ट्यूमर बनने लगते हैं। ट्यूमर का मतलब शरीर के किसी हिस्से के सामान्य ऊतकोंं में अप्रत्याशित रूप से अतिवृद्धि होना है। इसके संकेत और लक्षण व्यापक रूप से भिन्न होते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि ट्यूमर कहां विकसित हो रहा है और व्यक्ति पर इसका कितना असर है।

ट्यूबरस स्केलेरोसिस का पता शैशवावस्था या बचपन के दौरान लगता है। इस विकार से ग्रसित कुछ लोगों में संकेत और लक्षण हल्के होते हैं जिस वजह से वयस्क होने तक स्थिति का निदान नहीं किया जा सकता है।

हालांकि, इस विकार के लिए कोई इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों का प्रबंधन किया जा सकता है।

(और पढ़ें - ब्रेन ट्यूमर का इलाज)

 

ट्यूबरस स्क्लेरोसिस के लक्षण - Tuberous Sclerosis Symptoms in Hindi

इस विकार में शरीर के कुछ हिस्सों ज्यादातर मस्तिष्क, आंखें, किडनी, हृदय, फेफड़े और त्वचा में गैर-कैंसरकारी वृद्धि (हल्के ट्यूमर) होने लगते हैं। हालांकि, शरीर का कोई भी अंग प्रभावित हो सकता है। यह लक्षण अतिवृद्धि के आकार या स्थान के आधार पर हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं।

इसमें शामिल हो सकते हैं :

  • व्यवहार संबंधी समस्याएं : व्यवहार संबंधी समस्याओं में अति-सक्रियता, खुद के जरिए लगी चोट या आक्रामकता शामिल हो सकते हैं।
  • किडनी से संबंधित समस्याएं : ट्यूबरस स्केलेरोसिस वाले अधिकांश लोगों की किडनी में गैर-कैंसरकारी वृद्धि होती है और ऐसे लोगों में उम्र के साथ ट्यूमर बड़ा होता जाता है।
  • फेफड़ों की समस्याएं : फेफड़ों में ट्यूमर विकसित होने लगता है, जिसकी वजह से खांसी या सांस की तकलीफ हो सकती है।
  • त्वचा की असामान्यताएं : ट्यूबरस स्क्लेरोसिस से ग्रसित लोगों में हल्के रंग के चकत्ते या उनके नाखूनों के आसपास मोटी व चिकनी त्वचा या छोटे आकार के लाल उभार विकसित हो सकते हैं।
  • दौरे : मस्तिष्क में अतिवृद्धि होने की वजह से दौरे की समस्या हो सकती है, जो कि ट्यूबरस स्क्लेरोसिस का शुरुआती लक्षण हैं।
  • संज्ञानात्मक अक्षमता : ट्यूबरस स्केलेरोसिस विकास संबंधी देरी और कभी-कभी बौद्धिक विकास में कमी या सीखने की क्षमता में कमी से जुड़ा हो सकता है।
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ट्यूबरस स्क्लेरोसिस का कारण - Tuberous Sclerosis Causes in Hindi

ट्यूबरस स्क्लेरोसिस का कारण जीन में गड़बड़ी है। यह बीमारी टीएससी1 या टीएससी2 नामक जीन में गड़बड़ी के कारण होती है। यह जीन ऐसे प्रोटीन बनने में मदद करते हैं जो शरीर के कई कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब इन जीन में गड़बड़ी होती है तो प्रोटीन दोषपूर्ण, अक्षम या अनुपस्थित हो सकता है। विशेष प्रोटीन के कार्यों के आधार पर, यह मस्तिष्क सहित शरीर के कई अंग प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है।

(और पढ़ें - ट्यूमर और कैंसर में अंतर)

ट्यूबरस स्क्लेरोसिस का निदान - Tuberous Sclerosis Diagnosis in Hindi

ट्यूबरस स्क्लेरोसिस के निदान के निम्नलिखित टेस्ट किए जा सकते हैं-

  • सीटी स्कैन : सीटी स्कैन में शरीर के आंतरिक अंगों की विस्तृत तस्वीरें तैयार होती हैं, जिसकी मदद से ट्यूमर और बीमारी से संबंधित अन्य बदलावों को समझा या पहचाना जा सकता है।
  • एमआरआई : इसमें सीटी स्कैन की तुलना में अधिक विस्तृत छवि तैयार होती हैं। इसके जरिए खून और रीढ़ की हड्डी का तरल, ट्यूमर और अन्य बदलावों के बारे में पता चल सकता है।
  • इकोकार्डियोग्राम : यह हृदय का अल्ट्रासाउंड परीक्षण है, जिसमें ट्यूमर और अन्य परिवर्तनों के बारे में पता चलता है।
  • जीन टेस्ट : यदि किसी को ट्यूबरस स्क्लेरोसिस है तो ब्लड टेस्ट करके भी बीमारी का निदान किया जा सकता है।

ट्यूबरस स्क्लेरोसिस का इलाज - Tuberous Sclerosis Treatment in Hindi

ट्यूबरस स्क्लेरोसिस के लिए कोई सटीक इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों का प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है। उदाहरण के लिए :

  • दवाई : दौरे को नियंत्रित करने के लिए एंटी-सीजर्स दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है।
  • सर्जरी : यदि ट्यूमर की वजह से किसी विशिष्ट अंग जैसे कि किडनी या हृदय की क्षमता प्रभावित होती है तो ऐसे में सर्जरी के माध्यम से कोशिकाओं में अतिवृद्धि को हटाया जा सकता है।
  • मनोरोग और व्यवहार प्रबंधन : मानसिक स्वास्थ्य प्रदाता के साथ बात करने से बच्चों को इस विकार के प्रबंधन और स्थिति को स्वीकार करने में मदद मिल सकती है।
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