फॉर्मूला दूध को मां के दूध का विकल्प माना गया है, जिसे कमर्शियल तरीके से शिशुओं के पेट भरने और उन्हें न्यूट्रिशन देने के लिए तैयार किया गया है. कई बार मेडिकल कंडीशन की वजह से शिशु को मां का दूध नहीं मिल पाता है या कुछ मां अन्य परिस्थितियों की वजह से स्तनपान नहीं करा पाती हैं. इस स्थिति में बच्चे को पोषक तत्वों की पूर्ति फॉर्मूला दूध से होती है.

आज इस लेख में जानेंगे कि फॉर्मूला दूध क्या है और इसके फायदे व नुकसान क्या-क्या हैं -

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  1. फॉर्मूला मिल्क क्या है?
  2. फॉर्मूला दूध के फायदे
  3. फॉर्मूला दूध के नुकसान
  4. सारांश
फार्मूला मिल्क के फायदे व नुकसान के डॉक्टर

फॉर्मूला दूध में कुछ विटामिन और न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो स्तनपान करने वाले बच्चों को अपनी मां से मिलते हैं. फॉर्मूला दूध को स्टेराइल कंडीशन में तैयार किया जाता है. इसमें मां के दूध की तरह प्रोटीन, शुगर, फैट और विटामिन के कॉम्प्लेक्स कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें घर में तैयार करना संभव नहीं है. जिन शिशुओं को किसी कारणवश मां का दूध नहीं मिल पाता है, उनके लिए फॉर्मूला दूध जरूरी है.

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फॉर्मूला दूध को मां के दूध के विकल्प के तौर पर तैयार किया गया है और इसके कई फायदे भी हैं. शिशु को फॉर्मूला दूध पिलाने से हर समय मां को उपस्थित रहने की जरूरत नहीं पड़ती, कोई भी उसे बोतल में डालकर पिला सकता है. साथ ही यह काफी सुविधाजनक भी होता है. आइए विस्तार से फॉर्मूला दूध के फायदे के बारे में जानते हैं -

सुविधाजनक है फॉर्मूला दूध

मां या पिता या कोई अन्य व्यक्ति भी शिशु को कभी भी दूध पिला सकता है. इस तरह से मां को फीडिंग ड्यूटी से आराम मिलती है और पिता को भी शिशु के साथ ज्यादा समय बिताने को मिलता है. इससे शिशु की पिता के साथ भी बॉन्डिंग गहरी होती है. साथ ही मां को भी नींद पूरी कर लेने के लिए पर्याप्त समय मिलता है, जो ब्रेस्ट फीड कराने वाली मांओं के लिए संभव नहीं रहता है.

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फ्लेक्सिबल है फॉर्मूला दूध

बोतल में फॉर्मूला दूध डालकर कोई भी शिशु को दूध पिला सकता है. फॉर्मूला दूध पिलाने वाली मां बच्चे को पिता या किसी अन्य व्यक्ति के साथ भी छोड़ सकती है. वह निश्चित हो सकती है कि उसके बच्चे का ध्यान रखा जा रहा है. मां को ब्रेस्ट दूध पम्प करने या अन्य काम को शेड्यूल करने की जरूरत नहीं पड़ती है. इसके अलावा, फॉर्मूला दूध पिलाने वाली मां को पब्लिक में प्राइवेट जगह ढूंढने की जरूरत भी नहीं पड़ती.

फीड के समय में कमी

फॉर्मूला दूध को मां के दूध की तुलना में पचने में ज्यादा समय लगता है. परिणामस्वरूप फॉर्मूला दूध पीने वाले शिशु का पेट स्तनपान करने वाले शिशु के मुकाबले ज्यादा समय तक भरा रहता है.

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पर्याप्त डीएचए

बाजार में ऐसे कई फॉर्मूला मिल्क मौजूद हैं, जिनमें अच्छी मात्रा में डीएचए यानी डोकोसैक्सिनोइक एसिड मौजूद होता है. ये एसिड शिशु के मस्तिष्क के विकास व शारीरिक विकास के लिए जरूरी होता है.

मां को डाइट की चिंता नहीं

जो मां अपने बच्चे को फॉर्मूला दूध पिलाती हैं, उसे अपने खान-पान का विशेष ध्यान नहीं रखना पड़ता है. वे ये सोचे बिना कुछ भी खा-पी सकती हैं कि उनके खाने-पीने का असर उनके बच्चे पर पड़ेगा.

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फॉर्मूला दूध के कई फायदे हैं तो इसके कुछ नुकसान भी हैं. फॉर्मूला दूध में एंटी-बॉडीज कम रहते हैं, साथ ही इसमें ब्रेस्ट दूध की कॉम्प्लेक्सिटी भी नहीं होती है. आइए, विस्तार से फॉर्मूला दूध के नुकसान के बारे में जानते हैं -

फॉर्मूला दूध में एंटी-बॉडीज की कमी

मां के दूध में जो एंटी-बॉडीज पाई जाती हैं, वे फॉर्मूला दूध में नहीं होती हैं. इस तरह से देखा जाए, तो फॉर्मूला दूध शिशु को इंफेक्शन और बीमारी से बचाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा नहीं दे सकता है, जो क्षमता मां के दूध में होती है.

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फॉर्मूला दूध में कॉम्प्लेक्सिटी की कमी

फॉर्मूला दूध में मां के दूध की तरह कॉम्प्लेक्सिटी अभी तक नहीं हो पाई है, जो बच्चे की जरूरत के अनुसार अपने आप बदल जाती है.

फॉर्मूला दूध को ऑर्गनाइज करने की जरूरत

मां का दूध असीमित मात्रा में और सही तापमान पर हमेशा उपलब्ध रहता है, जबकि फॉर्मूला दूध को तैयार करने की जरूरत पड़ती है. इसके लिए योजना बनाने और ऑर्गनाइज करने की जरूरत रहती है, ताकि यह सही समय पर बच्चे को मिल सके.

माता-पिता को फॉर्मूला दूध खरीदने की जरूरत पड़ती है और यदि यह रात को खत्म हो गया, तो उसी समय स्टोर जाना पड़ता है. इसके साथ ही हर समय जरूरी सप्लाई जैसे बोतल और निप्पल को साफ व तैयार रखने की जरूरत भी पड़ती है.

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फॉर्मूला दूध का खर्च

फॉर्मूला दूध महंगा भी पड़ सकता है. इसके लिए महीने के बजट में इसे भी शामिल करना पड़ता है, क्योंकि अच्छी क्वालिटी और ब्रांड का फॉर्मूला दूध महंगा आता है.

शिशु को गैस व कब्ज

फॉर्मूला दूध पीने से शिशु को गैस और कब्ज की शिकायत होने की आशंका रहती है.

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फॉर्मूला दूध को ब्रेस्ट दूध के विकल्प के तौर पर तैयार किया गया है, जिसमें कुछ विटामिन और न्यूट्रिएंट्स भी होते हैं. फॉर्मूला दूध पिलाने के कई फायदे हैं. वहीं, फॉर्मूला दूध को अलग से ऑर्गनाइज करने की जरूरत पड़ती है और इसे पीने से शिशुओं को गैस और कब्ज की समस्या जैसे नुकसान भी हो सकते हैं. बेहतर तो यह होगा कि शिशु के लिए दूध चुनने से पहले पीडियाट्रिशियन से सलाह ले ली जाए.

Dr. Mayur Kumar Goyal

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