वीर्य यानि सीमेन एक गाढ़ा फ्लूइड होता है. जब पुरुष सेक्स/मास्टरमेशन या उत्तेजना के दौरान इजैकुलेट करते हैं, तब उनके पेनिस से निकलता है. हर बार इजैकुलेशन के दौरान पेनिस से लगभग 100 मिलियन स्पर्म सेल्स रिलीज होते हैं. वहीं, आज के दौर में कई कारणों से पुरुषों में सीमेन की कमी की समस्या बढ़ती जा रही है. सीमेन की कमी होने से पुरुष के लिए पिता बनना मुश्किल हो सकता है.

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बढ़ती उम्र, अल्कोहल का सेवन, सेक्स से जुड़े कारक, नर्व्स डैमेज और कुछ दवाइयों के सेवन के कारण ये समस्या हो सकती है. इसे पेल्विक मसल एक्सरसाइज, साइकोथेरपी और कुछ मेडिसिन की मदद से ठीक किया जा सकता है.

आज इस लेख में जानेंगे कि सीमेन की कमी के लक्षण, कारण व इलाज क्या हैं -

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वीर्य क्या है? - What is Semen in Hindi

यह एक प्रकार का पदार्थ है, जो ऑर्गेज्म के समय पुरुष के पेनिस से बाहर आता है. इसमें स्पर्म होते हैं, जो रिप्रोडक्टिव सेल्स होते हैं. स्पर्म के आगे के सिरे में महिला के अंडे को निषेचित करने के लिए आनुवंशिक सामग्री (डीएनए) होते है. वहीं, स्पर्म में पीछे की तरफ पूंछ होती है, जो उसे महिला के प्रजनन सिस्टम में अंडे तक पहुंचने में मदद करती है. इस सीमेन के कारण ही महिला के लिए गर्भधारण करना आसान होता है.

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वीर्य की कमी के लक्षण - Hypospermia Symptoms in Hindi

पुरुषों में सीमेन का वॉल्यूम 1.5ml से 5ml के बीच होता है. अगर किसी पुरुष के सीमेन का वॉल्यूम 1.5ml से कम है, तो इस अवस्था को हाइपोस्पर्मिया कहते हैं. सीमेन की कमी होने से पुरुष को पिता बनने में समस्या आती है. इसके अलावा, कुछ अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं.

सीमेन की कमी के कारण सेक्स करने की इच्छा कम हो सकती है. वहीं, हार्मोंस असंतुलित हो सकते हैं और साथ ही टेस्टिकल्स में दर्द का भी एहसास हो सकता है. आइए, जानते हैं कि सीमेन की कमी के लक्षण क्या-क्या होते हैं -

  • सेक्स से जुड़ी क्रिया के साथ समस्याएं, जैसे कि यौन इच्छा की कमी या इरेक्शन को बनाए रखने में कठिनाई का अनुभव करना. 
  • टेस्टिकल्स से जुड़ी समस्याएं, जैसे - सीमेन की कमी के कारण टेस्टिकल्स में सूजन या दर्द हो सकता है.
  • चेहरे व शरीर के बालों में कमी, साथ ही क्रोमोसोमल या हार्मोन असामान्यताओं के अन्य लक्षण दिख सकते हैं.

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वीर्य की कमी के कारण - Hypospermia Causes in Hindi

प्रत्येक पुरुष में सीमेन की मात्रा अलग-अलग होती है, लेकिन इसमें कमी बढ़ती उम्र, अल्कोहल का सेवन, प्रोस्टेट की स्थिति या नर्व्स डैमेज के कारण हो सकती है. आइए, विस्तार से जानते हैं कि आखिर किन कारणों से सीमेन की मात्रा में कमी आने लगती है -

उम्र

उम्र का असर उन मांसपेशियों पर पड़ता है, जो शरीर से सीमेन को बाहर निकालती हैं. इन मांसपेशियों के कमजोर होने पर इजैकुलेशन फोर्स में कमी आ सकती है. वहीं, एक अच्छी सेक्स लाइफ एंड्रोजन नामक मेल हार्मोन पर निर्भर करती है. जैसे-जैसे पुरुष की उम्र बढ़ती है, इन हार्मोन का स्तर कम होता जाता है. स्तरों में अहम गिरावट कमजोर ऑर्गेज्म को जन्म दे सकती है और सीमेन की कमी का कारण बन सकती है. 

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शराब

अल्कोहल के सेवन से पेनिस में ब्लड का फ्लो कम हो सकता है और नर्व्स सिस्टम पर दबाव पड़ सकता है. इस कारण यौन उत्तेजना में कमी आ सकती है और सेक्स के दौरान सीमेन की मात्रा कम हो सकती है.

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साइकोलॉजिकल कारक

कुछ मामलों में साइकोलॉजिकल कारण भी सीमेन की मात्रा में कमी हो सकती है, जो निम्न प्रकार से है -

  • डिप्रेशन से जुड़ा इतिहास
  • पार्टनर के प्रति आकर्षण में बदलाव
  • पहले कभी साइकोलॉजिकल ट्रॉमा का सामना किया हो

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प्रोस्टेट की स्थिति

कभी-कभी बढ़े हुए प्रोस्टेट या प्रोस्टेट कैंसर के कारण भी सीमेन का फ्लो प्रभावित हो सकता है. इसके साथ ही जो पुरुष प्रोस्टेट सर्जरी से गुजरे हों और अगर सर्जरी के दौरान उनका नर्व्स डैमेज हुआ हो, तो इस कारण भी सीमेन में कमी का अनुभव कर सकते हैं.

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सेक्सुअल कारण

सेक्स पोजीशन भी सेक्स की इंटेंसिटी को प्रभावित कर सकती है. इससे सीमेन के फ्लो पर प्रभाव पड़ता है.

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मेडिसिन

कुछ दवाएं भी सीमेन की कमी का कारण बन सकती हैं, जो इस प्रकार से हैं -

  • एंटीडिप्रेसेंट, विशेष रूप से सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर
  • एंटीसाइकॉटिक
  • हाई बीपी के इलाज के लिए बीटा-ब्लॉकर्स व अन्य दवाएं
  • मांसपेशियों को आराम देने वाली मेडिसिन 
  • पावरफुल एनाल्जेसिक, जैसे मेथाडोन

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वीर्य की कमी का इलाज - Hypospermia Treatment in Hindi

सीमेन की कमी का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि यह किस कारण हुआ है. हालांकि, कुछ दवाओं के साथ-साथ पेल्विक मसल एक्सरसाइज और साइकोथेरेपी की मदद से सीमेन की कमी का इलाज हो सकता है. आइए, सीमेन की कमी के इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं -

पेल्विक मसल एक्सरसाइज

डॉक्टर कुछ मामलों में सीमेन की कमी का सामना करने वाले पुरुषों को कीगल एक्सरसाइज या किसी अन्य प्रकार की पेल्विक मसल एक्सरसाइज करने की सलाह दे सकते हैं. दअरसल, इजैकुलेशन को कंट्रोल करने वाली मांसपेशियों को इन वर्कआउट से मजबूत किया जा सकता है.

इजैकुलेशन के दौरान, पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां पेनिस से सीमेन को बाहर निकालने के लिए सिकुड़ जाती हैं. उन मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज करने से इजैकुलेशन की समस्या में मदद मिल सकती है.

इस तरह की एक्सरसाइज उन लोगों के लिए विशेष रूप से प्रभावी हो सकती हैं, जो उम्र बढ़ने के कारण इजैकुलेशन की समस्याओं का सामना कर रहे हैं. कीगल एक्सरसाइज के दौरान पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां टाइट व रिलीज होती हैं.

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साइकोथेरपी

सेक्सुअल फंक्शन एक कॉम्प्लेक्स प्रक्रिया है, जिसमें ब्रेन और नर्व्स सिस्टम सहित शरीर में कई ऑर्गन शामिल होते हैं. बायोलॉजिकल इश्यू के अलावा साइकोलॉजिकल कारक भी किसी व्यक्ति के सेक्सुअल हेल्थ और सेक्सुअल फंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. ऐसे में इससे निजात पाने के लिए कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी को प्रभावी माना जाता है.

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दवाएं

सीमेन की कमी के इलाज के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा कोई अप्रूव्ड दवा नहीं है. हालांकि, सेक्स से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए कई दवाओं का उपयोग किया जाता है, जो सेक्सुअल फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं. इनमें से कुछ दवाओं का इस उद्देश्य के लिए ऑफ-लेबल उपयोग किया जाता है -

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सारांश – Summary

बढ़ती उम्र के पुरुषों में वीर्य यानि सीमेन की कमी एक आम समस्या है, लेकिन वर्तमान में कम उम्र के पुरुष भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं. सीमेन की कमी के कारण अल्कोहल का अधिक सेवन, साइकोलॉजिकल कारण, प्रोस्टेट सर्जरी या फिर सेक्सुअल कारण और कुछ मेडिसिन हो सकती है. अच्छी बात ये है कि साइकोथेरेपी, कीगल या पेल्विक मसल एक्सरसाइज के साथ-साथ कुछ दवाइयों की मदद से भी इस स्थिति का इलाज हो सकता है.

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