फैक्टर वी लीडेन टेस्ट क्या है?

फैक्टर वी लीडेन टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है जो कि फैक्टर वी में होने वाली जेनेटिक म्यूटेशन (अनुवांशिक उत्परिवर्तन) की जांच करता है जिसके कारण रक्त में थक्के जमते हैं। फैक्टर वी और प्रोथ्रॉम्बिन थक्के बनाने वाले महत्वपूर्ण प्रोटीन हैं। जब कोई चोट लगती है और खून बहने लगता है तो हेमोस्टेसिस की प्रक्रिया शुरू हो जाती है इसमें ब्लड प्लेटलेट्स भी सक्रिय हो जाते हैं। इसके बाद बहुत सारे क्लॉटिंग फैक्टर बनने लगते हैं जिससे ब्लड क्लॉट हो जाता है। जैसे ही चोट ठीक होती है थक्के खून में घुलने लग जाते हैं।

सामान्य ब्लड क्लॉटिंग प्रक्रिया के दौरान फैक्टर वी की रोकथाम एक्टिवेटेड सी प्रोटीन के द्वारा की जाती है, क्योंकि यह खून में बड़े आकार के थक्के बनने से रोकता है। हालांकि, यदि फैक्टर वी का अनुवांशिक उत्परिवर्तन हो जाता है तो यह एक्टिवेटेड प्रोटीन सी के लिए प्रतिरोध बना लेता है और थक्के जमने की प्रक्रिया जारी रहती है। थक्के जमने की इस प्रक्रिया के साथ टांग की अंदरुनी नसों में ब्लड क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है। कभी-कभी थक्के टूट सकते हैं जिससे नस अवरुद्ध भी हो सकती है जिसके कारण वेनस थ्रोम्बोएम्बोलिस्म (वीटीई) जैसी स्थितियां हो जाती है।

  1. फैक्टर वी लीडेन टेस्ट क्यों किया जाता है - What is the purpose of Factor V Leiden test in Hindi
  2. फैक्टर वी लीडेन टेस्ट से पहले - Before Factor V Leiden test in Hindi
  3. फैक्टर वी लीडेन टेस्ट के दौरान - During Factor V Leiden test in Hindi
  4. फैक्टर वी लीडेन टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - What does Factor V Leiden test result mean in Hindi?

फैक्टर वी लीडेन टेस्ट किसलिए किया जाता है?

फैक्टर वी लीडेन टेस्ट तब किया जाता है जब व्यक्ति को अनुवांशिक तौर पर ब्लड क्लॉट बनने का खतरा होता है या निम्न स्थितियां होती हैं:

  • 50 वर्ष की उम्र से पहले डीवीटी या वीटीई एक बार हो जाना 
  • डीवीटी या वीटीई बार-बार होना
  • असामान्य जगहों पर थक्के बनना जैसे किडनी, लिवर, श्रोणि (pelvis) और आंखों की नसों में
  • व्यक्ति को खुद या उस के परिवार के किसी करीबी को बार-बार डीवीटी या वीटीई होना 
  • महिलाओं में गर्भनिरोधक गोलियां लेने के या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के बाद या फिर गर्भावस्था में पहली बार वीटीई होना।
  • दूसरी या तीसरी तिमाही में बहुत अधिक मिसकैरेज होना 

फैक्टर वी लीडेन टेस्ट तब किया जाता है जब व्यक्ति में डीवीटी के लक्षण दिखाई देते हैं जिसमे निम्न शामिल हैं:

  • पैरों में दर्द, प्रभावित टांग में टेंडरनेस (छूने पर दर्द)
  • प्रभावित क्षेत्र में अत्यधिक दर्द 
  • प्रभावित टांग में सूजन 
  • क्लॉट की जगह का गरम होना
  • प्रभावित टांग का रंग बिगड़ जाना

यह टेस्ट तब भी किया जाता है जब व्यक्ति  के शरीर में पल्मोनरी एम्बोलिस्म के लक्षण दिखाई दें, इनमें निम्न शामिल हैं:

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फैक्टर वी लीडेन टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

इस टेस्ट को करवाने से पहले कोई विशेष तैयारी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

फैक्टर वी लीडेन टेस्ट कैसे किया जाता है?

