स्पेन में कोविड-19 के कुछ गंभीर मरीजों पर सेल्युलर थेरेपी के इस्तेमाल के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। खबर के मुताबिक, स्पेन के कुछ मेडिकल संस्थानों के विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित हुए 13 मरीजों पर यह थेरेपी आजमाई थी। कोविड-19 के इन मरीजों की हालत इतनी खराब थी कि उन्हें वेंटिलेटर पर लिटाकर नली की मदद से ऑक्सीजन दी जा रही थी। दावा है कि सेल्युलर थेरेपी से न सिर्फ इन मरीजों की हालत सुधार हुआ, बल्कि इनके इम्यून सिस्टम की क्षमता में भी बढ़ोतरी देखने को मिली।
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कोरोना वायरस के खिलाफ विशेष रूप से तैयार की गई इस नई सेल्युलर थेरेपी से जुड़ा शोध 'दि लांसेट ईक्लीनिक मेडिसिन' में प्रकाशित किया गया है। इसमें कहा गया है कि सेल्युलर थेरेपी से कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों में मृत्यु दर 85 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक की जा सकती है। स्पेन की मिगुएल हर्नांडेज यूनिवर्सिटी (यूएमएच) के प्रोफेसर और वहां के एलीकांटे शहर स्थित हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता बरनैत सोरिया ने 2003 में सामने आए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-1 से फैली बीमारी सार्स के बाद सेल्युलर थेरेपी पर काम करना शुरू किया था। उस दौरान उन्होंने मरीजों की बायोप्सी में जाना था कि उनके फेफड़ों में तेजी से किसी चीज (वायरस) ने घुसपैठ की है।
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लेकिन नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के संक्रमण के प्रभाव इससे काफी ज्यादा हैं। इस वायरस के चलते शरीर के कई हिस्सों में सूजन हो जाती है, टिशू क्षतिग्रस्त होते हैं, ब्लड क्लॉटिंग की समस्या देखने में आती है और फेफड़ों की हालत तेजी से बिगड़ती है। ऐसे में प्रोफेसर बोरिया और उनके एक अन्य साथी ने स्टेम सेल्स (मूल कोशिका) की मदद से इस एडवांस थेरेपी को तैयार किया। आईसीयू में भर्ती कोरोना मरीजों पर इस नई सेल्युलर थेरेपी के इस्तेमाल के बाद परिणामों की तुलना करने पर पता चला कि मरीजों पर इसके विपरीत प्रभाव नहीं पड़े थे और उनकी हालात में (क्लिनिकल तथा रेडियोलॉजिकल) सुधार देखने को मिला था।
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बताया गया है कि ट्रायल के बाद जब उससे जुड़ा डेटा इकट्ठा किया जा रहा था, उसी दौरान ज्यादातर मरीजों के शरीर से नली निकाल ली गई थी। उनके शरीर के अंगों में आई सूजन, रक्त जमाव और क्षतिग्रस्त टिशू में भी कमी आई थी। बाद में यह भी पता चला कि थेरेपी से मरीजों के इम्यून सिस्टम की महत्वपूर्ण लिम्फोसाइट सेल्स की संख्या भी कम नहीं हुई थी, बल्कि सबसे जरूरी रोग प्रतिरोधक कोशिका टी लिम्फोसाइट (जो वायरस पर सीधा हमला करती है) और बी लिम्फोसाइट (जो एंटीबॉडी पैदा करती है) की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली थी। इन परिणामों के सामने आने के बाद स्पेन के कुछ और अस्पताल और मेडिकल संस्थान आगे के अध्ययन के लिए इस प्रोजेक्ट में शामिल हो गए हैं।
उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: सेल्युलर थेरेपी से कोविड-19 के मरीजों की हालत में सुधार- स्टडी है
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- Anovate Cream - ₹140
- Pilo GO Cream - ₹80
- Covifor Injection - ₹3780
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- Fabiflu 400 Tablet - ₹856
- Fabiflu (Favipiravir) 400 Mg Tablet - ₹1224
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- Remdesivir Injection - ₹10500
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- Nirmatrelvir - ₹5000
- Molnupiravir 200 Mg Capsule - ₹1400
- Covihalt 200 Tablet - ₹465
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