जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम क्या है?
जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम एक बहुत ही दुर्लभ समस्या है, जिसमें आपके अग्न्याशय या छोटी आंत की ऊपरी तरफ एक या एक से अधिक ट्यूमर हो जाते हैं। ये ट्यूमर अधिक मात्रा में गैस्ट्रिन हॉर्मोन का निर्माण करते हैं, जिसके कारण पेट में बहुत ज्यादा एसिड बनने लगता है। इस एसिड से पेट में छाले और दस्त जैसे लक्षण होने लगते हैं। जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, हालांकि ये 20 से 50 उम्र के लोगों में अधिक पाया जाता है।
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जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?
जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम से ग्रस्त लोगों को पेट में दर्द और दस्त की समस्या होती है। इसके अलावा इसमें दस्त ठीक न होना, भूख न लगना, खाने की नली में दर्द, कुपोषण, मतली, उल्टी में खून आना और सांस लेते समय आवाज आने की समस्याएं भी होती हैं।
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जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम क्यों होता है?
जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम के सटीक कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है लेकिन ये बात स्पष्ट है कि ये सिंड्रोम तब शुरू होता है जब आपके अग्नाशय, आंत के ऊपरी भाग या अग्नाशय के आस-पास के लिम्फ नोड्स में ट्यूमर बनने लगता है। ये ट्यूमर ऐसी कोशिकाओं से बना होता है जो बहुत अधिक गैस्ट्रिन हॉर्मोन का निर्माण करती हैं। इस हॉर्मोन के कारण पेट में बहुत ज्यादा एसिड बनता है, जिससे पेट में छाले और दस्त होते हैं।
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जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम का इलाज कैसे होता है?
जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम के इलाज के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है और जो सर्जन आपकी सर्जरी करते हैं वे भी इस सर्जरी में निपुण होने चाहिए, क्योंकि जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम के ट्यूमर बहुत छोटे-छोटे होते हैं और उनके स्थान का पता लगाना भी मुश्किल होता है। हालांकि, अगर आपको छोटे-छोटे बहुत सारे ट्यूमर हैं या ट्यूमर लिवर तक फैले हुए हैं, तो डॉक्टर सर्जरी से केवल एक बड़ा ट्यूमर निकालने की सलाह दे सकते हैं। कुछ अन्य मामलों में, ट्यूमर को बढ़ने से रोकने के लिए डॉक्टर अन्य उपचार भी कर सकते हैं। पेट में बन रहे ज्यादा एसिड के लिए प्रोटोन पंप इन्हिबिटर्स नामक दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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