क्या आपके पास हेल्थ इन्शुरन्स प्लान है? अगर है तो आप टीपीए के बारे में जानते होंगे। नहीं भी जानते तो कोई बात नहीं, हम यहां आपको टीपीए के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। किसी आपात स्थिति में यदि अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो यहां टीपीए की भूमिका काफी अहम हो जाती है। हालांकि, आजकल कई हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियां स्वयं ही क्लेम सेटेलमेंट आदि कार्यों को संभालती हैं, जबकि आमतौर पर इस कार्य के लिए टीपीए की मदद ली जाती है। टीपीए यानी थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर एक तरह से इन्शुरन्स कंपनी और इन्शुरन्स ग्राहकों के बीच मध्यस्थ होते हैं। यदि आप अभी तक भी टीपीए के बारे में नहीं जानते हैं तो अपनी हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी का हेल्थ कार्ड गौर से देखें। यदि कंपनी टीपीए की मदद लेती है तो उस कार्ड पर टीपीए का नाम जरूर दर्ज होगा। हेल्थ इन्शुरन्स के लिए हम हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियों के पास जाते हैं, जबकि पॉलिसी से संबंधित किसी भी समस्या के निवारण के लिए टीपीए पर निर्भर रहना होता है। टीपीए की भूमिका को विस्तार से समझने के लिए इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें -

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  1. टीपीए क्या है? - What is a TPA in Hindi?
  2. टीपीए क्यों जरूरी है - Relevance of TPA in Health Insurance in Hindi
  3. हेल्थ इन्शुरन्स में टीपीए की भूमिका क्या है - What is the Role of TPA in Health Insurance in Hindi?
  4. टीपीए किस तरह से पॉलिसीधारकों की मदद करता है - How TPA helps Policyholders in Health Insurance in Hindi?
  5. हेल्थ इन्शुरन्स में टीपीए को कैसे रद्द करें - How to Cancel TPA in Health Insurance in Hindi
  6. भारत में मौजूद कुछ टीपीए के नाम - List of TPA's in India in Hindi

टीपीए को साधारण शब्दों में समझना चाहें तो यह वह संस्था होती है, जो आपके मेडिकल क्लेम को प्रोसेसस करता है। टीपीए इन्शुरन्स कंपनी और उसके ग्राहकों के बीच एक सेतु की तरह है, जो दोनों की जरूरतों को पूरा करता है। इनका अपना अलग अस्तित्व तो होता है, लेकिन एक ग्राहक के लिए यह इन्शुरन्स कंपनी के नुमाइंदे की तरह है। जिस तरह से आईआरडीएआई, इन्शुरन्स कंपनी और उसके एजेंटेस को लाइसेंस देता है उसी तरह से टीपीए को भी आईआरडीएआई से ही लाइसेंस लेना होता है।

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आज देश में कई हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियां अपने अलग-अलग तरह की पॉलिसी के साथ मौजूद हैं। जैसे-जैसे कंपनियां और प्लान बढ़े हैं, इन्शुरन्स के प्रति जागरुकता बढ़ी है, वैसे-वैसे ग्राहकों की संख्या भी बढ़ी है। ऐसे में ग्राहकों को बेहतर सेवा मिलने में समस्याएं हो सकती हैं। ग्राहकों को कम से कम समय में उत्तम सेवा मिले, इस बात का ध्यान भी आईआरडीएआई ही रखता है। इसी को मद्देनजर रखते हुए आईआरडीएआई ने थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर को लाइसेंस देना शुरू किया और उन्हें लगातार उच्चतम स्तर की सेवा के लिए उत्तरदायी बनाया। इसके अलावा एक साथ कई सारे हेल्थ इन्शुरन्स क्लेम को निपटाने की जिम्मेदारी भी टीपीए को सौंपी गई।

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टीपीए आपके हॉस्पिटल बिल और अन्य खर्चों का ध्यान रखता है। अगर आपके परिवार का कोई सदस्य या कोई मित्र अस्पताल में भर्ती है तो आप उनकी देखरेख करें, उनके साथ वक्त बिताएं और उन्हें जल्द से जल्द स्वस्थ होने के लिए प्रेरित करें। बाकी चीजों की जिम्मेदारी निभाने के लिए टीपीए है ना।

