कीटो डाइट का चलन तेजी से बढ़ रहा है. अब ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो कीटाे डाइट को फॉलो कर रहे हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे वजन तेजी से कम होता है और मोटापा घटता है. कई लोगों का ऐसा भी मानना है कि कीटो डाइट से प्रजनन क्षमता बेहतर होती है. कुछ वैज्ञानिक शोध में इसकी पुष्टि होती है. यही नहीं कीटो डाइट हार्मोन को भी संतुलित करने में मददगार है.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि कीटो डाइट से प्रजनन क्षमता बेहतर हो सकती है या नहीं -

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  1. कीटो डाइट से प्रजनन क्षमता कैसे बेहतर होती है?
  2. सारांश
क्या कीटो डाइट से प्रजनन क्षमता बेहतर होती है? के डॉक्टर

कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट कम होता है, जो वजन कम करने में मदद करता है. वजन के कम होने से प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है. इस तरह से देखा जाए तो कीटो डाइट से प्रजनन क्षमता के बेहतर होने में सहायता मिल सकती है. साथ ही शोध यह भी कहते हैं कीटो डाइट में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एजिंग प्रभाव भी होते हैं, जो व्यक्ति को जवां और फिट बनाए रखने में मदद कर सकते हैं. आइए, विस्तार से जानते हैं कि कैसे कीटो डाइट से प्रजनन क्षमता बेहतर होती है -

कीटो डाइट वजन करे कम

यह सभी जानते हैं कि ज्यादा वजन प्रजनन क्षमता को विपरीत तरीके से प्रभावित करता है. इसलिए, मोटापा कम होने से फर्टिलिटी में भी सुधार हो सकता है. ऐसे में यदि कोई कीटो डाइट ले, जिसमें कार्बोहाइड्रेट कम, प्रोटीन मीडियम और फैट ज्यादा होता है, तो यह शरीर को प्राकृतिक रूप से मेटाबॉलिक अवस्था में रखता है. कार्बोहाइड्रेट कम होने से शरीर एनर्जी की जगह फैट को तेजी से बर्न करता है. इससे वजन कम होता है और बदले में प्रजनन क्षमता में सुधार आने में मदद मिल सकती है.

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संतुलित हार्मोन

अगर कोई व्यक्ति सही तरीके से कीटो डाइट को फॉलो करता है, तो इससे रिप्रोडक्टिव हार्मोन संतुलित हो सकते हैं. कीटो डाइट से टेस्टोस्टेरोनल्यूटिनाइजिंग हार्मोन और फॉलिकल स्टिमुलेटिंग जैसे रिप्रोडक्टिव हार्मोन के स्तर को नियमित होने में मदद मिल सकती है.

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पीसीओएस में फायदेमंद

शोध के अनुसार, पीसीओएस यानी पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से परेशान महिलाओं के हार्मोन को नियमित करने में भी कीटो डाइट सहायक है. पीसीओएस इंसुलिन रेसिस्टेंस, सेक्स स्टेरॉइड मेटाबॉलिज्म और मासिक धर्म को प्रभावित करता है. वहीं, कीटो डाइट से न सिर्फ पीरियड्स नियमित होते हैं, बल्कि ओवुलेशन की प्रक्रिया भी ठीक हो सकती है और इस तरह से प्रजनन क्षमता में सुधार आने की संभावना बढ़ जाती है.

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स्पर्म में सुधार

ज्यादा वजन न सिर्फ महिलाओं को, बल्कि पुरुषों को भी प्रभावित करता है. डाइट में ज्यादा कार्बोहाइड्रेट और शुगर के होने से स्पर्म की सेहत खराब होती है, जो स्पर्म की गुणवत्ता और आकार को भी प्रभावित करता है. ऐसे में कीटो डाइट स्पर्म की सेहत को बेहतर बनाने में भूमिका निभाता है.

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कीटो डाइट तेजी से वजन कम करने और हार्मोन को नियमित करने में मददगार है. साथ ही यह महिलाओं में पीसीओएस को ठीक करने और पुरुषों में स्पर्म की सेहत में सुधार लाने में भी सहायक है. इन कारणों की वजह से यह कहा जा सकता है कि कीटो डाइट से प्रजनन क्षमता बेहतर होती है. वहीं, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि प्रेगनेंसी के समय महिलाओं को हर तरह के भोजन का सेवन करना चाहिए. इसलिए, प्रेगनेंसी की कोशिश से पहले ही कीटो डाइट को फॉलो करना ठीक है.

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