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यौन संबंध बनाने से डर लगने को वैज्ञानिक भाषा में जेनोफोबिया कहते हैं. इसे कोइटोफोबिया भी कहा जाता है. एक यौन समस्या है, जिसमें व्यक्ति को सेक्स करने या अन्य यौन क्रियाओं से डर लगने लगता है. यह समस्या एक हेल्दी व रोमांटिक रिलेशनशिप के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है. जेनोफोबिया की वजह से न केवल प्रेम संबंधों में मधुरता की कमी आती है, बल्कि लंबे समय तक रहने पर यह गंभीर मानसिक अवसाद को जन्म दे सकती है.

आज इस लेख में आप सेक्स से डर लगने के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. जेनोफोबिया के लक्षण
  2. जेनोफोबिया के कारण
  3. जेनोफोबिया का इलाज
  4. सारांश
यौन रोग के डॉक्टर

फोबिया का अर्थ है किसी चीज को पसंद न करने की प्रतिक्रिया देना. जेनोफोबिया होने पर सेक्स की शुरुआत से पहले ही ऐसी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ सकता है, जो सामान्य नहीं है और जिनसे सेक्स में बाधा उत्पन्न होती है. ये प्रतिक्रियाएं कुछ इस प्रकार हो सकती हैं - 

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सभी फोबिया की तरह जेनोफोबिया भी गंभीर आघात यानी ट्रॉमा के बाद पैदा हो सकता है. यौन उत्पीड़न जेनोफोबिया के सबसे आम ट्रिगर हैं, लेकिन सांस्कृतिक पालन-पोषण और धार्मिक शिक्षाएं भी इस डर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं. आइए, जानते हैं सेक्स से डरने के अन्य बड़े कारण क्या हो सकते हैं -

बॉडी इमेज इश्यूज

जेनोफोबिया कभी-कभी शरीर से जुड़ी असुरक्षाओं के कारण पैदा हो सकता है, ऐसे में व्यक्ति अपने लुक्स को लेकर बहुत संवेदनशील हो जाता है और पार्टनर के सामने सहज नहीं हो पाता.

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रेप ट्रामा सिंड्रोम

बलात्कार पीड़ित के शरीर और दिमाग को सहज सेक्स को स्वीकारने में कठिनाई हो सकती है. बलात्कार के बाद व्यक्तियों को कई जटिल मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. हालांकि, हर कोई एक ही तरह से प्रतिक्रिया नहीं करता है, लेकिन यह जेनोफोबिया का एक कारण बन सकता है, रेप की दुर्घटना से उबरने का रास्ता बेहद व्यक्तिगत है और इसे पूरी तरह से ठीक होने में महीनों से लेकर वर्षों तक का समय लग सकता है.

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सांस्कृतिक और धार्मिक भय

यदि व्यक्ति किसी ऐसे धार्मिक या सांस्कृतिक समूह का सदस्य है, जो संभोग को नापसंद करते हैं या उसकी कटु आलोचना करते हैं, तो उनके अंदर सेक्स को लेकर डर पैदा हो सकता है. सेक्स से जुड़े पारंपरिक नियम-कायदों का पालन करना जेनोफोबिया नहीं है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने मन में सेक्स को लेकर अपराधबोध, आत्म-संदेह, या पुराने तरीकों को तोड़ने का डर पाल लेता है, तो इससे जेनोफोबिया पनप सकता है.

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परफॉर्मेंस एंग्जायटी

कई बार सेक्स संबधों में अधिक अनुभव न होने पर लोग डरते हैं कि वे अपने साथी को खुश करने में असमर्थ होंगे. हालांकि, ये डर आमतौर पर टाइम के साथ कम हो जाता है और अपने तक ही सीमित भी हो सकता है. मामला ज्यादा गंभीर तब होता है, जब सेक्सुअल परफॉर्मेंस की चिंता बढ़कर जेनोफोबिया में विकसित हो जाती है.

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बीमारी का डर

ये तो हम सभी जानते हैं कि यौन संबंध से एचआईवी समेत कई बीमारियों का खतरा रहता है, लेकिन सुरक्षित संबंध इस तरह की बीमारियों के जोखिम को कम कर देते हैं, फिर भी कुछ व्यक्ति संदेह की स्थिति में रहते हैं, सेक्स उन्हें अनहाइजीनिक और खतरनाक लग सकता है. वो मानसिक रूप से सेक्स को एक जोखिमपूर्ण कार्य मान लेते हैं और बीमार होने का डर उन्हें नोफोबिक बना देता है. इसके अतिरिक्त, कुछ लोग डरते हैं कि सेक्स की प्रक्रिया में असहनीय दर्द होगा और वो बिना किसी अनुभव के सेक्स से डरने लगते हैं.

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मेडिकल कंडीशंस

किसी-किसी चिकित्सीय स्थिति के बाद सेक्स के डर को कभी भी फोबिया नहीं माना जाता है, जैसे प्रसव बाद जल्दी सेक्स से डरना. टांकों में दर्द या पोस्टपार्टम रिकवरी में देरी की वजह से यह डर विवेकपूर्ण भी हो सकता है. जबकि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और हार्ट प्रॉब्लम की वजह से यौन गतिविधि से डर लग सकता है और ये जेनोफोबिया का एक बड़ा कारण बन सकती हैं, कभी-कभी जोखिम से ज्यादा भय विकसित हो सकता है, ऐसी स्थिति में यौन गतिविधि को पूरी तरह से त्यागने का निर्णय सही नहीं होता, बल्कि डॉक्टर से मिलने की जरूरत हो सकती है.

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जेनोफोबिया का इलाज सेक्स एक्सपर्ट्स द्वारा किया जा सकता है. कुछ चिकित्सक यौन मामलों में उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त होते हैं और साथ ही वो मानसिक स्वास्थ्य का निवारण भी कर सकते हैं. जेनोफोबिया से पीड़ित व्यक्तियों को ऐसे डॉक्टर्स से मिलना चाहिए. जेनोफोबिया से लड़ना कभी आसान नहीं होता. बहुत से लोग शर्मिंदगी महसूस करते हैं और इस तरह के गहरे व्यक्तिगत भय को साझा करने में उन्हें परेशानी हो सकती है. फिर भी जेनोफोबिया का उपचार आम तौर पर सफल होता है, और इस भावनात्मक दर्द से आप उबर सकते हैं.

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सेक्स मानव का एक महत्वपूर्ण पहलू है और जेनोफोबिया इस पहलू पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकता है. जो लोग सेक्स के डर की वजह से रोमांटिक रिश्तों में नहीं पड़ते, वे अक्सर खुद को अधूरा और अकेला महसूस करते है. वहीं, जेनोफोबिया रोमांटिक रिश्तों पर भी बुरा प्रभाव डालता है, खासतौर पर तब, जब आपके पार्टनर की सेक्स में पर्याप्त रूचि हो. इसीलिए, जेनोफोबिया के इलाज में संकोच न करें और किसी अच्छे डॉक्टर से इस विषय पर विश्वसनीय सलाह जरूर लें.

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