तनाव आजकल की आम समस्या बन गई है. तनाव में रहना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन तनाव सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों का जोखिम कारक हो सकता है. तनाव अनिद्रा, डायबिटीजथायराइड जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है. इतना ही नहीं तनाव पाचन तंत्र को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है. जी हां, तनाव में रहने पर पाचन तंत्र में गड़बड़ी हो सकती है. इस स्थिति में आंतें कमजोर पड़ सकती हैं, जिससे गैसकब्ज आदि की समस्याएं होने शुरू हो सकती हैं. इतना ही नहीं तनाव की वजह से आंतों में सूजन भी आ सकती है.

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आज इस लेख में आप तनाव और पाचन तंत्र में संबंध के बारे में विस्तार से जानेंगे -

(और पढ़ें - तनाव के घरेलू उपाय)

  1. तनाव का पाचन तंत्र पर असर
  2. तनाव और पाचन तंत्र में संबंध
  3. तनाव और पाचन तंत्र को कैसे ठीक करें?
  4. सारांश
तनाव से पाचन तंत्र कैसे प्रभावित होता है? के डॉक्टर

तनाव, पाचन तंत्र के हर हिस्से को प्रभावित कर सकता है. दरअसल, आंतों को मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के सेंट्रल नर्वस सिस्टम द्वारा नियंत्रित किया जाता है. आंतों में नर्वस सिस्टम इतना प्रभावशाली होता है कि कुछ शोधकर्ता आंत को दूसरा मस्तिष्क मानते हैं. एंटरिक नर्वस सिस्टम  नर्व सेल्स के साथ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी मार्ग को अन्नप्रणाली से मलाशय तक ले जाता है. एंटरिक नर्वस सिस्टम भोजन को निगलने में मदद कर सकता है. साथ ही भोजन को तोड़ने के लिए एंजाइमों को रिलीज करता है. इसके साथ यह भोजन से प्राप्त पोषक तत्वों और अपशिष्ट पदार्थों को भी वर्गीकृत करने में मदद करता है.

वहीं, जब कोई व्यक्ति तनाव में रहता है, तो एंटरिक नर्वस सिस्टम अपने इस काम को सही तरीके से नहीं कर पाता है यानी तनाव एंटरिक नर्वस सिस्टम के काम को बाधित कर सकता है. इसका असर आंतों पर पड़ता है और पाचन तंत्र कमजोर पड़ने लगता है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इससे अधिक परेशान होना पड़ता है.

(और पढ़ें - तनाव दूर करने के लिए क्या खाएं)

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तनाव और पाचन तंत्र के बीच गहरा संबंध होता है. जब कोई व्यक्ति तनाव में रहता है, तो इसका असर व्यक्ति के पाचन तंत्र पर भी पड़ सकता है. लेकिन तनाव की वजह पाचन तंत्र कितना प्रभावित हो सकता है, यह तनाव के स्तर से पता लगाया जा सकता है -

शॉर्ट टर्म स्ट्रेस

कभी-कभार होने वाला तनाव भी पाचन तंत्र पर असर डाल सकता है. लेकिन यह पाचन को गंभीर रूप से प्रभावित नहीं करता है. अगर कभी-कभार तनाव होता है, तो इस स्थिति में पाचन धीमा हो सकता है और भूख कम लग सकती है.

(और पढ़ें - तनाव के लिए योग)

लॉन्ग टर्म स्ट्रेस

अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से तनाव में है, तो उसे कब्जडायरियाअपच या पेट की खराबी जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है. इस स्थिति में गंभीर कब्ज बन सकती है और पेट साफ होने में दिक्कत महसूस हो सकती है.

(और पढ़ें - काम के तनाव से कैसे बचें)

क्रोनिक स्ट्रेस

अगर कोई वर्षों से स्ट्रेस में रहे, तो इससे पाचन तंत्र बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है. इस स्थिति में पाचन से जुड़ी विभिन्न बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. क्रोनिक स्ट्रेस की वजह से इरिटेबल बाउल सिंड्रोम और जीआई डिसऑर्डर के लक्षणों से पीड़ित होना पड़ सकता है.

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तनाव के कम होते ही पाचन भी बेहतर होने लगता है. तनाव कम करने से आंतों की सूजन को भी कम करने में मदद मिल सकती है. इससे शरीर भोजन से पर्याप्त पोषक तत्वों को भी अवशोषित करने लगता है. तनाव और पाचन तंत्र को ठीक करने के उपाय -

योग करें

योग करने से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है. नियमित योग से पाचन भी मजबूत बनता है. रोजाना योग करने से स्ट्रेस भी कम होने लगेगा. साथ ही पाचन को ताकत मिलेगी, पाचन मजबूत बनेगा. इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के लक्षणों में भी कमी देखने को मिलेगी. तनाव को कम करने और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए रोजाना योग करना फायदेमंद हो सकता है.

(और पढ़ें - चिंता दूर करने के घरेलू उपाय)

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मेडिटेशन करें

मेडिटेशन तनाव और चिंता को कम करने में काफी मददगार साबित हो सकता है. इसके लिए किसी शांत वातावरण में बैठ जाएं. अब गहरी सांस लें और ध्यान लगाएं. फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ दें. रोजाना 5-10 मिनट मेडिटेशन करने से तनाव से राहत मिल सकती है. मेडिटेशन करने से बॉडी भी रिलैक्स होती है और पाचन बेहतर बनता है.

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प्रोबायोटिक्स खाएं

प्रोबायोटिक्स फूड्स आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. इससे आंतों का स्वास्थ्य बेहतर होता है. प्रीबायोटिक्स के लिए डाइट में शतावरीकेलालहसुन और प्याज आदि का सेवन कर सकते हैं. वहीं, प्रोबायोटिक्स के लिए दही भी ले सकते हैं. प्रोबायोटिक्स फूड्स खाने से पाचन तंत्र मजबूत बन सकता है, इससे गैस और कब्ज जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है.

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धूम्रपान और शराब से बचें

धूम्रपान तनाव का मुख्य कारण हो सकता है. इसके साथ ही धूम्रपान का असर पाचन तंत्र पर भी पड़ सकता है. इसलिए, तनाव को कम करने और पाचन तंत्र में सुधार करने के लिए धूम्रपान से पूरी तरह से परहेज करना जरूरी होता है. इसके साथ ही शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने से भी बचें.

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कभी-कभार तनाव में रहना सामान्य माना जाता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति अक्सर ही तनाव में रहता है, तो उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. खासकर, पाचन से जुड़ी समस्याएं. तनाव पाचन तंत्र को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है. तनाव की वजह से पाचन से जुड़ी सामान्य या गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए, अगर पाचन को बेहतर बनाए रखना है, तो इसके लिए तनाव मुक्त रहना जरूरी होता है. स्ट्रेस फ्री रहकर पाचन में सुधार किया जा सकता है.

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