जब से नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 की वजह से होने वाली बीमारी कोविड-19 अस्तित्व में आयी है, तब से एक चीज का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है और जिसकी डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गई है वह है हैंड सैनिटाइजर्स। आपको जानकर हैरानी होगी कि हैंड सैनिटाइजर आज के जमाने की चीज नहीं है, बल्कि इसका आविष्कार 1966 में कैलिफोर्निया की एक नर्सिंग स्टूडेंट ल्यूप हर्नैनडेज ने किया था। ल्यूप ने अल्कोहल और जेल को एक साथ मिलाकर हैंड सैनिटाइजर को डॉक्टरों के लिए तैयार किया था, ताकि ऐसी स्थिति में जब मरीजों का इलाज करने से पहले साबुन और गर्म पानी मौजूद न हो वहां पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर डॉक्टर अपने हाथों को साफ कर सकें।     

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वैसे तो कोरोना वायरस इंफेक्शन से बचने का सबसे अच्छा तरीका अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोना है। लेकिन जब आप घर के बाहर हों या फिर ऐसी जगह पर हों जहां साबुन पानी मौजूद न हो तो पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह है कि अपने हाथों को साफ करने के लिए हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना बेहतर विकल्प हो सकता है। वैसे तो अब तक विश्व की ज्यादातर हेल्थ एजेंसिया 60-70 प्रतिशत अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का ही इस्तेमाल करने की सलाह दे रहीं थीं, लेकिन अब एक नई स्टडी में यह बात सामने आयी है कि अल्कोहल फ्री हैंड सैनिटाइजर भी उतने ही असरदार हैं जितने अल्कोहल वाले।

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हालांकि, अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की मानें तो साबुन पानी से हाथ धोने और हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के बीच काफी अंतर है। साबुन पानी से हाथ धोने पर जहां हाथों पर मौजूद सभी तरह के कीटाणु और वायरस पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं, वहीं सैनिटाइजर हाथों की त्वचा पर मौजूद कुछ निश्चित प्रकार के कीटाणुओं का ही खात्मा करता है। अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर बेहद कम समय में ढेर सारे कीटाणुओं को मार सकता है लेकिन सिर्फ तभी जब उसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। 

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तो हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुके ये हैंड सैनिटाइजर क्या सचमुच कोविड-19 के खिलाफ असरदार हैं, क्या इंफेक्शन से बचाने में मददगार हो सकते हैं सैनिटाइजर्स, सही हैंड सैनिटाइजर का चुनाव कैसे करें और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते वक्त किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इन सभी सवालों के जवाब हम आपको दे रहे हैं इस आर्टिकल में।

  1. सैनिटाइजर क्या होता है? - Sanitizer kya hota hai?
  2. क्या हैंड सैनिटाइजर कोविड-19 के खिलाफ असरदार है? - Kya Sanitizer Covid-19 ke khilaf asardar hai?
  3. सही सैनिटाइजर का चुनाव कैसे करें? - Sahi Sanitizer kaise chune?
  4. सैनिटाइजर इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है? - Sanitizer use karne ka sahi tarika
  5. सैनिटाइजर के बारे में ये बातें जानना है जरूरी - Sanitizer ke bare me jaruri baatein

हैंड सैनिटाइजर जिसे हैंड एंटिसेप्टिक या हैंड रब भी कहा जाता है एक तरह का घटक (एजेंट) है जिसे हाथों पर मौजूद विभिन्न प्रकार के कॉमन रोगाणुओं को मारने या हटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हैंड सैनिटाइजर आमतौर पर फोम, जेल और लिक्विड तीनों रूपों में मिलता है। हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल का सुझाव सिर्फ उन्हीं परिस्थितियों में दिया जाता है जब हाथ धोने के लिए साबुन और पानी उपलब्ध न हो। वैसे तो हैंड सैनिटाइजर कितना असरदार है यह अलग-अलग परिस्थिति के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है, लेकिन सैनिटाइजर का इस्तेमाल अस्पताल से लेकर हेल्थ केयर सेंटर, सुपरमार्केट से लेकर स्कूल और ऑफिस से लेकर घर तक में इंफेक्शन को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।

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सैनिटाइजर के प्रकार
हैंड सैनिटाइजर में मौजूद सामग्रियों के आधार पर सैनिटाइजर 2 तरह का होता है- अल्कोहल-बेस्ड और अल्कोहल-फ्री। अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइजर में मुख्य रूप से 60 से 95 प्रतिशत तक अल्कोहल होता है जो मुख्य रूप से एथेनॉल, आइसोप्रोपेनॉल या न-प्रोपेनॉल के रूप में होता है। अल्कोहल वायरस और कीटाणुओं की सतह पर मौजूद प्रोटीन को विकृत कर देता है जिससे कई अलग-अलग प्रकार के सूक्ष्म जीवों और रोगाणुओं को बेअसर करने में मदद करता है। तो वहीं, अल्कोहल-फ्री हैंड सैनिटाइजर कीटाणुनाशक जैसे- बेन्जलकोनियम क्लोराइड या ट्राइक्लोसैन जैसे एंटीमाइक्रोबियल एजेंट से बना होता है। 

सैनिटाइजर की प्रभावकारिता
हैंड सैनिटाइजर की प्रभावकारिता यानि यह कितना असरदार है यह कई बातों पर निर्भर करता है जिसमें प्रॉडक्ट को लगाने और इस्तेमाल करने का तरीका भी शामिल है (उदाहरण के लिए- इस्तेमाल की गई मात्रा, एक्सपोजर की समय सीमा, इस्तेमाल की फ्रीक्वेंसी आदि) और क्या व्यक्ति के हाथों पर मौजूद विशिष्ट संक्रामक तत्व सैनिटाइजर में मौजूद सक्रिय घटक के लिए अतिसंवेदनशील हैं या नहीं।

सामान्य तौर पर अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर को अगर हाथों की सतह और उंगलियों पर करीब 30 सेकंड तक रगड़ा जाए और फिर उसे हवा में पूरी तरह से सूखने दिया जाए तो यह हाथों पर मौजूद बैक्टीरिया, वायरस और फंगस की आबादी को काफी हद तक कम कर सकता है। अल्कोहल-फ्री सैनिटाइजर का भी ऐसा ही असर देखने को मिला है। अगर सैनिटाइजर लगाने से पहले अगर हाथ बहुत ज्यादा गंदे या धूल-धुसरित हों तो सैनिटाइजर हाथों को पूरी तरह से साफ और सैनिटाइज नहीं कर सकता। ऐसी स्थिति में साबुन पानी का ही इस्तेमाल करना पड़ता है।

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सैनिटाइजर की प्रभावकारिता में होने वाले परिवर्तन और विविधता के बावजूद हैंड सैनिटाइजर कई संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकने में मदद कर सकते हैं। 

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वैसे तो WHO से लेकर CDC तक, दुनियाभर की ज्यादातर स्वास्थ्य एजेंसियां इंफेक्शन को फैलने से रोकने और बीमार पड़ने के जोखिम को कम करने के लिए साबुन और पानी से हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक अच्छी तरह से धोने की सलाह देते हैं। खासतौर पर टॉइलेट यूज करने के बाद, खाना खाने से पहले, खांसने-छींकने और नाक साफ करने के बाद। लेकिन अगर किसी स्थिति में साबुन पानी उपलब्ध न हो तो CDC और WHO दोनों ही 60 प्रतिशत अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइर का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।

इसमें कोई शक नहीं कि हैंड सैनिटाइजर आपको सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं क्योंकि वे वायरस और बैक्टीरिया दोनों को फैलने से रोकते हैं। हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने से हाथों पर मौजूद कीटाणुओं (फिर चाहे वह वायरस हो या बैक्टीरिया) के ट्रांसमिशन को रोकने में मदद मिलती है। हैंड सैनिटाइजर, नए कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में भी असरदार माना गया है। दरअसल, हैंड सैनिटाइजर में मौजूद अल्कोहल नए कोरोना वायरस समेत कई और रोगाणुओं की बाहरी सतह पर मौजूद सुरक्षात्मक प्रोटीन को विकृत करके उसके मेम्ब्रेन (झिल्ली) को खत्म कर देता है जिससे वायरस मर जाता है।

अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर में भी अलग-अलग इन्ग्रीडिएंट होते हैं। लिहाजा आपको किन सैनिटाइजर को चुनना चाहिए इसके लिए :

क्या करें

  • ऐसे हैंड सैनिटाइजर को चुनें, जिसमें कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल हो (लेबल में यह एथेनॉल, एथाइल अल्कोहल, आइसोप्रोपेनॉल या 2-प्रोपेनॉल के रूप में लिस्टेड होगा)
  • सैनिटाइजर की शीशी या डिब्बे पर इस्तेमाल के लिए जो निर्देश लिखे हों उसका पालन जरूर करें।

क्या न करें

  • ऐसे हैंड सैनिटाइजर को न चुनें जिसमें 60 प्रतिशत से कम अल्कोहल हो
  • अल्कोहल बेस्ड ऐसे हैंड सैनिटाइजर का चुनाव न करें जिसका पैकेट किसी खाने पीने की चीज के कंटेनर से मिलता जुलता हो

अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर इस्तेमाल करते वक्त

क्या करें 

  • सैनिटाइजर चाहे जेल फॉर्म में हो या फिर लिक्विड फॉर्म में उसे हाथों और उंगलियों की सतह पर लगाकर तब तक रगड़ें जब तक आपके हाथ पूरी तरह से सूख न जाए
  • अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर को अपनी आंखों से दूर ही रखें
  • अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर को बच्चों की पहुंच और नजरों से दूर ही रखें
  • जब बच्चे हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हों तो उन पर नजर रखें

क्या न करें

  • सैनिटाइजर के पूरी तरह से सूखने से पहले उसे धोएं या पोछें नहीं वरना वह कीटाणुओं के खिलाफ सही तरीके से काम नहीं करेगा
  • अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल सिर्फ हाथों को साफ करने के लिए करें सतहों को नहीं
  • अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर को 40 डिग्री से अधिक (105°F) तापमान में न रखें (गर्मी के महीने में इसे कार में न छोड़ें)
  • अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर को गलती से भी मुंह में न डालें वरना पॉयजनिंग का खतरा हो सकता है
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  • साबुन और पानी से हाथ धोने पर कीटाणु हट जाते हैं लेकिन मरते नहीं है तो वहीं हैंड सैनिटाइडर कीटाणुओं को मारने में सक्षम है लेकिन यह आपके हाथों को साफ नहीं करता है। अगर आपके हाथ गंदे, चिकने या तैलीय हैं तो सैनिटाइजर अच्छी तरह से काम नहीं करेगा। साथ ही सैनिटाइजर हानिकारक केमिकल्स, पेस्टिसाइड्स और लेड जैसे हेवी मेटल को भी हटाने में सक्षम नहीं है।
  • अमेरिका के सीडीसी की सलाह है कि अगर आप किसी अस्पताल या नर्सिंग होम में किसी दोस्त या रिश्तेदार से मिलकर आते हैं तो आपको साबुन-पानी की जगह हैंड सैनिटाइजर से हाथों को साफ करना चाहिए। इसके अलावा वैसे लोग जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है उनसे मिलने के बाद भी सैनिटाइजर का इस्तेमाल बेहतर विकल्प हो सकता है।
  • हैंड सैनिटाइजर सिर्फ तभी प्रभावी होते हैं जब उन्हें सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। सैनिटाइजर की अनुशंसित मात्रा को हथेली पर रखें और उसे पूरी तरह से सभी हिस्सों पर लगाएं खासकर उंगलियों के टिप्स पर और उसे तब तक रगड़ते रहें तब तक स्किन पूरी तरह से सूख न जाए। इसमें करीब 20 सेकंड का वक्त लगता है।
  • कीटाणुनाशक स्प्रे और एंटीबैक्टीरियल क्लीनिंग वाइप्स आदि को हैंड सैनिटाइजर के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ये सारी चीजें हार्ड सतहों के लिए बनी हैं इंसान के स्किन के लिए नहीं।
  • अगर हैंड सैनिटाइजर को कोई गलती से निगल ले खासकर बच्चे तो यह जहरीला साबित हो सकता है। अल्कोहल की मौजूदगी की वजह से सैनिटाइजर ज्वलनशील भी होता है।
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