एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (Extracorporeal Shock Wave Lithotripsy, ESWL) स्टोन निकालने का एक सर्जिकल उपचार है। इस प्रक्रिया में एक बाहरी स्त्रोत से हाई फ्रीक्वेंसी साउंड वेव्स (High Frequency Sound Waves) का इस्तेमाल किया जाता है जिससे स्टोन्स को छोटे टुकड़ों में टूट जाते हैं और मूत्र पथ (Urinary Tract) के ज़रिये बाहर आ जाते हैं।
इसका प्रयोग उन मरीज़ों में किया जाता है जिनके गुर्दे में स्टोन है और उस स्टोन में दर्द होता है, साथ ही उससे मूत्रत्याग ब्लॉक हो रहा है। जो स्टोन्स व्यास (Diameter; डायमीटर) में 4 mm (0.16 in) और 2 cm (0.8 in) के बीच होते हैं उनके लिए ESWL किये जाने की अधिक सम्भावना है।
इस प्रक्रिया का उपयोग यूरेटेरिक स्टोन्स (Ureteric Stones), मूत्राशय के स्टोन्स (Bladder Stones) और बेनिन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेशिया (Benign Prostatic Hyperplasia, BPH) के उपचार के लिए भी किया जाता है।
यदि आप गर्भवती हैं, आपको कोई रक्तस्त्राव सम्बन्धी विकार है, गुर्दे का अनुपचारित संक्रमण, मूत्रपथ का संक्रमण या गुर्दे का कैंसर है, या गुर्दे की कार्यवाही में कोई असामन्यता है तो ये प्रक्रिया नहीं की जा सकती।
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सर्जरी की तैयारी के लिए आपको निम्न कुछ बातों का ध्यान रखना होगा और जैसा आपका डॉक्टर कहे उन सभी सलाहों का पालन करना होगा:
इन सभी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लिंक पर जाएँ - सर्जरी से पहले की तैयारी
यह प्रक्रिया लगभग एक घंटे तक चलती है। मरीज़ को एक विशेष ऑपरेटिंग रूम टेबल पर लिटाया जाता है जिसपर एक पानी से भरा हुआ कुशन (Cushion; तकिया) लगा हुआ होता है जिसके द्वारा हाई फ्रीक्वेंसी साउंड वेव्स गुर्दे तक प्रेषित की जाती हैं। प्रक्रिया के दौरान एक्स-रे (X-Ray) और अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) का प्रयोग किया जाता है ताकि स्टोन का स्थान जाना जा सके और स्टोन विखंडन (Stone Fragmentaion) की प्रभावशीलता के बारे में पता लगाया जा सके।
कई स्थितियों में युरेटेरल स्टेंट (Ureteral Stent) का भी प्रयोग किया जा सके जिससे मूत्रनली को विस्तारित किया जा सके और मूत्राशय से स्टोन के पारित होने में आसानी हो।
सर्जरी के बाद कुछ हफ़्तों तक स्टोन के टुकड़े मूत्र से पारित होंगे और इससे हल्का दर्द भी हो सकता है। कभी कभी, मरीज़ को इस प्रक्रिया को फिर करवाने की आवश्यकता हो सकती है या कोई और काम चीरकर की जाने वाली प्रक्रिया करवानी पड़ सकती है। सर्जरी के बाद पहले 48 घंटों तक होने वाले मूत्रत्याग को छानकर टन के टुकड़ों को इकठा करें और एक सूखे कंटेनर (Container; पात्र) में रखकर अपने डॉक्टर के पास ले जाएँ जिससे उनकी जांच की जा सके।
स्टोन के टुकड़ों को पारित करने में आसानी हो इसके लिए प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी पियें। सर्जरी के बाद कम से कम 24 घंटों तक ड्राइविंग न करें। डॉक्टर द्वारा बताये हुए समय और दिन पर चेक-अप करवाने ज़रूर जाएँ और डॉक्टर द्वारा निर्धारित सभी दवाएं निर्धारित खुराक में लें। आपको कुछ टेस्ट्स करवाने के लिए भी कहा जा सकता है।
यह एक सुरक्षित प्रक्रिया है हालांकि हर सर्जिकल प्रक्रिया की तरह इससे भी कुछ जोखिम और जटिलताएं जुड़ी हैं: