किडनी में पथरी का निर्माण यूरिन में मौजूद केमिकल्स से होता है. कैल्शियम ऑक्सालेट, यूरिक एसिड, स्ट्रुवाइट और सिस्टीन को किडनी स्टोन के रूप माना गया हैं. गुर्दे में पथरी का निर्माण शरीर में पानी या तरल पदार्थ की कमी, पोषण संबंधी समस्याएं या फिर किसी तरह की मेडिकल हिस्ट्री के चलते होता है.

कुछ किडनी स्टोन के आकार छोटे हो सकते हैं और वे मूत्र मार्ग से अपने आप बाहर आ जाते हैं. वहीं, कुछ गोल्फ की गेंद के आकार तक बढ़े हो सकते हैं. ऐसे में अगर किडनी स्टोन की ओर ध्यान न दिया जाए, तो कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

आज इस लेख में हम किडनी स्टोन से होने वाली समस्याओं के बारे में ही बात करेंगे -

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  1. किडनी स्टोन से होने वाली समस्याएं
  2. सारांश
किडनी स्टोन से होने वाली परेशानी के डॉक्टर

किडनी स्टोन से क्रोनिक किडनी डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है. अगर एक बार स्टोन हो जाता है, तो बार-बार स्टोन होने का खतरा बना रहता है. जिन लोगों को एक बार ये समस्या हुई है, उन्हें 5-7 साल के अंदर फिर से स्टोन होने का जोखिम लगभग 50% होता है. अगर इस ओर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो आगे चलकर ये कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है. आइए, किडनी स्टोन से होने वाली समस्याओं के बारे में विस्तार से जानते हैं -

रुकावट

किडनी स्टोन रेत के दाने जितनी छोटी या गोल्फ की गेंद जितनी बड़ी हो सकती है. ये पथरी आमतौर पर सुनहरे या भूरे रंग की होती है और चिकनी या दांतेदार हो सकती है. अगर मूत्र मार्ग में बड़े आकार का स्टोन फंस जाए, तो यह यूरिन के फ्लो को बाधित कर सकता है, जो तेज दर्द का कारण बन सकता है.

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किडनी इंफेक्शन

मूत्र मार्ग में आई रुकावट वेस्ट मटीरियल को आसानी से बाहर नहीं निकलने देती है. इससे मूत्र मार्ग में इंफेक्शन हो सकता है. खासकर, सेप्सिस जैसे इंफेक्शन घातक होते हैं, क्योंकि इससे रक्त बैक्टीरिया से संक्रमित होता है और ब्लड पॉइजनिंग होने की आशंका रहती है.

यूरेटर का चोटिल होना

यूरेटर एक डक्ट है, जो किडनी को ब्लैडर से जोड़ता है. किडनी में पथरी होने पर यूरेटर में स्टोन पार्टिकल्स जमा हो सकते हैं. ये स्टोन पार्टिकल्स नुकीले किनारों वाले ठोस क्रिस्टल स्ट्रक्चर होते हैं. जब ये यूरेटर से गुजरते हैं, तो उसे चोट पहुंचाते हैं और ब्लीडिंग का कारण बन सकते हैं.

(और पढ़ें - किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज)

किडनी को नुकसान

किडनी स्टोन से किडनी को स्थायी रूप से नुकसान हो सकता है. यह यूरिन और किडनी इंफेक्शन की आशंका को बढ़ा सकता है, नतीजतन कीटाणु ब्लड स्ट्रीम में फैल सकते हैं.

(और पढ़ें - पथरी का दर्द कहाँ होता है)

हेमट्यूरिया

किडनी स्टोन से पीड़ित अधिकांश व्यक्तियों के यूरिन से ब्लड आता है, जिसे मेडिकल भाषा में "हेमट्यूरिया" कहा जाता है. हालांकि, इस स्थिति में यूरिन में रक्त दिखाई नहीं देता है, क्योंकि यह इतनी कम मात्रा में होता है कि इसे आंखों से देखना मुश्किल है. इस समस्या की जांच केवल एक लैब टेस्ट या माइक्रोस्कोप टेस्ट के जरिए की जा सकती है.

(और पढ़ें - किडनी स्टोन की होम्योपैथिक दवा)

सेप्टिसीमिया

सेप्टिसीमिया यानि ब्लड पॉइजनिंग सहित सीरियस इंफेक्शन होना. इसमें बैक्टीरिया के कारण विष खून में मिलकर पूरे शरीर में फैल जाता है. ये अवस्था मृत्यु तक का कारण बन सकती है. इससे शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं.

किडनी स्टोन एक आम समस्या है. किडनी में पथरी का निर्माण नमक और मिनरल के मिलने से होता है, जो किडनी में बनता है और यूरिनरी सिस्टम के अन्य भागों में जा सकता है. खान-पान की गलत आदत, मोटापा और गतिहीन जीवनशैली किडनी में पथरी बनने का कारण बनती है. स्टोन के कारण दर्द, यूरिन पास करने में परेशानी, जी मिचलाना और उल्टी जैसे लक्षण होते हैं. कुछ स्टोन अपने आप निकल जाते हैं, तो कुछ को सर्जरी की मदद से निकाला जाता है. अगर इसके इलाज की ओर ध्यान न दिया जाए, तो कई अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं.

(और पढ़ें - किडनी इंफेक्शन का आयुर्वेदिक उपचार)

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