भारत में कोविड-19 महामारी के बीच जुलाई 2020 में आईसीएमआर ने एक पेपर रिलीज किया जिसमें यह बताया गया कि वैज्ञानिकों ने एक दूसरे वायरस के खिलाफ भी एंटीबॉडीज का पता लगाया है और वह वायरस है- कैट क्यू वायरस। इंसानों के 883 सैंपल्स में से 2 ह्यूमन सीरम सैंपल में कैट क्यू वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज पायी गई और मच्छरों की 3 प्रजाति- क्यूलेक्स क्वीनक्वेफैस्सियाटस, क्यूलेक्स ट्रिटैनिऑरिन्हिन्चस और एडिस एजिप्टी में भी।

आईसीएमआर के इस पेपर ने बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान आकर्षित किया और इसकी मुख्य वजह ये भी है कि अब तक इस नए कोरोना वायरस इंफेक्शन के बारे में ही बहुत ज्यादा जानकारी नहीं मिल पायी है और रोजाना कोई न कोई नई बात सामने आ रही है। ऐसे में कैट क्यू वायरस क्या है और यह किस तरह से इंसानों को प्रभावित कर सकता है यह जानने में सभी लोगों की दिलचस्पी है।

कैट क्यू वायरस एक अर्बोवायरस है जो मच्छरों के काटने से फैलता है। कैट क्यू वायरस के बारे में बहुत अधिक जानकारी मौजूद नहीं है सिवाय इसके कि इसे पहली बार साल 2004 में मच्छरों से अलग करके आइसोलेट किया गया था जब वियतनाम और फिर युगांडा में एक्यूट पीडियाट्रिक इंसेफेलाइटिस के कई मामले सामने आए थे और वैज्ञानिक इसका कारण जानने की कोशिश में जुटे थे। अध्ययनों से पता चला है कि सूअर इस वायरस के प्राथमिक मेजबान (प्राइमरी होस्ट) हैं और यह इंसानों को भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि इस वायरस के कारण किसी तरह की महामारी फैलने का खतरा बेहद कम या बिलकुल नहीं के बराबर है। 

कैट क्यू वायरस क्या है? - What is Cat Que Virus Infection in Hindi

कैट क्यू वायरस एक अर्बोवायरस है जो ऑर्थोबुन्यावायरस जीनस और बुन्याविरिडे परिवार के सिम्बु सेरोग्रुप वायरस से संबंध रखता है। सेरोग्रुप वायरस, इंसानों के साथ ही आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण पशुधन प्रजातियों में भी संक्रमण का कारण माने जाते हैं। कैट क्यू वायरस को पहली बार साल 2004 में मच्छरों से अलग करके आइसोलेट किया गया था जब अर्बोवायरस सर्विलांस के दौरान वियतनाम और फिर युगांडा में एक्यूट पीडियाट्रिक इंसेफेलाइटिस के कई मामले सामने आए थे।

हालांकि अब भी इस कैट क्यू वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन अध्ययनों से पता चला है कि सूअर इस वायरस के प्राथमिक मेजबान (प्राइमरी होस्ट) हैं। वायरस को चीन के क्यूलेक्स मच्छरों से भी अलग किया गया है और इससे पहले जंगली मैना जैसे पक्षियों से भी। कैट क्यू वायरस के बारे में बताया जा रहा है कि यह मच्छर के काटने से फैल सकता है।

(और पढ़ें- मच्छर के काटने पर क्या करें और क्या लगाएं)

पियर रिव्यूड जर्नल वेक्टर-बॉर्न एंड जूनॉटिक डिजीजेज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, चीन के एक प्रांत में स्थानीय रूप से पाले गए सूअरों में कैट क्यू वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज पाईं गईं, जो इस बात का संकेत देता है कि इस क्षेत्र में वायरस का एक प्राकृतिक चक्र है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

कैट क्यू वायरस संक्रमण के लक्षण - Cat Que Virus Infection Symptoms in Hindi

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, अब तक कैट क्यू वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, इसी वायरस परिवार से संबंधित अन्य वायरस इंसेफेलाइटिस, हीमोरेजिक या रक्तस्रावी बुखार और मेनिनजाइटिस जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। (इस वायरस को तब आइसोलेट किया गया था जब अनुसंधानकर्ता बच्चों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस के कारणों की खोज कर रहे थे) इंसेफेलाइटिस से पीड़ित बच्चे में निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं:

कैट क्यू वायरस संक्रमण के कारण - Cat Que Virus Infection Causes in Hindi

ऐसा माना जा रहा है कि सूअर इस वायरस के प्राथमिक मेजबान (प्राइमरी होस्ट) हैं। इसका मतलब ये हुआ कि सूअर इस वायरस को आश्रय देते हैं और संक्रमण का स्रोत भी हो सकते हैं। जंगली मैना को भी कैट क्यू वायरस के मेजबान के रूप में पाया गया है।

हालांकि, ICMR के अध्ययन के अनुसार, कैट क्यू वायरस मच्छरों के काटने से फैलता है। विशेष रूप से, क्यूलेक्स क्वीनक्वेफैस्सियाटस, क्यूलेक्स ट्रिटैनिऑरिन्हिन्चस और एडिस एजिप्टी मच्छर इस बीमारी को फैला सकते हैं। 

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

कैट क्यू वायरस संक्रमण के बचाव के उपाय - Prevention of Cat Que Virus Infection in Hindi

चूंकि वायरस मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए संक्रमण को रोकने के तरीकों में से एक यह है कि आप जहां रहते हैं वहां अपने आसपास मच्छरों के प्रजनन को रोकें और मच्छरों के काटने से बचने के लिए उचित उपाय करें। यहां कुछ चीजें बतायी जा रही हैं जो आप कर सकते हैं:

  • जब भी घर से बाहर जाएं तो पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, खासकर खुले इलाकों में जहां मच्छरों के काटने की आशंका अधिक होती है।
  • मच्छर भगाने वाले रेप्लेंट्स और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • अपने घर और कार्यालयों के आसपास जलजमाव न होने दें। 
  • सप्ताह में कम से कम एक बार अपने कूलर या किसी भी छोटे कंटेनर में पानी बदलना सुनिश्चित करें।

कैट क्यू वायरस संक्रमण का निदान - Diagnosis of Cat Que Virus Infection in Hindi

ICMR की स्टडी ने सुझाव दिया कि जानवरों में इस वायरस की उपस्थिति का मतलब यह हो सकता है कि एशियाई देश इस वायरस के प्रति अतिसंवेदनशील हो सकते हैं। भारत में ऐनिमल होस्ट और ग्रहणशील या अतिसंवेदनशील मच्छरों की उपस्थिति इस बात का संकेत देती है कि कैट क्यू वायरस, देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिहाज से चिंता का विषय बन सकता है। अध्ययन ने संकेत दिया कि आबादी में इस वायरस की व्यापकता की जांच करने के लिए इंसानों के साथ ही पशुओं के भी और अधिक नमूनों की जांच की जानी चाहिए। 

अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने रियल टाइम आरटी-पीसीआर टेस्ट का इस्तेमाल किया, ताकि सीरम (खून) के नमूनों में वायरल डीएनए की उपस्थिति की खोज की जा सके।  उन्होंने दिए गए नमूनों में आईजीजी एंटीबॉडी की उपस्थिति की जांच के लिए एलिसा आधारित एंटीबॉडी परीक्षणों का भी इस्तेमाल किया। 

इंसेफेलाइटिस तो आमतौर पर स्पष्ट लक्षणों से ही डायग्नोज हो जाता है, लेकिन वायरस या एंटीबॉडी की खोज के लिए ब्लड टेस्ट और ब्रेन में असामान्यताओं की जांच के लिए सीटी स्कैन और एमआरआई और ईईजी जैसे इमेजिंग परीक्षणों का इस्तेमाल किया जाता है। मस्तिष्कमेरु (सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड) में संक्रमण की जांच के लिए लंबर पंक्चर भी किया जा सकता है।

कैट क्यू वायरस संक्रमण का उपचार - Cat Que Virus Infection Treatment in Hindi

कैट क्यू वायरस के इलाज के लिए अब तक कोई शोध उपलब्ध नहीं है। हालांकि, बच्चों में इन्सेफेलाइटिस का इलाज बच्चे की उम्र, लक्षण और सामान्य रूप से स्वास्थ्य के आधार पर किया जाता है। बच्चे के ब्रेन में सूजन को कम करने के लिए कोर्टिकोस्टेरॉयड्स दिया जाता है, संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए एंटीवायरल दवाइयां दी जाती हैं और बुखार और बाकी के लक्षणों को नियंत्रित करने केलिए भी अलग-अलग दवाइयां दी जाती हैं। 

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

कैट क्यू वायरस संक्रमण के जोखिम और जटिलताएं - Cat Que Virus Infection Risks & Complications in Hindi

कैट क्यू वायरस के संक्रमण के जोखिमों और जटिलताओं के बारे में ज्यादा जानकारी अभी मौजूद नहीं है। वैसे इंसेफेलाइटिस से ज्यादातर बच्चे ठीक हो जाते हैं। हालांकि, कुछ बच्चों को बोलने में दिक्कत, स्मृति हानि या मांसपेशियों के नियंत्रण की हानि जैसी समस्याएं हो सकती हैं जिन्हें मैनेज करने के लिए थेरेपी की आवश्यकता होती है।

Dr Rahul Gam

संक्रामक रोग
8 वर्षों का अनुभव

Dr. Arun R

संक्रामक रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Neha Gupta

संक्रामक रोग
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Anupama Kumar

संक्रामक रोग

और पढ़ें...
ऐप पर पढ़ें