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ज्यादातर हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियां टीपीए की नियुक्ति करती हैं। आपको टीपीए को कुछ भी भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आप नेटवर्क अस्पताल में इलाज के लिए जाते हैं तो टीपीए आपका कैशलेस क्लेम सेटेल कराती है, जबकि नॉन-नेटवर्क हॉस्पिटल में इलाज कराने पर बाद में आपके बिलों को रिइम्बर्स कराती है। टीपीए ग्राहक के सीधे संपर्क में रहती है और क्लेम में उसकी मदद करता है। इसके अलावा फर्जी क्लेम या किसी गड़बड़ी के मामले की जांच करने की जिम्मेदारी भी टीपीए की ही होती है। टीपीए के बारे में कुल मिलाकर यह बातें कही जा सकती हैं -

  • टीपीए स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में अपनी जानकारी को ग्राहकों के साथ साझा करता है
  • इन्शुरन्स कंपनी की सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करता है
  • टीपीए ही क्लेम से संबंधित जांच और प्रबंधन करता है
  • टीपीए कैशलेस और रिइम्बर्समेंट क्लेम की जांच करता है

किसी भी हेल्थ इन्शुरन्स क्लेम को प्रोसेस करने में टीपीए की बड़ी अहम भूमिका होती है। टीपीए के कुछ प्रमुख कार्य नीचे बताए गए हैं -

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बीमाधारकों को हेल्थ कार्ड जारी करना

बीमाधारक को जारी होने वाली हर एक हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी एक पूरी सत्यापन प्रक्रिया से गुजरती है। यह प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही बीमाधारक को एक हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराया जाता है। इस हेल्थ कार्ड में बीमाधारक का नाम, उम्र और पॉलिसी नंबर के साथ ही उस टीपीए का नाम भी दर्ज होता है, जो जरूरत के समय आपके क्लेम प्रोसेस के लिए जिम्मेदार होगा। अस्पताल में भर्ती होते समय बीमाधारक को यह कार्ड अस्पताल में दिखाना होता है। इसी कार्ड के आधार पर अस्पताल से आपकी इन्शुरन्स कंपनी या टीपीए को आपके क्लेम के बारे में जानकारी पहुंचाई जाती है। इस कार्ड को संभालकर हमेशा अपने पास रखें, क्योंकि किसी भी क्लेम प्रोसेस के लिए यह सबसे जरूरी दस्तावेजों में से एक है।

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क्लेम प्रोसेस और सेलटमेंट का आसान निपटारा

जैसे ही कोई बीमाधारक क्लेम करता है, टीपीए की जिम्मेदारी होती है कि वह उस क्लेम का जल्द से जल्द निपटारा करे। टीपीए की जिम्मेदारी होती है कि वह क्लेम के लिए लगाए गए सभी दस्तावेजों की जांच करे। यदि टीपीए आपके द्वारा जमा कराए गए दस्तावेजों से संतुष्ट नहीं है तो वह आपसे अतिरिक्त दस्तावेजों और जानकारी की मांग कर सकता है। इसके बाद टीपीए की ही जिम्मेदारी है कि वह कैशलेस या रिइम्बर्समेंट क्लेम का निपटारा करे। कैशलेस क्लेम के मामले में टीपीए सीधे अस्पताल से दस्तावेजों को एकत्र करता है। जबकि रिइम्बर्समेंट के मामले में वह बीमाधारक से सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ ऑरिजिनल बिल्स की भी मांग करता है।

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वैल्यू-ऐडेड सेवाओं की व्यवस्था करना

क्लेम प्रोसेस का निपटारा करने और बीमाधारक का हेल्थ कार्ड बनाने के अलावा भी टीपीए की कई अन्य जिम्मेदारियां होती हैं। टीपीए ही अन्य सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, वेलबीईंग प्रोग्राम आदि की भी व्यवस्था करता है।

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हेल्पलाइन सुविधा

क्लेम से संबंधित किसी भी तरह की मदद या जानकारी के लिए बीमाधारक टीपीए की हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं। हेल्पलाइन सेवा 24x7 काम करती हैं और देश के किसी भी हिस्से से इन नंबरों पर कॉल किया जा सकता है। कई टीपीए अपने ग्राहकों को टोलफ्री कॉलिंग भी उपलब्ध कराते हैं। बीमाधारक टीपीए की हेल्पलाइन पर कॉल करके अपने क्लेम के स्टेटस के बारे में जानकारी ले सकता है।

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अस्पतालों के नेटवर्क को मजबूत करना

हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी का पूरा-पूरा लाभ लेने के लिए टीपीए की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। टीपीए का एक उत्तरदायित्व हॉस्पिटल के नेटवर्क को मजबूत करना और बढ़ाना भी होता है, ताकि बीमाधारकों को उचित समय पर शीघ्रता से उपचार मिल सके। टीपीए अपनी तरफ से कोशिश करता है कि वह अपने नेटवर्क में अच्छे से अच्छे अस्पतालों को जोड़े, ताकि बीमाधारक को कैशलेस इलाज मिल सके और उसके लिए हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी को भी कम से कम भुगतान करना पड़े।

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टीपीए हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी और बीमाधारक के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभाता है। हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी के तहत दावा प्रक्रिया (क्लेम प्रोसेस) को सरल बनाना टीपीए की जिम्मेदारी है। यह तो हम जानते ही हैं कि क्लेम दो तरह के होते हैं - 1. कैशलेस और 2. रिइम्बर्समेंट 

जैसे ही कोई मेडिकल या इमरजेंसी ट्रीटमेंट की जरूरत आन पड़ती है, बीमाधारक तुरंत अस्पताल पहुंचता है। यदि बीमाधारक को 24 घंटे से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहने की जरूरत होती है तो वह हेल्थ इन्शुरन्स क्लेम कर सकता है। हालांकि, मोतियाबिंद ऑपरेशन जैसे डे-केयर ट्रीटमेंट में 24 घंटे भर्ती रहने का नियम लागू नहीं होता।

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अस्पताल में भर्ती होने के मामले में बीमाधारक को टीपीए या इन्शुरन्स कंपनी को सूचित करने की आवश्यकता होती है। जैसे ही टीपीए को यह जानकारी मिलती है, वह यदि संभव हो तो अस्पताल को कैशलेस सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहता है। यदि कैशलेस क्लेम प्रोसेस नहीं हो सकता तो बाद में बिल को रिइम्बर्स किया जा सकता है। एक बार जब बीमाधारक का इलाज हो जाता है तो अस्पताल सभी बिल और जरूरी दस्तावेज कैशलेस स्वीकृति के लिए टीपीए के पास भेज देता है। यदि कैशलेस इलाज उपबल्ध नहीं हो तो यह सभी बिल और दस्तावेज बीमाधारक को दिए जाते हैं और वह बाद में रिइम्बर्समेंट करवा सकता है।

टीपीए सभी बिलों और दस्तावेजों की करीब से जांच करता है और इसके बाद क्लेम सेटलमेंट की मंजूरी दे देता है। यदि कैशलेस इलाज हो रहा है तो बिल का भुगतान सीधे अस्पताल को होता है। जबकि रिम्बर्समेंट के मामले में यह बीमाधारक के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

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इससे पहले कि आप अपनी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी से टीपीए को हटाने का फैसला लें, बता दें कि यह आपको सुविधा देने के लिए हैं। यदि आपको दी जा रही सेवाओं के बीच में कोई समय अंतराल या गड़बड़ी है तो आप अपनी इन्शुरन्स कंपनी से बात कर सकते हैं। इन्शुरन्स कंपनी इस संबंध में टीपीए से जवाब-तलब करेगी और आपको इस संबंध में पूरी प्रक्रिया की प्रगति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इसके बावजूद यदि आपको लगता है कि आपको टीपीए की सुविधाएं नहीं चाहिए या आप अपने टीपीए से खुश नहीं हैं और किसी अन्य टीपीए की सेवाएं लेना चाहते हैं तो इस बारे में इन्शुरन्स कंपनी को बता सकते हैं। नीचे आपको बता रहे हैं कि आप अपनी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी से टीपीए को किस तरह हटा सकते हैं -

  • सबसे पहले अपनी इन्शुरन्स कंपनी से ईमेल या फोन के जरिए संपर्क करें
  • कंपनी के साथ अपनी पॉलिसी के विवरण साझा करें और यदि यूनीक आईडी है तो वह भी दें
  • आप अपने मौजूदा टीपीए को क्यों हटाना चाहते हैं, इस बारे में विस्तार से कारण बताएं
  • यदि इन्शुरन्स कंपनी टीपीए बदलने की अनुमति देती है तो आप एक लिस्ट में से अपनी पसंद के टीपीए को चुन सकते हैं

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भारत में तीस इन्शुरन्स कंपनियां हैं जो हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी बेचती हैं। इतनी इन्शुरन्स कंपनियों को देश के हर कोने में क्लेम प्रोसेस में मदद के लिए टीपीए की भी आवश्यकता होती है। पूरे देश में कई टीपीए हैं जो अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एक ही इन्शुरन्स कंपनी कई टीपीए की सेवाएं लेती है और एक ही टीपीए कई इन्शुरन्स कंपनियों के लिए सेवाएं देता है। नीचे कुछ प्रमुख टीपीए की लिस्ट दी जा रही है, लेकिन देश में इनके अलावा भी कई अन्य टीपीए मौजूद हैं -

  • मेडी असिस्ट इंडिया टीपीए प्रा. लिमिटेड
  • यूनाइटेड हेल्थकेयर पारेख टीपीए प्रा. लिमिटेड
  • पैरामाउंट हेल्थ सर्विसेज एंड इंश्योरेंस टीपीए प्रा. लिमिटेड
  • मेड सेव हेल्थ केयर टीपीए लिमिटेड
  • मेडिकेयर टीपीए सर्विसेज (आई) प्रा. लिमिटेड
  • रक्षा टीपीए प्रा. लिमिटेड
  • विपुल मेड कॉर्प टीपीए. प्रा. लिमिटेड
  • ई मेडिटेक (टीपीए) सर्विसेज लिमिटेड
  • एमडी इंडिया हेल्थकेयर (टीपीए) सर्विसेज (प्राइवेट) लिमिटेड
  • अन्युता टीपीए इन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड
  • ईस्ट वेस्ट असिस्ट टीपीए प्रा. लिमिटेड
  • जेनिंस इंडिया इंश्योरेंस टीपीए लिमिटेड
  • अलंकित इंश्योरेंस टीपीए लिमिटेड
  • फैमिली हेल्थ प्लान (टीपीए) लिमिटेड
  • फोकस हेल्थसर्विसेज टीपीए प्रा. लिमिटेड
  • विडाल हेल्थ टीपीए प्राइवेट लिमिटेड
  • हेल्थ इंडिया टीपीए सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
  • गुड हेल्थ टीपीए सर्विसेज लिमिटेड
  • हेरिटेज हेल्थ टीपीए प्रा. लिमिटेड
  • पार्क मेडिक्लेम टीपीए प्राइवेट लिमिटेड
  • अनमोल मेडिकेयर टीपीए लिमिटेड
  • डेडिकेटेड हेल्थकेयर सर्विसेज टीपीए (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड
  • ग्रैंड हेल्थ केयर टीपीए सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
  • हेल्थ इंश्योरेंस टीपीए ऑफ इंडिया लिमिटेड
  • रोथशील्ड हेल्थकेयर (टीपीए) सर्विसेज लिमिटेड
  • डेडिकेटेड हेल्थकेयर सर्विसेज टीपीए (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड
  • स्पर्थी मेडिटेक टीपीए सॉल्यूशंस प्रा. लिमिटेड संख्या
  • एरिक्सन टीपीए हेल्थकेयर प्रा. लिमिटेड
  • श्री गोकुलम हेल्थ सर्विसेज टीपीए (पी) लिमिटेड
  • सेफवे टीपीए सर्विसेज प्रा.लिमिटेड

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में क्या-क्या कवर होता है)

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