टाकायासु आर्टेराइटिस एक दुर्लभ प्रकार का वैस्कुलाइटिस (रक्त वाहिकाओं की सूजन) है। टाकायासु आर्टेराइटिस में यह सूजन महाधमनी को नुकसान पहुंचाती है। महाधमनी का कार्य खून को दिल से शरीर के बाकी हिस्सों में ले जाना है।

टाकायासु आर्टेराइटिस की वजह से भुजा या सीने में दर्द, हाई बीपी और अंततः हार्ट फेलियर या स्ट्रोक की समस्या हो सकती है।

यदि टाकायासु आर्टेराइटिस के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, तो ऐसे में आपको उपचार की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन बीमारी वाले अधिकांश लोगों में धमनियों में सूजन को नियंत्रित करने और जटिलताओं को रोकने के लिए दवाओं की आवश्यकता होती है।

टाकायासु आर्टेराइटिस के संकेत और लक्षण क्या हैं? - Takayasu's Arteritis Symptoms in Hindi

टाकायासु आर्टेराइटिस के लक्षण अक्सर दो चरणों में होते हैं।

चरण 1

पहले चरण में, आप अस्वस्थ महसूस कर सकते हैं :

हर किसी में यह लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।

चरण 2
दूसरे चरण के दौरान, सूजन की वजह से धमनियों में खून और ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है जिसकी वजह से कम मात्रा में पोषक तत्व अंगों और ऊतकों तक पहुंच पाते हैं। चरण 2 के संकेत और लक्षणों में शामिल हो सकते हैं :

टाकायासु आर्टेराइटिस का कारण क्या है? - Takayasu's Arteritis Causes in Hindi

टाकायासु आर्टेराइटिस का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह एक तरह का ऑटोइम्यून डिजीज हो सकता है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वस्थ धमनियों को नुकसान पहुंचाने लगती है।

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टाकायासु आर्टेराइटिस का निदान कैसे किया जाता है? - Takayasu's Arteritis Diagnosis in Hindi

टाकायासु आर्टेराइटिस का निदान करना आसान नहीं है, क्योंकि इसके लक्षण हृदय संबंधी अन्य समस्याओं से मिलते जुलते हैं। आर्टेराइटिस के निदान के लिए किए गए कुछ सबसे आम परीक्षण हैं :

  • एंजियोग्राफी : एक पतली ट्यूब (कैथेटर) को रक्त वाहिका में डाला जाता है और इस ट्यूब के माध्यम से विशेष डाई को रक्तप्रवाह तक पहुंचाया जाता है। इसके बाद एक्स-रे किया जाता है, ताकि यह पता चल सके कि नसों और धमनियों में खून का बहाव कैसा है। एंजियोग्राम की मदद से संकुचित रक्त वाहिकाओं का पता लगाया जा सकता है। आमतौर पर एक कॉन्ट्रास्ट डाई नसों के जरिए दिया जाता है।
  • मैग्नेटिक रिसोनेंस एंजियोग्राफी (एमआरए): यह एक तरह का एमआरआई है, जिसकी मद से र​क्त वाहिकाओं की जांच की जा सकती है।
  • ब्लड टेस्ट : सूजन के लक्षण देखने के लिए ब्लड टेस्ट किया जा सकता है। डॉक्टर एनीमिया के लिए भी जांच कर सकते हैं।

(और पढ़ें - एनीमिया के घरेलू उपाय)

टाकायासु आर्टेराइटिस का इलाज कैसे किया जाता है? - Takayasu's Arteritis Treatment in Hindi

टाकायासु आर्टेराइटिस का लक्ष्य सूजन को कम करना और धमनी की दीवारों को लगातार हो रहे नुकसान को रोकना है। इसके हल्के मामलों में किसी दवा की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन गंभीर मामलों में शुरुआत में कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स दवाओं का हाई डोज दिया जा सकता है। इसके बाद अगले कई हफ्तों या महीनों के दौरान, डोज की मात्रा कम कर दी जाती है। 

साइटोटॉक्सिक दवाएं जैसे कि मेथोट्रेक्सेट और एजैथियोप्रिन, प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया को कम करने में सहायक हो सकते हैं। साइटोटॉक्सिक दवाओं को कैंसर से लड़ने के लिए भी जाना जाता है।

इस स्थिति में बायोलॉजिक्स का भी उपयोग किया जा सकता है। बायोलॉजिक्स ऐसी दवाएं हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर अलग-अलग तरीके से असर करती हैं। इसके अलावा रिटक्सिमैब और इन्फ्लिक्सिमैब जैसी दवाएं प्रतिरक्षा प्रणाली की असामान्यताओं को ठीक करने में मदद कर सकती हैं।

यदि दवाओं से स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया जा सकता है, तो विभिन्न प्रक्रियाओं की मदद ली जा सकती है। उदाहरण के लिए दिल की मांसपेशियों तक खून की आपूर्ति करने वाली धमनियां यदि संकुचित हैं, तो ऐसे में 'कोरोनरी आर्टेरी बाईपास' की आवश्यकता हो सकती है।

टाकायासु आर्टेराइटिस का इलाज 'बैलून एंजियोग्राफी' की मदद से भी किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में एक कैथेटर को रक्त वाहिका में डाला जाता है, कैथेटर की नोक पर एक पिचका हुआ गुब्बारा लगा होता है। जहां धमनी संकुचित होती है, वहां इस गुब्बारे को जरूरत के अनुसार फुलाया जाता है। इससे धमनी को खोलने में मदद मिलती है।

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