यह एक सामान्य टेस्ट है जिसमें पांच मिनट का समय लगता है। डॉक्टर आपकी बांह की नस में सुई लगाकर ब्लड सैंपल ले लेंगे। निकाले गए खून के सेंपल को एक टेस्ट ट्यूब या शीशी में भर लिया जाता है। नस में सुई लगने से हल्का सा दर्द हो सकता है। 

इस टेस्ट से कुछ आम परेशानियां भी हो सकती हैं, जैसे चक्कर आना और सुई लगी जगह पर नील पड़ना आदि। हालांकि, ज्यादातर मामलों में ये लक्षण जल्दी ही गायब हो जाते हैं। कभी-कभार सैंपल ली गई जगह पर संक्रमण भी विकसित हो सकता है।

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फैक्टर वी लीडेन टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है?

सामान्य परिणाम:
फैक्टर वी लीडेन के उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) की अनुपस्थिति सामान्य परिणाम की ओर संकेत करती है जिसका मतलब है कि व्यक्ति को डीवीटी और वीटीई होने के या दोबारा होने का खतरा कम है। इसके अलावा उत्परिवर्तन की अनुपस्थिति का मतलब है कि डीवीटी या वीटीई का कारण फैक्टर वी नहीं है। इसीलिए लक्षणों की आगे जांच की जानी चाहिए ताकि एक निर्णयात्मक परीक्षण का पता लगाया जा सके। 

असामान्य परिणाम:
फैक्टर वी म्युटेशन के पॉजिटिव रिजल्ट के कई अलग-अलग निष्कर्ष निकल सकते हैं, जैसे या तो हेट्रोजाइगोस (इसमें एक जीन सामान्य होता है और दूसरे जीन में उत्परिवर्तन होता है) या फिर होमोजाइगोस (जिसमें दोनों ही जीन में उत्परिवर्तन होता है)। एक व्यक्ति जिसमें हेट्रोजाइगोस जीन हैं उसे डीवीटी और वीटीई होने का सामान्य खतरा होता है। वहीं होमोजाइगोस जीन म्यूटेशन वाले व्यक्तियों में डीवीटी और वीटीई होने का खतरा अधिक होता है। 

जिन लोगों के दोनों जीन में म्यूटेशन होता है उन्हें थ्रोम्बोफीलिया होने का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। वहीं जिन लोगों के एक ही जीन में म्यूटेशन होता है उन्हें इसका खतरा उन लोगों से चार से आठ गुना ही अधिक होता है जिन लोगों के जीन में कोई म्यूटेशन नहीं है। 

अगर ये म्यूटेशन अन्य जोखिम कारकों से जुड़े हैं, तो ब्लड क्लॉट होने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी महिला को हेट्रोजाइगोस फैक्टर वी म्यूटेशन है और वो गर्भनिरोधक गोलियां भी ले रही है तो उस महिला में असामान्य रूप से क्लॉट बनने का खतरा 35 गुना अधिक बढ़ जाता है।

फैक्टर वी लीडेन टेस्ट आमतौर पर कुछ और टेस्ट के साथ किया जाता है जैसे लुपस एंटीकौयगुलेंट, प्रोटीन सी, प्रोटीन एस, एंटीथ्रोम्बिन और होमोसिस्टीन लेवल टेस्ट। ये थ्रोम्बोफिलिया के कारण का पता लगाने के लिए किए जाते हैं।

संदर्भ

  1. Lab tests Online. [Internet] American Association of Clinical Chemistry, U.S. Factor V Leiden Mutation and PT 20210 Mutation
  2. National Health Service [Internet]. UK; Overview - Deep vein thrombosis
  3. University of Rochester Medical Center. [Internet] Rochester (NY): University of Rochester Medical Center; Factor V
  4. Deborah L. Ornstein, Mary Cushman. Factor V Leiden Circulation, April 2003, Vol: 107, No: 15
  5. Emmanuel J Favaloro, David McDonald. Futility of testing for factor V Leiden Blood Transfus. 2012 Jul; 10(3): 260–263 PMID: 22889816
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