​पोरफाइरिया क्या है?

पोरफाइरिया (Porphyria) कई अनुवांशिक रक्त विकारों का एक समूह है। इस विकार में व्यक्ति के रक्त में हिमोग्लोबिन का तत्व हिमी नहीं बन पाता है। हिमी आयरन से जुड़े पोरफाइरिन (Porphyrin) से बनता है। हिमी लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है। इसके साथ ही हिमी हृदय और हड्डियों से जुड़ी मांसपेशियों के प्रोटीन (मायोग्लोबिन) में पाया जाता है। 

हिमी को बनाने के लिए शरीर में कई तरह की प्रक्रियाएं होती हैं। हालांकि पोरफाइरिया होने पर व्यक्ति के शरीर में इस प्रक्रिया को पूरा करने वाले एंजाइम की कमी होने लगती है, इसकी वजह से ऊतकों और रक्त में पोरफाइरिन जमा होने लगता है और व्यक्ति को कई तरह की हल्की व गंभीर समस्याएं होने लगती हैं। 

पोरफाइरिया कई प्रकार का होता है, जिसको दो भाग हेप्टिक (hepatic) और इरीर्थ्रोपोइटिक (erythropoietic) में विभाजित किया जाता है। 

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 ​पोरफाइरिया के लक्षण क्या हैं?

पोरफाइरिया के लक्षण उसके प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। इस समस्या सभी प्रकार में व्यक्ति को पेट में तेज दर्द महसूस होता है। साथ ही रोगी की पेशाब का रंग लाल और भूरे रंग का होने लगता है। यह पोरफाइरिन बनने और उसके दुष्प्रभावों के कारण होता है। 

हेप्टिक से जुड़े लक्षण हैं -

इरीर्थ्रोपोइटिक से जुड़े लक्षण हैं -

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​पोरफाइरिया क्यों होता है? 

हिमी के बनने में समस्या पोरफाइरिया के लगभग सभी प्रकार का मुख्य कारण होती है। हिमी रक्त का एक तत्व है। हिमी रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं का प्रोटीन होता है, जो ऑक्सीजन को फेफड़ों से अन्य अंगों तक पहुंचाता है। इसमें आयरन मौजूद होता है, जो रक्त को लाल रंग प्रदान करता है। हिमी का उत्पादन लीवर और अस्थि मज्जा में होता है और इसमें कई तरह के एंजाइम्स शामिल होते हैं। 

पोरफाइरिया ज्यादातर प्रकार अनुवांशिक होते हैं। जब माता-पिता में से किसी भी एक के बदले हुए जीन बच्चे के शरीर में पहुंचते हैं, तो यह समस्या हो जाती है। माता-पिता से बच्चे को होने वाला पोरफाइरिया का जोखिम उसके प्रकार पर निर्भर करता है।

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​पोरफाइरिया​​ का इलाज कैसे होता है?

पोरफाइरिया के लिए इलाज उपलब्ध नहीं है। लेकिन इसके उपचार में समस्या के लक्षणों को कम किया जाता है। 

हेप्टिक रोग के इलाज में शामिल हैं- 

इरीर्थ्रोपोइटिक के इलाज में निम्न तरीके और दवाएं शामिल की जाती हैं- 

  • एनीमिया के लिए आयरन सप्लीमेंट,
  • खून चढ़ाना
  • अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण, अादि।  

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