सेहत के लिए हल्दी को फायदेमंद माना गया है. अगर चोट लग जाए, तो सरसों के तेल में हल्दी को मिक्स करके चोट पर लगाने के लिए कहा जाता है. वहीं, अंदरूनी चोटसूजन को ठीक करने के लिए हल्दी का दूध पीने की सलाह दी जाती है. इसी प्रकार हल्दी की चाय पीने से भी कई प्रकार के फायदे हो सकते हैं. असल में हल्दी में करक्यूमिन नामक कंपाउंड पाया जाता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. इस लिहाज से हल्दी की चाय पीने से हृदय रोग से बचा जा सकता है, कैंसर से बचा जा सकता है व गठिया की समस्या को कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है.

आज इस लेख में आप हल्दी की चाय पीने से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. क्या है हल्दी की चाय?
  2. हल्दी की चाय पीने के फायदे
  3. हल्दी की चाय बनाने का तरीका
  4. हल्दी की चाय पीने के नुकसान
  5. सारांश
हल्दी की चाय पीने के फायदे व नुकसान के डॉक्टर

ताजी या सूखी हल्दी को पानी में डालकर हल्दी की चाय बनाई जाती है. यह देखने में पीली, गुलाबी या सुनहरे रंग की नजर आती है. इसका स्वाद मसालेदार व हल्का कड़वापन लिए होता है, फिर कई लोग इसे चाव से पीते हैं. हल्दी की चाय को आसानी से घर में बनाया जा सकता है. अब तो बाजार में इसके टी बैग्स उपलब्ध हैं.

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हल्दी की चाय पीने से हृदय रोग व गठिया की समस्या से बचा जा सकता है. साथ ही अल्जाइमर की समस्या को भी बेहतर किया जा सकता है. आइए, हल्दी की चाय के ऐसे ही विभिन्न फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

गठिया से राहत

हल्दी में करक्यूमिन नामक कंपाउंड होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी की तरह काम करता है. इसलिए, हल्दी की चाय पीने से गठिया के कुछ लक्षणों को कम किया जा सकता है. एक जर्नल पेपर के अनुसार, रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित करीब 206 लोगों पर शाेध किया गया और पाया गया कि डाइट में हल्दी को शामिल करने से उनके लक्षणों में कुछ सुधार हुआ था.

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हृदय को रखे स्वस्थ

ब्लड प्रेशर बढ़ने या खून में फैट की मात्रा बढ़ने से हृदय रोग होने की आशंका रहती है. वहीं, एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, हल्दी का इस्तेमाल करने से ब्लड प्रेशर व एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल व ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित किया जा सकता है. एक अन्य मेडिकल रिसर्च में बताया गया है कि 12 हफ्ते तक हल्दी का सेवन करने से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है.

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कैंसर से बचाए

हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन में एंटी-कैंसर गुण भी पाए जाते हैं. वहीं, एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार हल्दी शरीर में कैंसर सेल्स को पनपने का मौका नहीं देती है. वहीं, अगर कोई कैंसर से प्रभावित है, तो संभव है कि हल्दी कैंसर सेल्स को शरीर में फैलने से रोक सके. इस प्रकार हल्दी की चाय पीने से विभिन्न प्रकार के कैंसर से बचा जा सकता है. इसके अलावा, वैज्ञानिक यह भी शोध कर रहे हैं कि हल्द किस प्रकार कैंसर के इलाज में फायदेमंद हो सकती है.

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इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम

आयुर्वेद में हल्दी का इस्तेमाल पाचन संबंधी विभिन्न तरह की समस्याओं के लिए किया जाता रहा है. वैज्ञानिक शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट व एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो आंतों में बैक्टीरिया को नियंत्रित करने का काम करते हैं. इस लिहाज से इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम सहित विभिन्न तरह की पाचन संबंधी समस्याओं में हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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अल्जाइमर में फायदेमंद

अल्जाइमर से ग्रस्त मरीज की याददाश्त धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है. ऐसे में हल्दी की चाय पीने से कुछ फायदा हो सकता है. वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, करक्यूमिन कई न्यूरोडीजेनेरेटिव स्थितियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है. विशेषज्ञों का मानना ​​​​है कि इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सेलुलर क्षति व सूजन को कम कर सकते हैं, जो अल्जाइमर का कारण बनते हैं.

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यहां आप जानेंगे कि घर में किस प्रकार आसानी से एक कप हल्दी की चाय बनाई जा सकती है -

सामग्रियां -

  • एक कप पानी
  • एक टी स्पून हल्दी पाउडर
  • एक टी स्पून दालचीनी
  • शहद (स्वादानुसार)
  • आधा टी स्पून काली मिर्च

बनाने की तरीका -

  • सबसे पहले पानी को गर्म कर लें.
  • फिर इसमें हल्दी पाउडर, काली मिर्च व दालचीनी डालकर उबाल लें.
  • इसके बाद पानी को छानकर 10-15 मिनट के लिए रख दें.
  • अब इसमें शहद डालकर सेवन करें.

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आयुर्वेद में हल्दी को सुरक्षित माना गया है, लेकिन इसके अधिक सेवन से निम्न प्रकार के दुष्प्रभाव नजर आ सकते हैं -

  • अगर हल्दी की चाय को अधिक मात्रा में पिया जाए, तो अपच जैसी समस्या हो सकती है.
  • इसकी अधिक मात्रा लिवर टॉक्सिटी का कारण भी बन सकती है.
  • कुछ लोगों को छाती में जकड़न जैसी परेशानी महसूस हो सकती है.
  • संवदेनशील लोगों को स्किन रैशेज की समस्या भी हो सकती है.

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इस लेख से यह तो स्पष्ट होता है कि हल्दी की चाय स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद है. इसका सेवन करने से न सिर्फ गठिया की समस्या से आराम मिल सकता है, बल्कि अपच व अल्जाइमर जैसी समस्या को भी कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है. साथ ही हम यहां स्पष्ट कर दें कि संभव है कि हल्दी की चाय हर किसी को सूट न करे, इसलिए इसे पीने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें.

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