यूरिन/कोर्टिसोल-क्रिएटिनिन रेश्यो एक टेस्ट है जो कि शरीर में कोर्टिसोल के स्तर की जांच करता है।
कोर्टिसोल एक स्टेरॉयड हार्मोन है जो कि एड्रिनल ग्रंथियों द्वारा बनाया जाता है। एड्रिनल ग्रंथियां किडनी के ऊपर मौजूद छोटी ग्रंथियां हैं। इस हार्मोन का स्त्राव एचपीए की धुरी (एड्रिनल ग्रंथि, हाइपोथैलेमस और मस्तिष्क में मौजूद पिट्यूटरी ग्रंथि का एक मेल) द्वारा नियंत्रित होता है।
कोर्टिसोल शरीर में विभिन्न कार्य करता है। यह याददाश्त बनाने में, मेटाबोलिज्म को नियंत्रित रखने में, नमक का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है और रक्त चाप व ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोर्टिसोल गर्भवती महिलाओं में भ्रूण के विकास करने में भी मदद करता है।
सबसे महत्वपूर्ण, कोर्टिसोल शरीर का फाइट और फ्लाइट हार्मोन है। यह तनाव की प्रतिक्रिया स्वरूप शरीर में स्त्रावित होता है। ऐसी स्थितियों में, कोर्टिसोल के निम्न प्रभाव होते हैं -
- रक्तचाप पर नियंत्रण
- मेटाबोलिज्म को नियंत्रित किया जाता है, ताकि अधिक ग्लूकोज का उत्पादन किया जा सके
- सूजन में कमी
रक्त में लंबे समय तक कोर्टिसोल का अधिक स्तर होना व्यक्ति की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
एक स्वस्थ व्यक्ति में कोर्टिसोल के स्तर सुबह सबसे अधिक और मध्यरात्रि तक सबसे कम होते हैं। दूसरी तरफ, क्रिएटिनिन के स्तर यूरिन में हमेशा एक समान होते हैं। इसीलिए क्रिएटिनिन यूरिन में सामान्य जमाव के एक मानक के रूप में कार्य करता है, जिसके विरुद्ध कोर्टिसोल के स्तरों की जांच व गणना होती है। रेश्यो पर निभर करते हुए यह देखा जा सकता है कि शरीर अधिक कोर्टिसोल बना रहा है या नहीं।
इसके साथ ही कोर्टिसोल के स्तरों की जांच करने के लिए चौबीस घंटे के यूरिन सैंपल पर एक यूरिन टेस्ट किया जाता है। इससे पूरे दिन में स्त्रावित हुए कोर्टिसोल की औसत मात्रा का पता चल जाता है और इससे अधिक सटीक परिणाम आते हैं।