हेपेटाइटिस बी एक लिवर संक्रमण है, जो हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) के कारण होता है. यह वायरस खून व वीर्य के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाता है. इस दौरान व्यक्ति को पेट में दर्द, गहरे रंग का पेशाब, जी मिचलाना, उल्टी व त्वचा या आंखों का रंग पीला होना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं. हेपेटाइटिस बी ठीक नहीं हो सकता है, लेकिन शुरुआत में उपचार से स्थिति को कंट्रोल जरूर किया जा सकता है.

आप यहां दिए ब्लू लिंक पर क्लिक करके फैटी लिवर का आयुर्वेदिक इलाज जान पाएंगे.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि हेपेटाइटिस बी का उपचार संभव है या नहीं -

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस बी टेस्ट)

  1. हेपेटाइटिस बी का इलाज क्या है?
  2. क्या हेपेटाइटिस बी को होने से रोका जा सकता है?
  3. सारांश
क्या हेपेटाइटिस बी ठीक हो सकता है? के डॉक्टर

हेपेटाइटिस बी का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन ऐसे कई उपचार हैं, जो इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं. फिलहाल, हेपेटाइटिस बी के इलाज पर कई शोध चल रहे हैं, ताकि वायरस को बढ़ने से रोका जा सके. हेपेटाइटिस का इलाज इसके स्टेज पर निर्भर करता है. शुरुआत में जब हेपेटाइटिस बी के लक्षण नजर आते हैं, तो डॉक्टर ऐसे में इम्युनोग्लोबुलिन नामक दवा दे सकते हैं. यह वायरस के खिलाफ तेजी से काम करता है. वायरस के संपर्क में आने के 48 घंटे के अंदर इसका सेवन किया जा सकता है. हेपेटाइटिस बी का इलाज इसके दो प्रकारों यानी एक्यूट और क्रोनिक के आधार पर होता है -

एक्यूट हेपेटाइटिस बी

एक्यूट हेपेटाइटिस बी के लिए कोई उपचार उपलब्ध नहीं है. अधिकतर मामलों में शरीर एक्यूट हेपेटाइटिस से खुद ही लड़ने में सक्षम होता है. इसके लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स मरीज को आराम करने देने की सलाह देते हैं. साथ ही शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए ढेर सारा तरल पदार्थ लेने को कहते हैं. अगर लक्षण गंभीर हो रहे हैं, तो बिना देरी किए डॉक्टर से मिलना चाहिए. लिवर को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए डॉक्टर एंटीवायरल दवाइयां दे सकते हैं. साथ ही निम्न बातों का पालन करने के लिए कह सकते हैं -

  • ठंडे वातावरण में रहें.
  • खुजली होने पर ठंडे पानी से नहाएं.
  • पेट दर्द के लिए पेरासिटामोल और इबूप्रोफेन जैसे पेन किलर लें.
  • डाइट में तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ाएं.

इसके बाद डॉक्टर नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करने की सलाह देते हैं, ताकि इसे क्रोनिक हेपेटाइटिस में विकसित होने से रोका जा सके. 

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस का आयुर्वेदिक इलाज)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Yakritas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को लिवर से जुड़ी समस्या (फैटी लिवर, पाचन तंत्र में कमजोरी) में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Liver Detox Tablets
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें

क्रोनिक हेपेटाइटिस बी

एक्यूट की तरह क्रोनिक हेपेटाइटिस बी के लिए भी कोई उपचार उपलब्ध नहीं है. क्रोनिक हेपेटाइटिस बी वाले लोगों में सिरोसिसलिवर फेलियर या लिवर कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. इस दौरान रोगी को निम्न प्रकार की एंटीवायरल दवाइयां दी जा सकती हैं -

एंटीवायरल दवाइयां हेपेटाइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं. साथ ही लिवर को क्षतिग्रस्त होने से रोकने में भी मदद कर सकती हैं. रक्त में वायरस और लिवर स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए डॉक्टर हर 6 महीने में ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं. इसके आधार पर दवा की खुराक में बदलाव कर सकते हैं. गंभीर मामलों में कुछ रोगियों को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत हो सकती है.

हेपेटाइटिस बी को कुछ सावधानियां बरतकर आसानी से रोका जा सकता है. हेपेटाइटिस बी अक्सर यौन संपर्क व संक्रमित सुइयों के माध्यम से फैलता है. हेपेटाइटिस बी विकसित करने या दूसरों को वायरस फैलाने के जोखिम को निम्न प्रकार से कम किया जा सकता है -

  • सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें.
  • ऐसी व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा न करें, जिनमें खून लगा हो, जैसे - रेजर या टूथब्रश.
  • सूई या सीरिंज भी शेयर न करें.
  • हेपेटाइटिस बी की जांच के लिए रेगुलर टेस्ट करवाएं.

हेपेटाइटिस बी का टीका हेपेटाइटिस बी को रोकने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है. इसे आमतौर पर हर 6 महीने में तीन खुराक में दिया जाता है. हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए शिशुओं को जन्म के समय टीके की पहली खुराक मिलती है. सभी डाॅक्टर ये सलाह देते हैं कि 19 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को हेपेटाइटिस बी का टीका लगाना जरूरी है. वयस्क भी हेपेटाइटिस बी का टीका लगवा सकते हैं.

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस की होम्योपैथिक दवा)

हेपेटाइटिस बी का संपूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाइयां इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं. समय पर उपचार लेने से सिरोसिस या लिवर डैमेज के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है. अगर हेपेटाइटिस बी है, तो रक्त में वायरस की जांच करने के लिए नियमित रूप से टेस्ट करवाएं. इससे लिवर को डैमेज होने से बचाया जा सकता है. हेपेटाइटिस बी के जोखिम को कम करने के लिए सबसे कारगर तरीका वैक्सीन लगाना है. अगर हेपेटाइटिस बी के लक्षण नजर आ रहे हैं और टीका नहीं लगाया गया है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस बी में क्या खाना चाहिए)

Dr. Paramjeet Singh

Dr. Paramjeet Singh

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Nikhil Bhangale

Dr. Nikhil Bhangale

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr Jagdish Singh

Dr Jagdish Singh

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
12 वर्षों का अनुभव

Dr. Deepak Sharma

Dr. Deepak Sharma

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
12 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें