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महिलाएं लंबे, काले और खूबसूरत बाल चाहती हैं. पुरुषों को भी घने बाल पसंद होते हैं. बालों का बढ़ना या झड़ना हेयर फॉलिकल पर निर्भर करता है यानी बालों के विकास में हेयर फॉलिकल अहम भूमिका निभाते हैं. आपको बता दें कि हेयर फॉलिकल स्किन के अंदर मौजूद कोशिकाओं से बने होते हैं. ये कोशिकाएं एक ट्यूब जैसी संरचना बनाती हैं. इससे बाल मजबूत बनते हैं, लेकिन जब हेयर फॉलिकल डैमेज होते हैं, तो बालों का झड़ना शुरू हो जाता है. साथ ही बालों के विकास की दर भी धीमी हो जाती है.

आप यहां दिए लिंक पर क्लिक करके जान पाएंगे कि हेयर फॉल का आयुर्वेदिक इलाज क्या है.

आज इस लेख में आप हेयर फॉलिकल के कार्य, संरचना और समस्याओं के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. हेयर फॉलिकल क्या है?
  2. हेयर फॉलिकल के काम
  3. हेयर फॉलिकल की संरचना
  4. हेयर फॉलिकल की समस्याएं
  5. सारांश
हेयर फॉलिकल : कार्य, संरचना व समस्याएं के डॉक्टर

हेयर फॉलिकल एक ट्यूब जैसी संरचना है. हेयर फॉलिकल स्किन के ऊपरी दो लेयर में मौजूद होते हैं. प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में 50 लाख से अधिक हेयर फॉलिकल्स होते हैं. इनमें से स्कैल्प पर 10 लाख से अधिक हेयर फॉलिकल होते हैं. उम्र बढ़ने पर बाल हेयर फॉलिकल से बाहर निकलने लगते हैं. यहीं वजह है कि किशोरावस्था से व्यक्ति के सिर के अलावा अंडरआर्म्स, प्राइवेट पार्ट्स और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी बाल दिखने लगते हैं, यानी हेयर फॉलिकल शरीर और सिर पर बालों को विकसित करने का काम करते हैं, लेकिन जब हेयर फॉलिकल डैमेज हो जाते हैं, तो हेयर फॉल होने लगता है. साथ ही बालों की ग्रोथ धीमी होने लगती है.

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हेयर फॉलिकल बालों को बढ़ने के लिए उत्तेजित करते हैं. इसके अलावा भी हेयर फॉलिकल के कई काम होते हैं, जो इस प्रकार हैं -

बालों को विकसित करना

हेयर फॉलिकल का मुख्य काम बालों को विकसित करना होता है. जब हेयर फॉलिकल उत्तेजित होते हैं, तो बालों का विकास तेजी से होने लगता है. हेयर फॉलिकल मजबूत बनते हैं, तो बालों का झड़ना रुक सकता है. साथ ही बालों की ग्रोथ भी अच्छी होती है, यानी बालों को बढ़ावा देने के लिए हेयर फॉलिकल का मजबूत होना जरूरी होता है.

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स्किन को रिपेयर करना

हेयर फॉलिकल का काम सिर्फ बालों का विकास करना नहीं होता है. ये डैमेज स्किन को भी रिपेयर करने में मदद कर सकते हैं. आपको बता दें कि हेयर फॉलिकल के भीतरी सेल्स घाव या चोट के बाद स्किन को ठीक करने में सहायता कर सकते हैं. ये सेल्स त्वचा के सबसे करीब होते हैं और जैसे ही चोट लगती है सेल्स स्किन को रिपेयर करने के लिए घाव की जगह ले लेते हैं. इससे त्वचा की चोट जल्दी ठीक हो सकती है.

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नई रक्त वाहिकाएं बनाएं

हेयर फॉलिकल नई रक्त वाहिकाएं बनाने का भी काम करते हैं. इसके अलावा, इनका काम नर्वस सिस्टम न्यूरॉन कोशिकाओं का निर्माण करना भी होता है. इसलिए, हेयर फॉलिकल का मजबूत होना जरूरी होता है.

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हेयर फॉलिकल लंबी ट्यूब की तरह दिखाई देते हैं. ये बालों को विकसित करने का काम करते हैं. साथ ही बालों को पकड़कर रखते हैं. इससे बालों का झड़ना रुकता है. हेयर फॉलिकल के ऊपर एक खुला छेद होता है, यहीं से बाल त्वचा से बाहर निकलते हैं और फिर धीरे-धीरे बढ़ते रहते हैं.

हेयर फॉलिकल त्वचा का ही हिस्सा होते हैं. इसलिए, हेयर फॉलिकल भी स्किन टोन के ही रंग के होते हैं. हेयर फॉलिकल का बालों के रंग से कोई संबंध नहीं होता है. आपको बता दें कि हेयर फॉलिकल शरीर के उन हिस्सों पर होते हैं, जहां बाल उगते हैं.

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जब हेयर फॉलिकल के साथ कोई समस्या होती है या फिर हेयर फॉलिकल कमजोर हो जाते हैं, तो बालों से जुड़ी कई समस्याएं विकसित हो सकती हैं. दरअसल, हेयर फॉलिकल के डैमेज होने पर बाल त्वचा से बाहर नहीं निकल पाते हैं. ऐसे में बालों का विकास चक्र धीमा हो जाता है. इसके अलावा भी कई समस्याओं से परेशान होना पड़ सकता है -

एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया

हेयर फॉलिकल में समस्या होने पर एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया हो सकता है. इसे पुरुष पैटर्न गंजापन के रूप में भी जाना जाता है. दरअसल, जब हेयर फॉलिकल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो बालों का विकास चक्र प्रभावित हो जाता है. इससे बालों के बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है. इस स्थिति में नए बालों का उत्पादन नहीं हो पाता है. बाल भी झड़ने लगते हैं. इससे गंजापन होने लगता है.

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फॉलिकुलाइटिस

फॉलिकुलाइटिस यानी हेयर फॉलिकल की सूजन. फॉलिकुलाइटिस होने पर त्वचा पर लाल, सफेद और पीले रंग के छोटे-छोटे छाले हो सकते हैं, इनमें मवाद हो सकता है. यह स्थिति खुजलीदार और पीड़ादायक हो सकती है. इस स्थिति में बाल शरीर के किसी भी हिस्से पर उग सकते हैं. 

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टेलोजन एफ्लूवियम

टेलोजेन एफ्लुवियम बालों के झड़ने का एक सामान्य कारण हो सकता है. यह वह स्थिति होती है, जिसमें हेयर फॉलिकल समय से पहले ही टेलोजन चरण में चले जाते हैं. इसकी वजह से बाल पतले होने लगते हैं और झड़ने शुरू हो जाते हैं. इसमें सिर पर पैच दिख सकते हैं. इसके अलावा, इस स्थिति में पैरों, आईब्रो और शरीर के अन्य हिस्सों से भी बाल झड़ने लग सकते हैं.

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हेयर फॉलिकल त्वचा के सबसे ऊपरी दो लेयर में होते हैं. ये बालों का उत्पादन करने का काम करते हैं, लेकिन जब हेयर फॉलिकल कमजोर या डैमेज होते हैं, तो बालों का विकास चक्र धीमा हो जाता है. साथ ही बाल पतले होकर झड़ने शुरू हो जाते हैं. इसलिए, अगर किसी के बाल झड़ने शुरू हो रहे हैं, तो इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें. ये स्थितियां हेयर फॉलिकल के डैमेज होने के कारण हो सकते हैं. डैमेज हेयर फॉलिकल गंजेपन का भी कारण बन सकते हैं. 

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