बलैंटिडायसिस - Balantidiasis in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

December 14, 2020

April 12, 2021

बलैंटिडायसिस
बलैंटिडायसिस

बलैंटिडायसिस आंत से संबंधित एक दुर्लभ संक्रमण है जो कि बालैंटिडियम कोलाई परजीवी के कारण होता है। बालेंटिडियम कोलाई, एक सिंगल सेल परजीवी (सिलियेट प्रोटोजोएन) है, जो अक्सर सूअरों को संक्रमित करता है। लेकिन कुछ ऐसे अवसर (दुर्लभ स्थिति में) भी होते हैं जब यह मनुष्यों को संक्रमित करता है। नैशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर रेयर डिजीज (एनओआरडी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक बलैंटिडायसिस से संक्रमित कुछ लोगों में इस बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं या फिर डायरिया और पेट खराब होने जैसे मामूली लक्षण नजर आते हैं। जबकि कुछ लोग संक्रमण से जुड़े गंभीर लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं, जैसे कि आंत में गंभीर सूजन होना। बलैंटिडायसिस के लक्षण अन्य संक्रमणों जैसे अमेबिक डिसेन्ट्री की तरह ही हो सकते हैं जो आंत में सूजन का कारण बनते हैं।

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बलैंटिडायसिस के लक्षण - Balantidiasis Symptoms in Hindi

बलैंटिडायसिस से संक्रमित अधिकांश रोगियों में लक्षण बहुत हल्के या नजर ही नहीं आते हैं। कुछ लोगों में असामान्य रूप से गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जैसे

इस तरह की स्थिति में शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिसे डिहाइड्रेशन कहते हैं। इसके अलावा अत्यधिक थकावट भी हो सकती है। खासकर अगर बालेंटिडियम कोलाई आंतों के लेयर पर अटैक करता है तो इससे सूजन होती है और संभावित रूप से उस हिस्से में छाले पड़ सकते हैं। साथ ही बहुत गंभीर मामलों में छाले बड़े और गहरे हो सकते हैं, जो आंतों की दीवार को पंक्चर कर सकते हैं। इसके चलते पेरिटोनियम में गंभीर सूजन हो सकती है। कभी-कभी, अल्सर फेफड़ों की कार्यक्षमता को भी कम कर सकता है।

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बलैंटिडायसिस के कारण - Balantidiasis Causes in Hindi

जैसा कि बताया गया है कि बलैंटिडायसिस एक दुर्लभ संक्रामक बीमारी है जो कि बालेंटिडियम कोलाई के कारण होती है। यह पैरासाइट सीधे तौर पर मनुष्यों में ट्रांसफर हो सकते है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्यक्ष रूप से सूअर के मल के संपर्क में आने या अप्रत्यक्ष रूप से दूषित पानी पीने से व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। इसके साथ पोषण की कमी, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और अन्य बीमारियों के चलते किसी व्यक्ति में इस बीमारी के अति गंभीर लक्षण नजर आ सकते हैं।

बलैंटिडायसिस का निदान - Diagnosis of Balantidiasis in Hindi

सीडीसी के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति के स्टूल सैंपल (मल का नमूना) में या एंडोस्कोपी के दौरान इकट्ठा किए गए ऊतक में ट्रोफोजोइट्स (परजीवी) का पता लगाया जाता है। पैरासाइट के फॉर्म्ड स्टूल (मुलायम, फूले हुए सॉसेज के आकार का मल) में मिलने की संभावना अधिक होती है। बालेंटिडियम कोलाई रुक-रुककर शरीर से बाहर निकलते हैं और एक बार गुदा से बाहर आने के बाद तेजी से नष्ट होने लगते हैं। इसलिए मल के नमूनों को बार-बार लिया जाना चाहिए। साथ ही परजीवी की पहचान के लिए तुरंत जांच की जाना चाहिए। इसके अलावा परजीवी की जांच के लिए सैंपल को संरक्षित भी किया जा सकता है।

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बलैंटिडायसिस का इलाज - Balantidiasis Treatment in Hindi

बलैंटिडायसिस के उपचार के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक दवा टेट्रासाइक्लिन है। वहीं, किसी प्रकार के रिएक्शन (उदारण के तौर पर एलर्जी) से बचाने के लिए टेट्रासाइक्लिन दवा की जगह आयोडोक्विनॉल या मेट्रोनायडेजोल दवा दी जा सकती है। हालांकि, बालैंटिडायसिस से संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट करने की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन, संक्रमित व्यक्तियों को ऐसी जगह पर मल त्यागना चाहिए, जहां वो पीने के पानी या खाद्य आपूर्ति के संपर्क में न आएं।

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बलैंटिडायसिस का अधिक प्रभाव और बचाव

बलैंटिडायसिस एक दुर्लभ संक्रमण है जो पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है। एनओआरडी के मुताबिक यह बीमारी आमतौर पर ब्राजील, न्यू गिनी और दक्षिणी ईरान जैसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों मुख्यत: होती है। सीडीसी ने अपने सुझाव में बचाव संबंधी कुछ उपायों का जिक्र किया है। इसमें बताया गया है कि प्रभावित उष्णकटिबंधीय देशों की यात्रा करते समय, साफ-सफाई के नियमों का पालन करके बालेंटिडियम कोलाई संक्रमण को रोका जा सकता है। इसके साथ ही सभी फलों और सब्जियों को खाने से पहले साफ पानी से अच्छी तरह से धोएं।